Tuesday 10 October 2017


*सावधान आपके अन्न और दवाओं में साइनाइड प्राणघातक जहर मिलाया जा रहा है*
चौंकिए मत ..यह बिलकुल सत्य है , आजकल आपने देखा होगा के एक पूर्ण स्वस्थ व्यक्ति कुछ काम करते करते अचानक मर जाता है और मृत्यु का कारण पता नहीं चलता , और डॉक्टर उसे हार्ट अटैक का नाम दे कर पल्ला झाड़ लेते है ,ऐसी घटनाएं आम हो रही है ।
आइये देखते है ऐसे खाद्य पदार्थ और दवाएं जिसमे साइनाइड विष मिलाया जा रहा है ।
1) नमक .. आपके नमक के पैकेट को ध्यान से देखिये यदि उस पर crystal modifier या E-536 लिखा हुआ है तो नमक में *पोटेशियम फेरो साइनाइड* मिला हुआ है जिसके एक केमिकल अनु में 6 साइनाइड के परमाणु है जिसका केमिकल फार्मूला (K4Fe(CN)6) है .
यद्यपि यह अल्प मात्रा में होता है जैसे ही यह हमारे पेट में पहुँचता है उदर में उपस्थित पाचक अम्ल hcl से रिएक्ट कर के पोटेशियम और फेरोसाईनाइड के पोसिटिव और नेगेटिव आयन बनाता है
और फेरोसाइनाइड पेट में उत्पन्न hcl से रिएक्ट कर के फेर्रस क्लोराइड और *हाइड्रोजन साइनाइड बना सकता है जो अत्यंत जहरीला विष है*
इस विष को डीटॅक्सीफाई या प्रभावहीन बनाने के लिए लिवर पर अत्यधिक दबाव पडता है
*प्रतिदिन इस धीमे जहर मिले हुए नमक खाने से कुछ महीनो या वर्षो में आप मृत्यु के निकट पहुँच सकते है*
2) विटामिन बी सबसे ज्यादा खाया जाने वाला विटामिन है इस बी काम्प्लेक्स विटामिन में विटामिन बी12 दो प्रकार का होता है एक जहरीला पदार्थ है सिन्थेटिक cyanacobalamin b12 और दूसरा प्राकृतिक या नेचुरल b12 जिसे methylcobalamin b12 कहते है
1) (cyanocobalamin)b12 ये आपके पेट या खून में पहुँच कर साइनाइड के अनु छोड़ता है ..सावधान यदि आपके बी काम्प्लेक्स कैप्सूल टैबलेट या इंजेक्शन में b12 सैनकोबाल्मिन है तो मत लीजिये चाहे डॉक्टर कितना भी आश्वासन दे ।
मार्किट में 99% बी काम्प्लेक्स विटामिन में बी12 cyanocobalamin होता है
केवल 1 % दावा कम्पनियाँ ही *methylcobalamin* b12 बनाती है जो खाने में सेफ है सुरक्षित है , इसीलिए विटामिन बी खरीदते समय केवल methylcobalamin b12 युक्त ही ख़रीदे
3) पिछले महीने मार्च 2017 में सरकार ने नया फरमान जारी किया है अब गेहूँ के आटे जैसे आशीर्वाद पिल्सबरी पतंजलि आदि में साइनाइड मिला हुआ b12 cyanocobalamin विटामिन डालना अनिवार्य कर दिया है (फोर्टिफाइड आटा)
सरकार ने सुरक्षित b12 methylcobalamin को प्रस्तावित क्यों नहीं किया ?
*क्या सरकार को नहीं मालूम के गर्म तवे पर गेहू की रोटियाँ सेकने पर गर्मी से विटामिन बी पूरी तरह नष्ट हो जाता है और बचते है सिर्फ जहरीले साइनाइड के अनु जो गर्मी से नष्ट नहीं होते ..तो आटे के फोर्टीफिकेशन का क्या फायदा और उपयोग है ?*
... या सरकार जानबूझ कर अन्न पदार्थो में जहर मिला रही है ? चौकिये मत सरकार पर छुपी हुई अंतरराष्ट्रीय वैश्विक दानवी सरकार *इल्युमिनाटी* (hidden world government) का दबाव है भारत की जनसँख्या कम करने के लिए ये एक कोवर्ट डीपापुलेशन प्रोग्राम है जिसे विस्तारपूर्वक बताऊंगा पढ़ कर होश उड़ जाएंगे , आइये देखते है कुछ और डी-पापुलेशन केमिकल पदार्थ
*आयोडीन नमक विश्व का सबसे बड़ा जंनसंख्याविहिनिकरण (डीपापुलेशन) षड्यंत्र*
आज से लगभग 30-40 साल पहले जनता को आयोडीन नमक के बारे में बिलकुल पता नहीं था , जनता में आयोडीन की कमी नहीं थी , यदि मानव इतिहास देखे जीसस क्राइस्ट काल या उससे भी पहले पाँच हज़ार वर्ष पूर्व महाभारत या दस लाख वर्ष पूर्व रामायण पुराण आदि में एक भी उदहारण प्राप्त नहीं होता जहां आयोडीन के कमी के लक्षण दिखाई दे , सभी पूर्ण स्वस्थ थे किसी को भी आयोडीन की कमी नहीं थी । *कभी आपने हाथी घोड़ा गाय बंदर कुत्तो आदि में आयोडीन की कमी देखी है ? तो मनुष्यो में क्यो होगी??*
अचानक ही लागभाग 30 साल पहले सरकार ने लाखों करोडो का टीवी और समाचार पत्र में विज्ञापन दे दे कर ब्रेनवाश शुरू किया के भारत में आयोडीन की कमी है बच्चो के मानसिक विकास के लिए आयोडीन युक्त नमक ही खाये और भोली भारत की जनता ने इसे आदर्श मान लिया , तब भारत में बर्थ रेट 40 प्रति 1000 था
यही प्रोपेगंडा पकिस्तान में किया गया लेकिन पाकिस्तानी जनता होशियार थी उसने सरकारी आयोडीन नमक को नही ख़रीदा और बाजार में खुला प्राकृतिक समुद्री नमक ही खरीदने लगी जिसमे आयोडीन जहर नहीं मिलाया गया था, नतीजा पापिस्तान में सरकार द्वारा प्रायोजित आयोडीन नमक प्रोग्राम फेल हो गया ।
आज तीस वर्ष बाद भारत में आयोडीन नमक के कारण बर्थ रेट लगभग 8 प्रति 1000 है
ठीक है जनसँख्या कम होनी चाहिए लकिन ये तरीका ??
भारत में आयोडीन की बिलकुल कमी नहीं है और इसकी पूर्ति दूध और शाखदार हरी सब्जियों से पूरी हो जाती है
आवश्यकता से अधिक आयोडीन खाने से कंठ में स्थित थाइरॉइड ग्रंथि अधिक हार्मोन बनाती है जिससे स्त्रियों में बाँझपन pco अनियमित मासिक स्राव इत्यादि रोग होते है
*आज भारत में 90% स्त्रियों में बाँझपन और बच्चे नहीं होने का कारण आयोडीन नमक से उत्पन्न थाइरॉयड समस्या है*
वहीँ पुरुषों में भी आयोडीन नमक से hyperthyroidism के कारण उच्च रक्तचाप मानसिक तनाव अनिद्रा ह्रदय में तेज़ धड़कन नपुंसकता आदि रोग होते है आज भारत की जनता को गिनी पिग बना कर आयोडीन नमक के एक्सपरमेन्ट के कारण कई परिवारों के अस्तित्व समाप्त हो गए है
जनता अब जागरूक हो रही है और धीरे धीरे सब पता चल रहा है इसीलिए अब सरकार सारा दोष टाटा कंपनी पर डाल रही है के टाटा कम्पनी ने सरकार पर दबाव बना कर टाटा नमक में आयोडीन जहर मिलाया
वास्तव में इसे एक फाल्स फ्लैग आपरेशन कहते है जिससे जनता का गुस्सा सरकार से हट कर टाटा पर जाए और जनता टाटा को ही दोषी समझे
लेकिन अब सत्य का पता चल गया है सरकार ने आयोडीन जहर के एक्सपरमेन्ट के लिए टाटा को बलि का बकरा बनाया ।
*यदि भारत में आयोडीन नमक (इसका विकल्प सादा खुला बिकने वाला समुद्री नमक और सेन्धा नमक है) , रिफाइंड तेल (इसका विकल्प मूंगफली सरसो जैतून तिल आदि खरीद कर तेल निकलवाए) फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट , GM टमाटर और बैंगन (इस समय बाजार में 100% टमाटर और बैंगन gm है ) अंग्रेजी दर्दनिवारक दवाएं जैसे ब्रूफिन डिक्लोफेनेक असेक्लोफेनेक, आटे और ब्रेड में ब्रोमाइड ,पेप्सी कोला आदि कूलड्रिंक ,पानी में क्लोरीन ब्लीच (इसका विकल्प ओज़ोन है)और एंडोसल्फान , ग्लाइफोसेट जैसे कीटनाशक बन्द हो गए तो भारत में कैंसर ह्रदय थाइरॉइड और किडनी रोग ख़त्म और भारत के 80-90% अस्पताल बन्द हो जाएंगे ..ओउम*
अब आते है छुपी हुई विश्व दानव सरकार की ओर विश्व के लगभग सभी देश इस परम नीच hidden world government के कठपुतली मात्र है और उसके इशारो पर नाचते है , विश्व में कौनसे देश में कौन प्रधानमंत्री या प्रेसिडेंट होगा ये विश्व सरकार ही तय करती है सारे देशो की अर्थ व्यवस्था वर्ल्ड बैंक आईएमएफ वीसा मास्टर कार्ड आदि इन्ही के द्वारा नियंत्रित की जा रही है इसका एशिया का हेडक्वार्टर लन्दन और विश्व का मुख्यालय वाशिंगटन है इस संघटन का नाम *इल्युमिनाटी* है
अन्य डी-पापुलेशन केमिकल है
1) फ्लोराइड जो टूथपेस्ट में मिलाया जाता है , केवल बिना फ्लोराइड के टूथपेस्ट का ही इस्तेमाल कीजिये फ्लोराइड आपके दिमाग में पहुंच कर ज्ञान तंतुओ को नष्ट कर देता है अल्ज़ाइमर्स नाम का रोग केवल फ्लोराइड युक्त टूथपेस्ट और फ्लोराइड युक्त पानी पीने से उत्पन्न होता है
2) ओरल पोलियो वेक्सीन जिसमे sv40 नामक कैन्सर उत्पन्न करने वाले वाइरस को मिलाया गया है (गूगल कीजिये) पोलियो की दो बुँदे अमृत की नहीं दो बुँदे गर्भाशय कैन्सर की जो पोलियो ड्राप्स में मिलाया गया है , इसका विकल्प यह है के आप घर घर जा कर फ्री में who unicef के पोलियो ड्राप्स बिलकुल न ले जिसमे sv40 वायरस मिलाया गया है , बल्कि उन कम्पनियों के पोलियो ड्राप्स खरीद कर पिलाए जिनका who और unicef से कोई सबन्ध नहीं है !
3) टेटनस टैक्सओइड वेक्सीन (टीटी इंजेक्शन) में स्त्रियों को बाँझ बनाने की दवा की मिलावट .. अपनी लाडली बेटियों को कभी भी टीटी का इंजेक्शन न दिलाये शायद वे जिंदगी में कभी माँ न बन पायेगी क्योकि उसमे anti -HCG antibody की मिलावट की गयी है , विश्वास नहीं हो रहा है tetanus HCG Kenya लिख कर गूगल कीजिये अभी तो केन्या की रिपोर्ट आई है लेकिन भारत में बीस पच्चीस साल पहले यह प्रयोग हो चुका है और अब भी जारी है नीचे दिए हुए लिंक देखिये
1) https://rationalcatholicblog.wordpress.com/…/does-the-keny…/
क्या आपने कभी गौर किया है ज़रा सी मामूली चोट खरोच पर आपको बार बार टीटी का इंजेक्शन लगाया जाता है ? जबकि दो तीन बार टीटी इंजेक्शन देने से जिंदगी भर टिटेनस के खिलाफ रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो जाती है (lifetime immunity) और फिर कभी टीटी की कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ती ...फिर भी ये बार बार टीटी इंजेक्शन क्यो दिया जा रहा है , ये संजय गांधी और मैमूना बेगम (इन्दिरा गांधी का असली नाम) का भारत मे हिन्दुओ को खत्म करने का depopulation प्रोग्राम है , जो आज भी जारी है
मित्रो साँसे थाम के इंतज़ार किजिए , जल्द ही एक ऐसा उपाय के बारे में लिख रहा हूँ जिससे भारत विश्व के नंबर वन गोमाता के माँस के निर्यातक के पोज़िशन से शून्य गौमांस निर्यातक बन जाएगा अर्थात भारत में गौवध ही नहीं होगा , गौमाता को काटने के लिए छूने से पहले म्लेच्छ हज़ार बार सोंचेगा .. जय श्री राम ।।
हमारा संकल्प है के दक्षिण भारत में सबसे बड़ी गोशाला और आश्रम का निर्माण जिसमे भारत की हर नस्ल की गाय को संरक्षण मिले और बिना कीटनाशक के जैविक खेती जिसके लिए हमें भाग्यनगर (हैदराबाद) के आसपास लगभग 400-500 एकड़ भूमि की आवश्यकता है , दाताओ के लिए आश्रम में पृथक ध्यान कुटीर और रहने की व्यवस्था की जायेगी जीवनपर्यन्त । यदि आपको हमारा लेख पसंद आया तो हमसे संपर्क और सहायता के लिएwww.facebook.com/saffronthinktanks पर जा कर लाइक कर के मैसेज छोड़े ....
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लेखक *परम अव्यक्त
Saffron research and analysis wing भगवा अनुसन्धान एवं विश्लेषण संस्थानwww.facebook.com/saffronthinktanks
कुमार अवधेश सिंह

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