बांग्लादेश ने भी माना, 'साझा दुश्मन' हैं रोहिंग्या जिहादी ...
लश्कर-ए-तैयबा समर्थित अराकन रोहिंग्या सैल्वेशन आर्मी (ARSA) जैसे जिहादी संगठनों को बांग्लादेश ने भी खतरा मान लिया है। बांग्लादेश ने कहा है कि इस तरह के रोहिंग्या जिहादी संगठन उसके व भारत और म्यांमार के लिए साझा दुश्मन हैं।
पीएम शेख हसीना के राजनीतिक सलाहकार तौफीक इमाम ने कहा है कि खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान की आईएसआई रोहिंग्या मुद्दे का इस्तेमाल म्यांमार के साथ लगी सीमा पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए लिए कर रही है। ARSA का कनेक्शन बांग्लादेश में सक्रिय प्रमुख इस्लामिक आतंकी संगठन जमात-उल-मुजाहिदीन और लश्कर-ए-तैयबा से भी है । आईएसआई 1969 से ही रोहिंग्या अलगाववाद का समर्थन कर रही है। तब मैं अविभाजित पाकिस्तान में सिविल सर्वेंट था और चिटगान्ग में अपनी सेवा दे रहा था।' आईएसआई एक बार फिर इसी रणनीति को अपनाकर साउथ और साउथ ईस्ट एशिया के रणनीतिक तौर पर अहम हिस्से में जिहाद की जमीन तैयार कर रही है।
इमाम ने कहा कि इसी बहाने हसीना सरकार को अस्थिर करने की भी साजिश की जा रही है। आईएसआई दुर्गा पूजा के दौरान सांप्रदायिक तनाव फैलाने के लिए रोहिंग्या का इस्तेमाल कर सकती है। उन्होंने बताया कि बांग्लादेश ने म्यांमार को रोहिंग्या जिहादियों के खिलाफ साझा मिलिटरी अभियान की भी पेशकश कर रखी है।
उन्होंने आगे कहा कि सबसे अहम बात यह है कि यह एक मानवीय समस्या है। यही वजह है कि बांग्लादेश ने रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोले हैं।
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