Tuesday 3 October 2017

good shot...

मैंने ट्रेन के टोयलेट के दरवाज़े के पीछे लिखें नंबर में कोल लगाया और पूँछा,
"क्या आप रेणूजी बोल रहीं हैं" 
"जी हाँ, लेकिन आप कौन और आपको ये नंबर कहाँ से मिला"
दरअसल ट्रेन के डिब्बे में किसी ने आपका नंबर आपके नाम से लिख रखा हैं, शायद आपका अच्छा दुश्मन हो या फिर आपका बुरा दोस्त होगां, वो जो भी हो आपसे ये कहेना था कि हो सके तो ये नंबर बदल दे या फिर किसी अच्छे से जवाब के साथ आप तैयार रहिये, वैसे अबतक जितने भी कोल आ गए, आज के बाद किसी का नहीं आयेगां, क्योंकि ये नंबर मैं डिलिट कर देता हूँ, आप अपना ख़्याल रखिएगां, फिर मैं फ़ोन काटकर वो नंबर और नाम को मिटाने मे लग गयां, आप सब को ताज्जुब होगां, रेणूजी अनजाने नंबर और उनपे सुन रही गंदी और ख़राब बातों की वजह से बहुत ज्यादां परेशान लग रही थीं, तभी से मुजे और मेरी ज़िंदगी को एक नई दिशा मिल गई, मैं सार्वजनिक स्थानों पे लिखें ऐसे नंबरो और नामों को मिटाने में लग गया, ताकि किसी ना किसी बहन और बेटियों को बचायां जा सके, माना की तुम किसी बुराई की वजह नहीं होगें, पर किसी अच्छाई की वजह तो तुम बन ही सकते हो,
अत: इस पोस्ट के माध्यम से आप सभी को निवेदन हैं कि आप भी कहीं सार्वजनिक स्थानों पर ऐसे नाम और नंबर लिखे हुए मिले तो मिटा देना शायद किसी बहेन-बेटियों की मदद करके उनको हम सुरक्षित और सलामत कर सके, शायद ऐसी सार्वजनिक जगहों पर हमारी बहेन-बेटीयां भी आ सकती हैं, ये काम मे ज्यादां लोग जुड़ गये तो स्थितयाँ जल्दीं बदलने लगेगी, ये मिशन पर हम तो लगे ही रहेगें, दूसरे लोग को ये जानकारी दे कर उनको भी सचेत और सावधान कर सकते हैं..
#विट्ठलव्यास

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ये शुरू हुआ था हमारे एक व्हाट्स एप्प समूह की बैठक से, और देखते-देखते इसने पूरे उज्जैन को गिरफ्त में ले लिया... "रोहिंग्या मुस्लिमों को देश से भगाओ" और "शरणार्थियों पर रोक लगे" इस उद्देश्य को लेकर केंद्र सरकार के पीछे मजबूती से खड़े रहने के लिए उज्जैन की जनता ने अपना शानदार सहयोग दिया.
"हम हिन्दुस्तानी" समूह एक गैर-राजनैतिक समूह है, जिसमें उज्जैन के जाने-माने वकील, चिकित्सक, शिक्षाविद्, इंजीनियर, समाजसेवी हैं. 2 अक्टूबर (जानबूझकर यह दिन चुना गया  की शाम को महिलाओं सहित अच्छी उपस्थिति के बीच मंच पर केवल दो प्रमुख वक्ताओं (महामंडलेश्वर अवधेश पुरी जी और मानस मर्मज्ञ संत सुमन भाई) को बुलाया गया, जिन्होंने आव्हान किया कि देश से सभी प्रकार के शरणार्थियों को बाहर किया जाए. हमारा देश कोई धर्मशाला नहीं है...

यूरोप को बेवकूफ बनाकर वहाँ आतंकियों ने घुसपैठ कर ली है, अब "नया भारत" बेवकूफ बनने के लिए तैयार नहीं है... सभी मित्रों, नागरिकों, बहनों और  इस जागरूक व्हाट्स एप्प समूह का हार्दिक आभार...
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