झांसी की कल्यानी ने बनाया AC..
खर्च सिर्फ 1850 रु ...
जापान से बुलावा आया:
यहां 12वीं क्लास की एक स्टूडेंट ने देसी AC बनाया है। इसे IITदिल्ली के नेशनल लेवल पर हुए मॉडल कॉम्पिटीशन में सिलेक्ट किया गया है। इस देसी एसी को ईजाद करने वाली "कल्यानी श्रीवास्तव" से देश के लोग ही नहीं, बल्कि विदेशी भी काफी इम्प्रेस हैं। इसी वजह से उसे जापान के साइंटिस्टों ने मिलने के लिए बुलाया है। अब कल्यानी इस टेक्निक को वहां की सरकार के साथ साझा करेगी।
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यहां 12वीं क्लास की एक स्टूडेंट ने देसी AC बनाया है। इसे IITदिल्ली के नेशनल लेवल पर हुए मॉडल कॉम्पिटीशन में सिलेक्ट किया गया है। इस देसी एसी को ईजाद करने वाली "कल्यानी श्रीवास्तव" से देश के लोग ही नहीं, बल्कि विदेशी भी काफी इम्प्रेस हैं। इसी वजह से उसे जापान के साइंटिस्टों ने मिलने के लिए बुलाया है। अब कल्यानी इस टेक्निक को वहां की सरकार के साथ साझा करेगी।
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कल्यानी श्रीवास्तव झांसी केोकमान्य तिलक इंटर कॉलेज में 12वीं क्लास में पढ़ रही है। उसके पिता दिनेश श्रीवास्तव बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत हैं। U.P. में कल्यानी का सिलेक्शन 81 पार्टिसिपेंट्स में किया गया था। इसके बाद देसी एसी मॉडल को दिल्ली में आईआईटी द्वारा हुए कॉम्पिटीशन में भी सराहना मिली। वहां के स्पेशलिस्ट ने इस इन्वेंशन को गांव के लिए बेहद कारगर माना।
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कल्यानी सस्ता और टिकाऊ AC बनाना चाहती थी। बुंदेलखंड के लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं। यहां AC खरीदना सभी के लिए मुमकिन नहीं है, जबकि यहां गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है। इसी से उसके दिमाग में आया कि क्यों न ऐसा AC बनाया जाए, जिस तक हर आदमी की पहुंच हो। बस फिर क्या था, कई एक्सपेरिमेंट करने के बाद कम कीमत वाला एसी बना लिया। इसे बनाने में सिर्फ 1850 रुपए खर्च होते हैं। देसी AC से पॉल्यूशन नहीं होता है।
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कल्यानी के इस मॉडल को देखने के बाद जापान सरकार ने वहां 18 अप्रैल को होने वाले जापान-एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम इन साइंस के तहत साइंस सब्जेक्ट के सेमिनार में बुलाया है। इसमें एशिया के कई देशों के साइंटिस्टों के बीच विचारों का आदान-प्रदान होगा। .
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---------- Make In India : New Initiative -----------
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कल्यानी सस्ता और टिकाऊ AC बनाना चाहती थी। बुंदेलखंड के लोग आर्थिक रूप से कमजोर हैं। यहां AC खरीदना सभी के लिए मुमकिन नहीं है, जबकि यहां गर्मी बहुत ज्यादा पड़ती है। इसी से उसके दिमाग में आया कि क्यों न ऐसा AC बनाया जाए, जिस तक हर आदमी की पहुंच हो। बस फिर क्या था, कई एक्सपेरिमेंट करने के बाद कम कीमत वाला एसी बना लिया। इसे बनाने में सिर्फ 1850 रुपए खर्च होते हैं। देसी AC से पॉल्यूशन नहीं होता है।
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कल्यानी के इस मॉडल को देखने के बाद जापान सरकार ने वहां 18 अप्रैल को होने वाले जापान-एशिया यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम इन साइंस के तहत साइंस सब्जेक्ट के सेमिनार में बुलाया है। इसमें एशिया के कई देशों के साइंटिस्टों के बीच विचारों का आदान-प्रदान होगा। .
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