ये किसान करता है मोतियों की खेती,
10x10 फीट के तालाब से कमाते हैं लाखों रु.
dainikbhaskar.com |
गड़चिरोली. कहते हैं यदि किसी चीज को हासिल करने की ठान ली जाए तो बड़े से बड़ा मुकाम आसानी से हासिल किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में रहने वाले किसान संजय गटाडे ने। वे मीठे पानी में मोतियों की खेती कर सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
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गड़चिरोली. कहते हैं यदि किसी चीज को हासिल करने की ठान ली जाए तो बड़े से बड़ा मुकाम आसानी से हासिल किया जा सकता है। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है महाराष्ट्र के गढ़चिरोली जिले में रहने वाले किसान संजय गटाडे ने। वे मीठे पानी में मोतियों की खेती कर सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं।
जानिए आखिर कैसे करते हैं मोतियों की खेती....
- संजय 10x10 फीट के तालाब में मोतियों की खेती करते हैं।
- सबसे पहले बंद सीपों में खांचे लगाकर उनमें मोतियों का बीज डाला जाता है।
- फिर इन सीपों को बंद कर जाली के सहारे पानी में डाल दिया जाता है।
- कुछ महीनों बाद बाद इनमें मोती तैयार हो जाता है।
- संजय ने बताया कि वे सालभर में करीब 11-12 लाख रुपए आसानी से कमा लेते हैं।
- मोती बनने में 5 से 6 महीनों का वक्त लगता है।
- सबसे पहले बंद सीपों में खांचे लगाकर उनमें मोतियों का बीज डाला जाता है।
- फिर इन सीपों को बंद कर जाली के सहारे पानी में डाल दिया जाता है।
- कुछ महीनों बाद बाद इनमें मोती तैयार हो जाता है।
- संजय ने बताया कि वे सालभर में करीब 11-12 लाख रुपए आसानी से कमा लेते हैं।
- मोती बनने में 5 से 6 महीनों का वक्त लगता है।
डिज़ाइनर मोती
संजय ने डिज़ाइनर मोती तैयार करने की तकनीक भी खोजी है। मोतियों को तैयार करने के लिए उन्होंने खासतौर पर खांचे बनाए हैं। इन खांचों में वे गणपति, बुद्ध, होली क्रॉस साइन जैसे डिज़ाइनर मोती भी तैयार कर चुके हैं। बाजार में ये मोती 300 रुपए प्रति नग के रेट से बिकते हैं।
पढ़े-लिखे हैं संजय
संजय भले ही किसान परिवार से हैं, पर उन्होंने लॉ तक की पढ़ाई की है। उन्होंने वकालत छोड़कर खेती का फैसला किया। उन्हें बचपन से ही मोतियों के बारे में जानने का शौक था। इसी शौक के चलते वे गढ़चिरोली के एग्रीकल्चर कॉलेज पहुंचे, जहां उन्होंने एक प्रोफ़ेसर की मदद से मीठे पानी में मोती तैयार करने की तकनीक खोजी।
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