Monday 11 September 2017

चिदंबरम ने एक बार इंदौर शहर में एक भाषण दिया था...
           राजीव दीक्षित जी मंच के सामने बैठे थे। उन्होंने भाषण प्रारंभ किया ये कहकर कि भारत हजारो साल से गरीब देश रहा है। फिर बीच में कहने लगा ये तो भला हो अंग्रेजो का जो वो भारत में आये और उन्होंने भारत को थोडा बेहतर बना दिया वर्ना हम तो अँधेरे में डूबे हुए थे, हमको तो कोई ज्ञान नहीं था, कोई प्रकाश नही था; इस देश में तो भयंकर गरीबी ही गरीबी थी। और वो बार बार नेहरु को कोट कर रहा था...
                भाषण खत्म होने के बाद राजीव भाई से और नही रहा गया और उन्होंने चिदंबरम से पूछा कि यदि भारत हजारो साल से गरीब था तो अंग्रेज यहाँ 250 साल तक झक मराने के लिए क्यों आये ? गरीबो के पास कोई 250 साल रहता है आकर? पुर्तगाली झक क्यों मार रहे थे इस देश में? भारत अगर हजारो साल से गरीब था तो ये मुग़ल क्यों आये झक मारने के लिए 300 साल तक? गरीबो के देश में जाकर कोई राज्य स्थापित करता है क्या? मोहम्मद बिन कासिम क्यों आया? महमूद गजनबी क्यों आया? तैमुरलंग, नादिर शाह, अहमद शाह अब्दाली क्यों आये जब हम हजारो साल से गरीब ही थे तो? इनको तो किसी अमीर देश में जाना चाहिए था , वो सब यहाँ क्यों आये? सिकंदर क्यों आया?
चिदंबरम चुप हो गया ... बोला कुछ नही ..फिर बोलने लगा नेहरूजी ने कहा है। तो राजीव भाई ने बोला कि उनसे तो पूछ नही सकते तुम नेहरु के मानसपुत्र हो तुम ही बता दो।
ऐसे ही मनमोहन सिंह एक बार ऑक्सफोर्ड गए थे डी-लिट की उपाधि लेने, उस सम्मान समारोह में उन्होंने अपने भाषण में यही गाना गाया था ... भारत हजारो साल से गरीब देश था ये तो अंग्रेजों ने भारत में आकर भारत को थोड़ा सभ्य बनाया, हम अंग्रेजो के बहुत आभारी है जिन्होंने हमको तकनीकी सिखाई, विज्ञान लाये, उद्योग लाये .. ये उन्होंने 40 मिनिट बोला।
अगले दिन ये भाषण इंग्लैंड के अखबारों ने छापा और कई अखबारों ने टिप्पणी लगाई कि 'लगता है भारत अभी भी अंग्रेजो की गुलामी में ही है, क्योंकि कोई स्वतंत्र देश के स्वभिमानी प्रधानमंत्री ये बात नही बोल सकते ये तो किसी गुलाम देश के गुलाम प्रधानमंत्री की बात लगती है'।
ऐसा इतिहास रहा है गुलाम परस्त कांग्रेस का. ?

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