Saturday, 9 September 2017

 प्रद्युम्न की माँ ने बताया अपने बेटे की मौत से जुड़ा रोंगटे खड़े कर देने वाला सच...

 रोज़ाना की तरह एक परिवार बड़े ही आस और बड़े-बड़े सपनों के साथ अपने सात साल के मासूम बच्चे को स्कूल भेजता है. उस मासूम बच्चे को उसके पिता 8 बजकर 15 मिनट पर स्कूल छोड़ते हैं और 8 बजकर 45 मिनट पर उनको स्कूल से फ़ोन आता है कि उनके बेटे प्रद्युम्न को चोट लग गयी है अस्पताल आ जाइये. प्रद्युम्न के माँ-बाप बदहवास होकर अस्पताल पहुंचे लेकिन तबतक उनके लाडले की मौत हो चुकी थी. या यूँ कहिये उसकी हत्या की जा चुकी थी.

गला रेतकर की गयी प्रद्युम्न की हत्या 

मामला जैसे ही सामने आया, तूल पकड़ ली और ज़ाहिर भी था. आखिर जिस स्कूल में एक माँ-बाप अपने बच्चे के भविष्य को अच्छा बनाने के लिए भेजते हैं वहां से इस तरह की घटना की ख़बर आये तो कोई कैसे बर्दाश्त करेगा? इस मामले में अबतक मिली जानकारी के अनुसार स्कूल के वाशरूम में प्रद्युम्न की धारदार चाक़ू से गला रेतकर बेरहमी से हत्या की गयी है. स्कूल के माली ने सबसे पहले प्रद्युम्न का खून से लथपथ शरीर वाशरूम के बाहर देखा था जिसके बाद उन्होंने स्कूल प्रशासन को इस बात की जानकारी दी
.पहले तो स्कूल प्रशासन ने जमकर इसपर सफाई दी और फिर इस हादसे से अपना पल्ला ही झाड़ लिया. मामले की जानकारी मिलते ही सबसे पहले जो पुलिस की नज़र में दोषी के रूप में सामने आये थे वो तीन शख्स थे, स्कूल का बस ड्राईवर, कंडक्टर, और स्कूल का एक और स्टाफ़. रात होते-होते तक ख़बर आती है कि ड्राईवर ने पहले प्रद्युम्न के साथ यौन शोषण करने की कोशिश की थी और फिर जब वो इसमें नाकाम रहा तो उसने मौके पर ही प्रद्युम्न को हमेशा के लिए खामोश करने का फैसला कर लिया
महज़ कुछ ही घंटों में एक कहानी भी सामने आ जाती है कि बस कंडक्टर ने यौन शोषण की कोशिश की और नाकाम होने पर प्रद्युम्न को सुला दिया, हमेशा के लिए, लेकिन ये किसी कहानी सा है. यूँ तो ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं ऐसे में जनता को इस बात पर विश्वास भी हो गया कि हाँ यही हुआ होगा. ड्राईवर ने अकेला पाकर बच्चे के साथ गलत करने का मन बनाया और नाकाम होने पर बच्चे को मार डाला, लेकिन ये सच नहीं है.
यहाँ सवाल ये भी खड़ा होता है कि आखिर एक विकृत मानसिकता वाला इंसान अगर एक मासूम पर गन्दी नज़र रख सकता है तो आखिर वो हत्या जैसी घटना के बाद खून से सना चाकू मौके पर ही छोड़ कर कैसे जा सकता है?
पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए प्रद्युम्न की माँ ने कहा कि असली गुनहगार कोई और है जिसे बचाने के लिए कंडक्टर को मोहरा बनाया जा रहा है. उन्होंने संदेह जताया है कि हो सकता है कि उनके बच्चे ने स्कूल के टॉइलट में स्कूल से जुड़े कुछ लोगों को कुछ गलत करते हुए देख लिया हो, जिसके बाद सच्चाई को दबाने के लिए उसकी हत्या कर दी गई हो
 रेयान इंटरनेशनल स्कूल की बात करें तो ये स्कूल एक प्रतिष्ठित स्कूल माना जाता है. ऐसे में ज़ाहिर है स्कूल तो अपने दामन पर कोई दाग बर्दाश्त नहीं ही करेगा, बेशक सवाल किसी की मौत का क्यों ना हो? स्कूल ने कहा कि प्रद्युम्न की हत्या ड्राईवर ने की है लेकिन ख़ुद प्रद्युम्न की माँ ने इस तर्क को सिरे से ख़ारिज किया है. प्रद्युम्न की माँ जो अब अपने बेटे को हमेशा के लिए खो चुकी हैं उन्होंने सीधे तौर पर स्कूल पर सवाल उठाते हुए कहा है कि, “मैं नहीं मानती की मेरे बच्चे की हत्या ड्राईवर ने की है. मेरे बेटे का दुश्मन उसकी दो आँखे बनी.”
इस पूरे मामले की नाज़ुकता देखते हुए हम यही उम्मीद करते हैं कि इस मामले का दोषी जो भी हो, चाहे स्कूल प्रशासन या फिर ड्राईवर उसे जल्द से जल्द और उचित सजा मिले.

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