Saturday, 14 October 2017

nation wants to know...

अशांत धारा एक्ट जो अभी तक सिर्फ अहमदाबाद में लागू था उसे गुजरात सरकार ने अब राजकोट सूरत और बड़ोदरा में भी लागू कर दिया इस एक्ट के तहत अब किसी हिंदू की संपत्ति कोई मुस्लिम नहीं खरीद सकता...
Jitendra Pratap Singh
हर गली, चौराहे पर गांधी नेहरू की मूर्ति लगवाने वाली कांग्रेस को
अयोध्या में भगवान श्रीराम की मूर्ति बनवाना धन की बर्बादी लग रही है---
Vithal Vyas
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राजीव गांधी 84 में राजनीती में आये और 91 में निपट लिए ...
84 से पहले कुछ योगदान नही था और 7 साल सिर्फ बोफोर्स का शोर रहा फिर
सर्वोच्च #भारत_रत्न किस उपलब्धि के लिए मिला ...?
Manish Soni
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ब्रिटिश पार्लियामेंट के एक्ट के हिसाब से पाक इस्लामी राष्ट्र और भारत हिन्दू राष्ट्र होना था, पर सत्ता मिलते ही नेहरू-गाँधी ने हिन्दुओ के पीठ में खंजर भोंक दिया...
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जटिल प्रश्न ये भी है कि गर RSS वाले अंग्रेजो के जासूस थे
तो अंग्रेज देश की सत्ता नेहरू के हाथों में कैसे सौप गए?
RSS के हाथो में क्यों नही ? नेहरु_अग्रेज का क्या लगता था बे..?

Jitendra Pratap Singh
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पत्ता गोभी में प्लास्टिक ढूंढ लिया
अदरक में तेजाब ढूंढ लिया
मिठाई में जहर ढूंढ लिया
होली के रंग में केमिकल ढूंढ लिया
दही हांडी में खतरा ढूंढ लिया
जलीकट्टु में पशुप्रेम क्रूरता को ढूंढ लिया

संक्रांति की पतंगों में पक्षी प्रेम ढूंढ लिया
पटाखों में प्रदूषण ढूंढ लिया पर  ...
आज तक आतंकिओ में
मजहब को क्यों नही ढूंढ पाए ?
Vithal Vyas
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कभी पृथ्वीराज चौहान के सामने मोहम्मद गौरी भी खूद को छोड़ने के लिए रोया था और
उसे छोड़ना पृथ्वीराज की सबसे बड़ी गलती थी आज रोहिंग्या रो रहे...

बाबा राजदीप
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 रोना और दोखा करना इस्लाम का मूल मन्त्र है जहां यह मजबूर होने का नाटक करते हैं उसी समय यह अगली रणनीति पर भी विचार करते रहते हैं जिसे अल तकिया कहते हैं इनपर भरोसा नही किया जा सकता ...
आज के यूरोप को देखो जिस जिस देश ने इन्हें शरण दी वहां वहां इन कातिलों और कमबख्तों ने पहले रो रो कर जगह बनाई और फिर वहीं वहीं पर वहां के बाशिंदों के साथ मार काट कर दी उनकी मासूम बच्चीयों का बलात्कार किया वहां के चर्च जलाये और दुकानें लूट लीं इनपर यकीन करना इन पर रहम करना खुद को मुसीबत में डालना है यह जो आज भारत का सुप्रीम कोर्ट कर रहा है और जिसे भारतीय राजनेता भी खास कर वामपंथी और कांग्रेसी समर्थन दे रहे हैं यह रोहंगिया कातिल मुसलमान एक दिन इन्ही जजों की इन्ही वामपंथियों और कांग्रेसियों की तबाही और बर्बादी के बाइस बनेंगे--के सुदेश सुदेश
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गुजरात के छोटा उदयपुर में राहुल गांधी महिला पेशाबघर में पेशाब करने चले गए ..शौचालय के बाहर केवल महिलाएं लिखा था लेकिन बोर्ड गुजराती में था
 माना कि राहुल गांधी को गुजराती समझ में नहीं आती है लेकिन क्या गुजरात कांग्रेस के नेताओं को राहुल गांधी को यह नहीं बताना चाहिए और अगर राहुल गांधी महिला पेशाबघर मे चले गए तो जहां तक मैं जानता हूं कि महिलाओं के लिए पेशाब और पुरुषों के लिए पेशाब करने के सिस्टम अलग अलग तरीके से बने होते हैं तो अंदर जाने के बाद भी क्या राहुल गांधी को नहीं पता चला कि अरे यह तो महिलाओं का पेशाब घर है ??
Jitendra Pratap Singh
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ओवैशी बताए…#लालकिला किसने बनवाया था…!!…
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…अगर लालकिला #मुगलों ने बनवाया था…तो #पृथ्वीराजचौहान का #लालकोट. कहॉ है…!!…जिसका जिक्र #पृथ्वीराजरासो में है…
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…या #मुगल…##पृथ्वीराज से पहले आए थे…!!…
कुमार अवधेश सिंह
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पाकिस्तानी फौज निर्दोष बलूचियों का नरसंहार करे तो कोई बात नही.
लेकिन बर्मी फौज रोहिंग्या आतंकवादियो को खदेड़ दे तो
इनका मानवाधिकार जाग जाता है....
कुमार अवधेश सिंह


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 गांधी ने इलमुद्दीन की फांसी पर अफ़सोस जताया ....
1923 में लाहौर के एक शख्स राजपाल ने एक किताब लिखी, नाम था "रंगीला रसूल"। सलमान रश्दी की "सैटेनिक वर्सेज" पर अयातुल्लाह खुमैनी का फ़तवा आने के 60 साल पहले, रंगीला रसूल के लेखक राजपाल के खिलाफ फ़तवा जारी हुआ, और एक दिन इल्म उद्द्दीन नामक एक युवक ने राजपाल को मार दिया।
इलमुद्दीन पर मुक़दमा चलाया गया, उसे फंसी की सज़ा हुई लेकिन उसके लिए वक़ालत करने जो आदमी खड़ा हुआ उसका नाम था, मुहम्मद अली जिन्ना।
खैर, उसकी सज़ा कम नही हुई क्योंकि तबतक देश मे जज गोरे ही थे। जिस दिन इल्म उद्दीन को दफनाया गया उनके जनाज़े में लाहौर में हज़ारों को भीड़ थी, और उसके समर्थन में गगनभेदी नारे लग रहे थे।
उसे अपने हाथ से उसकी कब्र तक पहुंचाने वाले शख्स का नाम जानते हैं ? उस शख्स का नाम था, अल्लामा इक़बाल, जी हाँ, वही अल्लामा इक़बाल जिसे आज भी बच्चो की स्कूल की किताबों में महान कवि बताया जाता है।
इक़बाल ने इल्म इद्दीन को "गाज़ी" की उपाधी से नवाज़ा, उसकी शान में कविता पढ़ी। तब गांधी ने यंग इंडिया में लेख लिख कर इल्म उद्दीन की फांसी की सज़ा को दुर्भाग्यपूर्ण बताया और अंग्रेज सरकार से अनुरोध किया और इंडियन पीनल कोड में धारा 295 जुड़वाई जो एक तरह से अल्पसंख्यक धर्म का प्रोटेक्शन एक्ट थी, क्योंकि हिंदुओं में तो धर्म सुधार और कुरूतियों पर चर्चा तो कोई भी कर सकता है।
एक बात यह जानना महत्वपूर्ण है कि जब गांधी ने इलमुद्दीन की फांसी पर अफ़सोस जताया था उस समय अम्बेडकर ने राजपाल की हत्या को दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया था।
पिछले 70 सालों में ज्यादातर काँग्रेस का शासन रहा है और कांग्रेड ने ही तत्कालीन नेताओं की छवि बनाने बिगड़ने के काम किया है। काँग्रेस ने इक़बाल को स्कूली किताबों में सबसे महान कवियों में गिनाया, अम्बेडकर को केवल दलितों तक सीमित कर दिया, हमेशा हिंदुओं के विरोध में खड़े रहे एक आादमी को देश का बाप बना दिया। अब सच जब सामने आ रहा है तो सबसे ज्यादा तक़लीफ़ उन्हें हो रही है जिन्होंने इन झूठे व्यक्तित्वों के सहारे इतने साल सत्ता की मलाई खाई।
बाबा राजदीप
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देखिये पोरकिस्तान में हिन्दू मंदिरो के हालात!
और यहाँ हिंदुस्तान में भोजशाला में भी नमाज पढ़वाई जा रही।


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