Friday, 27 November 2015

तीन दिन पहले एक मेजर के बच्चे को आग देते हुए नहीं देखा आप उसकी लाश पर क्रिकेट खेलेंगे गजल सुनेगे बहुत तमाशा हो चुका ।
फ़्रांस ने 24 घंटे में ईट से ईट बजा दी हमारी तरह ग़ज़ल और क्रिकेट नहीं खेल रहे और उन दोगलो से जो असहिष्णुता की बात कर रहे है उन्हें एक फौजी के नाते कहना चाह रहा हूँ की हम आतंक के खिलाफ सहनशील नहीं है ।
हम अपने सैनिको की शहादत पर सहनशील नहीं है । खून को खौला देने वाला बक्शी का दर्द आज देशवाशियो को असहिष्णुता का अर्थ समझा गया।

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