Wednesday, 6 January 2016

 क्रिकेट दिग्गजों की बधाई .. शानदार गिफ्ट

मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने यह ‌तय किया है कि प्रणव को आगामी 5 सालों तक पढ़ाई के लिए प्रतिमाह 10 हजा रुपए की स्कोलरशिप दी जाएगी। अवधि जनवरी 2016 से दिसंबर 2021 तक रहेगी।

सचिन तेंदुलकर के नाम से ही न जाने कितनी युवा क्रिकेटर बन गए फिर इस महानायक की अगर साक्षात सलाह और उनके पुत्र अर्जुन का साथ मिल जाए तो कुछ अद्भुत तो घटना ही है।पूरे 1009 रनों की स्वप्न में भी नहीं आने वाली पारी खेल प्रणव ने अपने आयडल महेंद्र सिंह धोनी ही नहीं खुद सचिन तेंदुलकर को उनकी तारीफ के लिए विवश कर दिया।

प्रणव के कोच मोबीन शेख को आज भी वह दिन याद है जब उन्होंने उसे नौ साल की उम्र में दादर स्थित एमआईजी क्लब में चयन के लिए भेजा। यह वही क्लब है जिसके लिए अर्जुन तेंदुलकर भी खेलते थे। यहीं से प्रणव की अर्जुन से दोस्ती हुई और सचिन की सलाह मिली। सचिन की सलाह मिलने के बाद उन्होंने कुछ करने की ठानी और तीन साल के अंदर यह कारनामा कर दिखाया।
महज साढ़े पांच साल की उम्र में प्रणव के ऑटो रिक्शा ड्राइवर पिता प्रशांत मुंबई के कल्याण में मॉडर्न क्रिकेट क्लब चलाने वाले कोच मोबीन के पास लेकर आए। मोबीन ने प्रणव को कोचिंग देने के लिए रख तो लिया, लेकिन कुछ ही दिनों में उसकी शरारतें देख उन्होंने उसे विकेट कीपिंग की जिम्मेदारी दे डाली।

यह जिम्मेदारी संभालने के बाद ही वह गंभीर क्रिकेटर बना। मोबीन बताते हैं कि घर में गरीबी के चलते प्रणव की मां ने उनकी पत्नी से बिरयानी बनाना सीखा। इसके बाद वह अपने घर पर ही बिरयानी बनाने लगीं और आर्डर सप्लाई कर प्रणव के खेलने में सहयोग करती रहीं।

मोबीन बताते हैं कि जब वह 652 रनों पर नाबाद लौटा तो उन्होंने उससे कहा कि वह जितने भी रन बनाए, लेकिन उसे बाद में विकेटकीपिंग करनी है। 1009 रन बनाने के बाद प्रणव ने बाद में विकेटकीपिंग का भी जिम्मा संभाला। मोबीन यहां तक कहते हैं कि सच्चाई यह है कि इस बच्चे ने आज उन्हें कोच बना दिया है। 
प्रणव की विपक्षी टीम आर्य गुरुकुल स्कूल पहली पारी में 17 ओवर में 31 रन पर ढेर हो गई थी। इसके जवाब में केसी गांधी हायर सेकेंड्री स्कूल (प्रणव की टीम) ने तीन विकेट पर 1495 रन पर पारी घोषित की। दूसरी पारी में आर्य गुरुकुल स्कूल 72 रन पर सिमट गई। इस प्रकार धनावडे की टीम पारी और 1362 रन से मैच अपने नाम कर लिया। 

मैच के बाद प्रणव ने कहा, "मैं महेंद्र सिंह धोनी की तरह अच्छा विकेट कीपर बल्लेबाज बनना चाहता हूं। बल्लेबाजी केदौरान मैंने कभी यह नहीं सोचा कि कोई रिकार्ड तोड़ना है, लेकिन तीन सौ रन बनाने के बाद कोच ने बताया कि पृथ्वी शॉ का रिकार्ड 546 रनों का है।"





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