Monday 9 October 2017

sanskar

इराक में मिली भगवान् राम और हनुमान की 6000 साल पुरानी आकृति

इराक का असल नाम "मेसोपोटामिया" है  ..इराक भले ही आज मुस्लिम देश हो, पर ये हमेशा से मुस्लिम देश नहीं रहा है
सऊदी अरब की तरह इराक में भी हिन्दू धर्म ही फैला हुआ था और उसका सबूत भी इराक में मिला है...आकृति में साफ़ देखा जा सकता है की, एक पुरुष खड़े हैं जिनके हाथों में धनुष है और उनके सामने एक वानर रूपी हनुमान हाथ जोड़े खड़े है, शोधकर्ताओं ने इसे हिन्दू धर्म के श्री राम और हनुमान के रूप में स्वीकार किया है
इराक में भी जिहादी तत्वों ने तमाम दूसरे धर्मो की आकृति को तोडा, उन्हें नष्ट किया पर अब शोधकर्ताओं को इराक के सुलेमानिया में हिन्दू धर्म के प्रतिक भगवान् राम और हनुमान की आकृति मिली है ..कट्टरपंथी दूसरे धर्म की मूर्तियों, आकृतियों को तोड़ देते है, ताकि दूसरे संस्कृति को मिटाया जा सके और झूठ फैलाया जा सके की इस्लाम सबसे पुराना है... कोई सबूत ही नहीं छोड़ा जायेगा तो इस्लाम सबसे पुराना है कहने में आसानी होगी और इसी मकसद से दूसरे धर्म की मूर्तियों, आकृति को जिहादी तत्व तोड़ते है, और अक्सर उनपर मस्जिदें भी बना देते है
6,000-year-old Lord Rama and #Hanuman carvings found in Sulemania, #Iraq#Hinduism in ancient Mesopotamia.
शोधकर्ताओं ने इस आकृति को 6000 साल पुरानी बताया है, यानि बनाने वालो ने इसे 6000 साल पहले इस सुलेमानिया में बनाया था, जबकि इस्लाम तो महज 1400 साल पुराना है ...साफ़ होता है की इराक में सनातन धर्म ही था...
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

practice….practice….

श्रीलंका का एक खिलाड़ी था, उसके दिमाग में बस एक ही चीज चलती थी ..क्रिकेट.क्रिकेट और बस क्रिकेट…अपनी कड़ी मेहनत और लगन के दम पर उसे श्रीलंका की टेस्ट टीम में डेब्यू करने का मौका मिला….
पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट
दूसरी इन्निंग्स……. जीरो पे आउट
.टीम से निकाल दिया गया….
.
practice…practice….practice….
फर्स्ट क्लास मैचेज में लगातार अच्छा प्रदर्शन किया और एक 21 महीने बाद फिर से मौका मिला।
पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट
दूसरी इन्निंग्स……. 1 रन पे आउट

फिर टीम से बाहर।
..
प्रैक्टिस….प्रैक्टिस….प्रैक्टिस….
फर्स्ट क्लास मैचेज में हजारों रन बना डाले और 17 महीने बाद एक बार फिर से मौका मिला….
पहली इन्निंग्स…… जीरो पे आउट
दूसरी इन्निंग्स……. जीरो पे आउट
.फिर टीम से निकाल दिया गया….
.
प्रैक्टिस…
प्रैक्टिस ..प्रैक्टिस….प्रैक्टिस…
प्रैक्टिस….प्रैक्टिस…
और तीन साल बाद एक बार फिर उस खिलाड़ी को मौका दियागया…जिसका नाम था मर्वनअट्टापट्टू
.
इस बार अट्टापट्टू नहीं चूका उसने जम कर खेला और श्रीलंका की और से 16 शतक और 6 दोहरे शतक जड़ डाले और श्रीलंका का one of the most successful कप्तान बना!
.
सोचिये जिस इंसान को अपना दूसरा रन बनाने में 6 साल लग गए अगर वो इतना बड़ा कारनामा कर सकता है तो दुनिया का कोई भी आदमी कुछ भी कर सकता है ..और कुछ कर गुजरने के लिए डंटे रहना पड़ता है…लगे रहना पड़ता है…मैदान छोड़ देना आसान होता है…मुश्किल होता है टिके रहना…और जो टिका रहता है वो आज नहीं तो कल ज़रूर सफल होता है।
इसलिए आपने जो कुछ भी पाने का निश्चय किया है उसे पाने की अपनी जिद मत छोडिये…मन से किये छोटे प्रयास हमेशा बड़ा परिणाम देते है
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

मछलीशहर (जौनपुर)। मछलीशहर तहसील के करौंदा गाँव निवासी एक मैकेनिक के बेटे ने वो कारनामा कर दिखाया है जो बड़े-बड़ों के लिए मुश्किल होता है। सातवीं में पढ़ने वाले लड़के ने एक नहीं 200 से अधिक हवाई जहाज बना डाले। इसमें एक दर्जन से ज्यादा हवाई जहाज उसके हौसले की तरह हवा में उड़ते हैं। दीपक कुमार पटेल का सपना बड़े होकर वैज्ञानिक बनने का है।
दीपक कुमार पटेल के पिता रामधारी पटेल मछलीशहर तहसील के करौंदा गाँव निवासी हैं। उनकी पत्नी सावित्री देवी गृहिणी हैं। रामधारी पटेल की खाखोपुर में एक इलेक्ट्रानिक की दुकान हैं। जहां वह खराब कलपुर्जों को बनाते हैं, लेकिन उनके बेटे ने ऐसा कारनामा कर दिखाया कि उनका सीना फक्र से चौड़ा हो गया है। दीपक कुमार पटेल सातवीं का छात्र है और वह होरिल राव इंटर कॉलेज कुंवरपुर में पढ़ाई करता है।
वह अक्सर अपने पिता के साथ उनकी दुकान पर जाया करता है। पिता को खराब कलपुरजों को बनाता देखकर वह भी कुछ न कुछ बनाने लगता। करीब तीन वर्ष पहले उसने थरमाकोल की मदद से एक हवाई जहाज का मॉडल तैयार किया। उसने यह बात ठानी कि इस हवाई जहाज को उड़ाएगा। इसके बाद उसने हवाई जहाज में मोटर लगाई, ब्लेड के पर और बैटरी आदि सामान लगाए। सेंसर के जरिए रिमोट कंट्रोल से हवाई जहाज को कंट्रोल किया।उसने करीब 190 हवाई जहाज बना दिए लेकिन कोई हवाई जहाज उड़ान नहीं भर सका। सिर्फ दौड़ ही पा रहा था। 
कोई और होता तो शायद फिर उम्मीद तोड़ चुका होता लेकिन दीपक ने अपनी उम्मीदों का दीया बुझने नहीं दिया और आखिरकार करीब दो किलो वजन का एक हवाई जहाज तैयार किया और उसे उड़ा भी लिया। इस हवाई जहाज में उसने 1200-1200 केबी की दो मोटर सेट की। इसके अलावा मोबाइल फोन में लगने वाली 2200 एमएच की बैटरी लगाई। सेंसर लगाया और रिमोर्ट कंट्रोल बाहर से खरीदकर हवाई जहाज के साथ जोड़ा। एक हवाई जहाज जब हवा में उड़ा तो उसी के जैसे करीब एक दर्जन हवाई जहाज तैयार कर लिया। रोडवेज परिसर में पिछले दिनों दीपक ने अपने हवाई जहाज को उड़ाया। हवाई जहाज को उड़ते हुए देखने के लिए वहां काफी लोगों की भीड़ लग गई। इसके बाद दीपक ने हवाई जहाज को रिमोर्ट कंट्रोल से दौड़ाया। कुछ दूर जाने के बाद हवाई जहाज हवा में उड़ने लगा। दीपक ने बताया कि उसका बनाया हुआ हवाई जहाज हवा में करीब 500 मीटर तक उड़ सकता है। क्योंकि इससे ज्यादा रिमोर्ट कंट्रोल काम करना बंद कर देता है। ऐसे में हवाई जहाज गिर सकता है। जब उसने रोडवेज परिसर में हवाई जहाज उड़ाया तो वहां मौजूद हर किसी ने उसके जज्बे को सलाम किया।

बनना चाहता है वैज्ञानिक

दीपक ने बताया कि उसने हवाई जहाज को उड़ते हुए देखा तो उसने ठान लिया कि वह भी हवाई जहाज बनाएगा। उसने बताया कि आगे चलकर उसका सपना वैज्ञानिक बनने का है। ताकि देश की सेवा कर सके। इसके अलावा अपने माता-पिता के साथ-साथ अपने देश का नाम रोशन कर सके। वह पढ़ाई में भी काफी तेज है। हमेशा परीक्षा में अच्छे अंक लाता है।

No comments:

Post a Comment