उसने अबू बकर को खलीफा बनाने का लालच दिया और उस छोटी सी मासूम बच्ची आयशा से शादी का दवाब डाला!
जबकि उस बच्ची मासूम आयशा को शादी के बारे में ज्ञान ही नहीं था!
इस पर मुहम्मद की दासियाँ आयशा को उठाकर मुहम्मद के कमरे में ले गयीं और मुहम्मद ने उसका बलात्कार किया!
आयशा चिल्लाती रही और रोती रही तथा उसकी आवाज दवाने के लिए औरतें शोर करती रही!
"सही मुस्लिम-किताब8, हदीस-3309 & बुखारी-खंड 7, हदीस -65"
जब तक मुहम्मद अपनी मनमानी नहीं कर चुका!
तब तक औरतें शोर मचाती रही ,ताकि किसी को पता नहीं चले कि क्या हो रहा है!
"सही मुस्लिम -खंड 2 हदीस 3309"
सिर्फ इतना ही नहीं मुहम्मद का एक जैद नामक बेटा भी था जिसे मुहम्मद ने गोदलिया था!
और मुहम्मद ने अपने बेटे जैद की शादी अपनी फूफी की लड़की जैनब से करवा दी थी एवं शादी के लिए सारा सामान भी दिया था...!
लेकिन एक बार जब जैद घर में नहीं था उस समय मुहम्मद की जैनब पर भी नजर पड़ गयी जब वह घर में कपडे धो रही थी!
समय का लाभ उठाते हुए मुहम्मद ने अपनी सगी भतीजी और बेटे की पत्नी जैनब का भी बलात्कार कर लिया ! और, उसने कुरान मेंये आयत जोड़ दी!
मुहम्मद ने कुरान मे लिख दिया कि यह मैं अल्लाह के आदेश से कर रहा हूँ और इसमे अल्लाह ने मुझे अनुमति दी है!
"कुरआन-सूरा अह्जाब -33.37"
अल्लाह ने कहा है लूट में पकड़ी गयी औरतों से तुम सम्भोग कर सकते हो यह तुम्हारी संपत्ति हैं!
"कुरआन-सूरा निसा 4/23-24"
लेकिन अपने बाप द्वारा अपनी पत्नी के बलात्कार किये जाने से जैद काफी कुपित हो गया!
और उसने मुहम्मद के करतूतो का भांडा फोड़ देने की धमकी दी!
इसी घटना के बाद इस्लाम में बुर्के प्रथा की शुरुआत हुई ताकि अन्य औरतों को रसूल मुहम्मद की बलात्कारी दृष्टि से बचाया जा सके!
इस तरह इस्लाम मे बुर्का प्रथा किसी अच्छे संस्कार की वजह से नहीं!
बल्कि मुहम्मद की कुदृष्टि से अपने घर की महिलाओं को बचाने के लिए अपनाया गया एक साधन था!
जिसे बाद मे मुहम्मद के अनुयायियों (मुस्लिमों) ने एक परंपरा के तौर पर अपना लिया...!
मुहम्मद के गुलाम जो ठहरे!
नोट: उपरोक्त लेख कुरान के गहन अध्धयन के बाद उसके reference से ही लिखी गयी है!
इसीलिए यदि किसी सज्जन अथवा दुर्जन को लेख से कोई आपत्ति हो तो वो पहले लेख में दिए गए कुरान की आयत एवं कहानी को गलत साबित करे
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