स्वर्ग तक सीढ़ी…भारत में यहाँ आज भी मौजूद है रावण की बनाई गई स्वर्ग की सीढ़ी..!
आज तक आपने रामायण से जुड़े हुए कई किस्सों को कहानियों को सुना होगा जिनमें से कई किस्सों के बारे में आपने किसी न किसी धर्मग्रन्थ में जरुर पढ़ा होगा. अगर आप भगवान राम पर विश्वास करते हैं तो फिर आपको रावण पर भी विश्वास करना होगा. हम सभी इस बात को जानते हैं कि रावण एक ज्ञानी पंडित था और उसके पास कई चमत्कारी शक्तियां थी. माना जाता है कि रावण पूरी असुर जाती का उद्धार करना चाहता था और माना तो यहाँ तक भी जाता है कि रावण का एक सपना था कि वह धरती से लेकर स्वर्ग तक की एक ऐसी सीढ़ी बनाएं जिससे सभी असुर स्वर्ग पहुँच सकें.
ऐसा इसलिए ताकि किसी भी असुर को स्वर्ग जाने के लिए पुण्य प्रतापों की जरुरत ना हो. रावण की ये इच्छा रामायण में भी वर्णित है. आज हम आपको रावण द्वारा बनाई गई इन्हीं सीढ़ीयों के बारे में बताने जा रहे हैं कि रावण ने कहां-कहां इन स्वर्ग की सीढ़ियों का निर्माण किया था. आज हम आपको रामायण काल के एक वाक्य के बारे में बताने जा रहे हैं यानी कि त्रेतायुग की. इस वाक्य के अनुसार एक दिन बैठे-बैठे रावण के मन में एक विचार आया कि क्यों ना ऐसी सीढ़ी बनाई जाए जिससे बिना किसी पुण्य प्रताप के स्वर्ग तक आसानी से पहुंचा जा सके.
इसके बाद ही रावण ने स्वर्ग तक की सीढ़ी बनाने का फैसला कर लिया. हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जीले के नाहर से 7 किलोमीटर की दूरी पर भगवान शिव का एक मंदिर है जिसे पौड़ीवाला मंदिर कहा जाता है. ये शिवधाम पौड़ीवाले मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है. माना जाता है कि रावण ने स्वर्ग की सीढ़ी के निर्माण की शुरुआत यहीं से की थी. रावण द्वारा रामायण में वर्णन मिलता है कि रावण अमर होना चाहता था और इसके साथ-साथ सभी असुरों का कल्याण भी करना चाहता था और इसी चाह में रावण ने सालों तक इसी जगह पर बैठकर भगवान शिव की घौर तपस्या की.
माना जाता है कि रावण की तपस्या से खुश होकर भगवान शिव ने रावण को दर्शन दिए और रावण को एक वरदान मांगने के लिए कहा. जिसमें रावण ने भगवान शिव से अमरता का वरदान मांगा और कहा ही वह स्वर्ग तक कि सीढ़ी का निर्माण करना चाहता है. इसके बाद ही रावण को इस सीढ़ी का निर्माण करने का वरदान मिला था. उसके बाद जो हुआ वो आप वीडियो में जान सकते हैं.बनाई गई सीढ़ी कहां-कहां है वो आप नीचे दी गई वीडियो में जान सकते हैं.
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