पेट्रोल और टमाटर के दामों पर रोने वालो को थोड़ी सी फुर्सत निकालकर एक बार इसे भी पढ़ लेना चाहिए।
गुजरात के मंदिरों की मदद से दुनियाभर की ताकतों से अकेले भिड़ गए नरेंद्र मोदी, वर्ल्ड बैंक भी हक्का-बक्का ...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन के मौके पर सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया। इस बाँध से करोड़ों यूनिट बिजली व हजारों गाँवों को पानी मिलेगा....लेकिन इस बाँध के पीछे की इन सच्चाइयों के बारे में जानकर आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे.आप सोच में पड़ जाएंगे कि भारत में ही रहने वाले कुछ गद्दार किस तरह देश की तरक्की की राह में रोड़े खड़े करते हैं..
बांध के उद्घाटन के बाद जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि इस बांध के निर्माण में अपने देश के कुछ लोगों के अलावा विश्व बैंक ने भी रुकावटें पैदा की थी। इससे देश को होने वाले जबरदस्त फायदे को देख देश विरोधी शक्तियों ने खूब प्रोपगंडा फैलाया। विश्व बैंक भी इसमें शामिल हो गया और उसने इस बाँध को बनाने के लिए पैसे देने से इंकार कर दिया था। विश्व बैंक के मना करने पर गुजरात के मंदिरों ने भी दिया था पैसा ! उस वक़्त गुजरात के मंदिर तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी की मदद के लिए आगे आये थे और मंदिरों ने बांध के निर्माण के लिए पैसा दिया था।
दुनिया की हर ताकत ने पैदा की थी रुकावट ...
जिस बाँध का फायदा अब देश के 4 बड़े राज्यों को मिलेगा, कांग्रेस ने भी इसका विरोध किया था, जिसके जवाब में 2006 में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने उसके लिए 51 घंटों का अनशन तक किया था। यहाँ तक कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने भी इसे बनाने के लिए काफी पापड़ बेले थे।
पीएम मोदी ने बताया कि दुनिया की हर ताकत ने सरदार सरोवर बांध के रास्ते में रुकावट पैदा की। मेधा पाटकर और अभिनेता आमिर खान जैसे लोगों ने भी उन ताकतों का साथ दिया और मोदी पर अनाश-शनाप आरोप लगाए। मामले को कोर्ट ले जाया गया। अंत में मोदी को हासिल हुई जीत !
पीएम मोदी ने बताया कि दुनिया की हर ताकत ने सरदार सरोवर बांध के रास्ते में रुकावट पैदा की। मेधा पाटकर और अभिनेता आमिर खान जैसे लोगों ने भी उन ताकतों का साथ दिया और मोदी पर अनाश-शनाप आरोप लगाए। मामले को कोर्ट ले जाया गया। अंत में मोदी को हासिल हुई जीत !
नर्मदा बचाओ आंदोलन चलाया गया,
‘कोई नहीं हटेगा बांध नहीं बनेगा’ का नारा लगाया गया। जिसमे देशद्रोही फ़िल्म अभिनेता आमिर खान और देशद्रोही अरुंधती रॉय ने भी विरोधियों का साथ दिया।
मोदी के सामने सभी राष्ट्रविरोधी शक्तियां एकजुट हो गयी थी। यहाँ तक कि सुप्रीम कोर्ट में झूठे शपथ-पत्र तक पेश किये गए. पूरी कोशिश की गयी कि देशहित के इस प्रोजेक्ट को आगे ना बढ़ने दिया जाए, लेकिन सभी मुश्किलों से जूझते हुए नरेंद्र मोदी ने आखिरकार इसे बनवा ही लिया..
इस बाँध से किसानों की दशा बिल्कुल बदल जायेगी। वर्षा पर निर्भर किसानों को कभी सूखे का सामना नहीं करना पडेगा। इसके जरिये 9633 गांवों तक पानी पहुंचेगा, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए पानी मिलेगा।
इसके अलावा इस बाँध से 100 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होगी, जिससे बिजली की किल्लत सदा के लिए दूर हो जायेगी।
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