Sunday, 15 October 2017

इस देश पर गधे केवल शासन ही नहीं कर रहे है बल्कि न्याय प्रणाली से लेकर मीडिया और अन्य नौकरशाही में भी गधो का ही बहुमत है

किसी का ध्यान दिल्ली में औद्योगिक क्रांति के कारण दम तोड़ रही यमुना में बढ़ रहे जहरीले कचरे के कारण उठते इस जहरीले झाग पर नहीं जाएगा ...अब यमुना नदी के इस फोटो को ही ले लीजिये, किसी सरकारी नौकरशाह को या किसी NGT( नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) अधिकारी को आप ये फोटो दिखायेंगे तो वो फटाक से कहेगा की ये आदमी जो हिन्दू रीती रिवाज से पूजा कर रहा है इसके कारण ये यमुना नदी प्रदूषित हो रही है

दिल्ली में पिछले दो दिन से यमुना नदी के जल में अमोनिया की मात्रा इतनी अधिक हो गयी है की सोनिया विहार के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद तक करना पड़ गया ..

 कुछ तथाकथित पर्यावरणविद जो AC कमरों में बैठ कर पर्यावरण और प्रदूषण की चर्चा करते है ... उनमे से एक भी यदि दिल्ली में केवल सर्दियों में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर एक सटीक उत्तर दे सके जबकि इन्हें पर्यावरण के नाम पर केवल हिन्दू त्योहारों पर ही प्रतिबंध लगाना आता है...यमुना में गिरने वाले 17 बड़े नालें तो आपसे साफ़ नहीं हो रहे और आप बात करते है यमुना को साफ़ करने की, ...
 यमुना की पहचान उसके घाट,घाटों पर बने छोटे छोटे भव्य मंदिर और सघन वनीय क्षेत्र है जिसके कारण यमुना आज भी सांस ले रही है वरना मृत प्राय हो चुकी यमुना को आपने पानीपत से लेकर दिल्ली के ओखला तक मात्र नाले जैसा ही बना कर छोड़ दिया है

यमुना को यमुना ही रहने दीजिये तभी यमुना बच सकेगी, इसलिए मैंने पीपल क्रांति के द्वारा यमुना को बचाने का सोची, जब यमुना में हर दो चार मीटर की कुछ दुरी पर पीपल का पेड़ होगा तो यमुना के पानी को साफ़ करने में भी सहायता मिलेगी और दिल्ली की जहरीली हवा भी प्रदूषण से मुक्त होगी 【सभार: रोहित कुमार

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आजकल दो संस्थायें .. हद से ज्यादा एक्टिव है. 
पहला सुप्रीम कोर्ट और दूसरी NGT(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) . दोनों में एक बात कॉमन है ..जनहित और पर्यावरण के नाम पर दोनों का हिंदू विरोधी रुख.काँग्रेस और वामीये इन दोनों संस्थाओं के माध्यम से 'पिछले दरवाजे' से सत्ता सुख भोग रहे है क्योंकि अगले दरवाजे पर तो जनता ने अलीगढ़ी ताला लगाकर चाबी समुन्दर में फेंक दी है .
NGT के तो जलवे ही अलग है.
 नदियों में मूर्ति विसर्जन से नदियाँ प्रदूषित होती है इनके हिसाब से , श्री रविशंकर यमुना किनारे कार्यक्रम कर ले तो भी नदी को खतरा हो जाता है .. लेकिन किस यमुना नदी को ? जो यूपी से दिल्ली तक आते-आते झागदार , गंदे और काले पानी के नाले में तब्दील हो चुकी है .. उस यमुना को मूर्ति विसर्जन और रविशंकर जी के कार्यक्रम से खतरा है ?? और यमुना की इतनी बुरी हालत जिन कारखानों , कत्लखानों ने की है .. उनके दरवाजे पर NGT का नोटिस भी चिपका है कभी ??

कोलकाता में तो NGT ने छठ पूजा ही रुकवा दी ! नासमझ हिंदू सूर्यास्त के समय और सुबह सूर्योदय के समय ठंडे पानी में खड़े होकर जो सूर्य को अर्ध्य देते है .. उसी से नदी प्रदूषित हो जाती है .. दिये जलाने और फूल चढाने से जो नुकसान होता है .. वो अलग.
ये सब तर्क तो एक तरफ़ .. सरयू नदी के तट पर रामजी की 100 मीटर ऊँची प्रतिमा स्थापित करने से सरयू नदी को कौन सा खतरा आने वाला है .. ये देखना अभी बाकि है. यहाँ भी पहले NGT अपनी स्वीकृति देगा तब प्रतिमा लगेगी.
मोदीजी के आने के बाद सब काम पर लग गये है .. नही तो पहले हम NGT का नाम सुनने को भी तरस गये थे 😂😂
Ashish Retarekar

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 हिंदुस्तान में क़ानून भी सबके लिए एक नहीं है
हिन्दुओ के लिए हिन्दू विधि (Hindu law)
जो आधा गोरे अंग्रेजो ने बनाया है आधा काले अंग्रेजो ने

और मुल्लो के लिए मुस्लिम विधि (Muslim law) जो कुरान हदीस इज़्मा और कयास पर आधारित है
70 सालो से साले झूठ बोल रहे है कि कानून सबके लिए सामान है
ये नहीं बोलते की हिन्दू और मुसलमानो के लिए कानून की किताबें ही अलग अलग है


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सेक्सी दुर्गा ...

राष्ट्रवादियों के खिलाफ चल रहे तथाकथित सेकुलर वर्ग के साजिशों के दुष्परिणाम खुल कर सामने आने शुरू हुए है...
हिन्दुओ की आस्था की सर्वोच्च प्रतीक मां दुर्गा को अपमानित करती अब एक फिल्म बनी जिसका नाम सेक्सी दुर्गा रखा गया है ! बनी बनाई साजिश के चलते इस घोर आपत्तिजनक फ़िल्म 'सेक्सी दुर्गा' के निर्देशक सनल कुमार शशिधरन को 11वें एशिया पैसिफिक स्क्रीन अवार्ड्स (एपीएसए) के लिए नामांकन सूची में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए नामित किया गया। फिल्म निर्माता ने कहा, "इस फिल्म को अगले माह होने वाले स्टार 2017 जियो मुंबई फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित किए जाने पर सेंसर बोर्ड ने रोक लगा दी थी, क्योंकि सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने निष्कर्ष निकाला था कि इस फिल्म के कारण लोगों की "धार्मिक भावनाएं आहत हो सकती हैं और कानून व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है."

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