मदरसों में यौन शोषण का खुलासा करने पर कट्टरपंथियों के निशाने पर आई मुस्लिम महिला पत्रकार
तिरुअनंतपुरम : केरल की एक मुस्लिम महिला पत्रकार के एक फेसबुक पोस्ट ने उसे तमाम कट्टरवादी तत्वों के निशाने पर ला दिया है, वहीं लगातार रिपोर्ट किये जाने के कारण फेसबुक ने भी उसके अकाउंट को ब्लॉक कर दिया है। इस महिला पत्रकार ने 21 नवंबर को फेसबुक पर की गई अपनी टिप्पणी में मदरसों में कथित तौर पर होने वाले लड़के और लड़कियों के यौन उत्पीड़न के बारे में लिखा था।
मुस्लिम महिला पत्रकार वी पी रजीना को फेसबुक पर लेख पोस्ट किए जाने के बाद से ही लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, लेकिन महिला पत्रकार का कहना है कि उसे धमकियों से डर नहीं लगता है। इस्लाम पितृसत्तात्मक समाज की व्यवस्था का विरोध करता है लेकिन हकीकत में औरतों की आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है।
महिला पत्रकार वी पी रजीना जमात-ए-इस्लामी के मलयाली दैनिक मध्यमम में उप-संपादक के तौर पर काम करती हैं जहाँ उन्होंने दो दिन पहले मदरसे में अपनी दो दशक पहले की जिंदगी का हवाला देते हुए लिखा था कि कैसे मदरसों में मौलवी छात्रों का यौन उत्पीड़न करते थे। इससे पहले कोझीकोड में मुस्लिम प्रबंधकों द्वारा संचालिए किए जाने वाले एक स्कूल में लड़के और लड़कियों के बीच भेदभाव की शिकायत उठाने पर वह पहले भी निशाने पर आ चुकी हैं।
वी पी रजीना ने लिखा था कि कोझीकोड के सुन्नी मदरसा में लड़कों के साथ मौलवी यौन शोषण किया करते थे। रजीना ने बताया कि मौलवी लड़कों को बुलाता था, उनसे पैंट उतारने को कहता था और गलत इरादे से प्राइवेट पार्ट को छूता था। उस्तादों की इस हरकत से छात्राओं को शर्मिंदा होना पड़ता था। रजीना ने लिखा कि मदरसा में उसने 6 साल तक पढ़ाई की और ये पाया कि उस्ताद लड़कियों को भी नहीं बख्शते थे।
रजीना ने अपने मदरसे के दिनों को याद करते हुए लिखा कि जब मैं पहली क्लास में पहली बार मदरसे गई तो वहां मौजूद अधेड़ शिक्षक ने पहले तो सभी लड़कों को खड़ा किया और बाद में उन्हें पैंट खोलकर बैठने को कहा। इसके बाद वह हर सीट पर गए और लड़कों के गुप्तांगों से छेड़छाड़ की। राजीना ने दावा किया, ‘उन्होंने यह काम आखिरी छात्र को
छेड़ने के बाद ही बंद किया।’
छेड़ने के बाद ही बंद किया।’
महिला पत्रकार ने जिक्र किया कि किस तरह से एक उम्रदराज मौलवी बिजली गुल होने के दौरान क्लास में नाबालिग लड़कियों के साथ अभद्र व्यवहार करता था। छात्राएं डर की वजह से कुछ नहीं बोलती थीं । अगर कोई छात्र या छात्रा आवाज उठाने की कोशिश करता था तो उसे डरा दिया जाता था। चौथी क्लास के दिनों को याद करते हुए राजीना ने लिखा कि मौलवी रात्रि कक्षाओं के दौरान लड़कियों का उत्पीड़न करते थे। राजीना ने आरोप लगाया कि कई बार जब नाइट क्लास के दौरान लाइट चली जाती थी तो 60 वर्ष के एक शिक्षक थे, जो लड़कियों की बेंचों के पास आ जाते थे और उन्हें छेड़ते थे।
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