सोशल स्टडीज की क्लास चल रही थी तभी शिक्षक ने छात्रों से प्रश्न किया
बच्चों :- "पाकिस्तान कि राजधानी" कहा है ? एक छात्रा :---दिल्ली .....
टिचर :--- क्या बोल रही हो, पाकिस्तान की राजधानी दिल्ली कैसे ?
छात्रा :---- जब आप,"भारत की राजधानी दिल्ली"में,अगर कभी," घूमने" आएँ..तब आपको पता चलेगा कि,आप "शाहजहां" रोड़ से निकलकर, "अकबर" रोड़ पर पहुँच जायेंगे, आगे जाकर, "बाबर" रोड़ पर मुड़ जायेंगे । फिर "हुमायूं" रोड़ पर सीधे चले जाइयेगा
गोल चक्कर मिलेगा, जहाँ से आप, "तुगलक" लेन में घुस जायेंगे, "लोधी" रोड़ पर आगे बढिये ."सफदरजंग" रोड़ आ जाएगीइसके बाद,"तुगलकाबाद" एवं "जामिया नगर"होते हुए,"कुतुबमीनार" तक जाइए..और जब इस "सूफियाने माहौल' में, "दम घुटने लगे" तो..."सराय कालेखाँ" होते हुए..."निजामुद्दीन" रेलवे स्टेशन से,अपने शहर की,"रेलगाड़ी"में बैठिए,और घर वापस आ जाइये !!!!और,"घर बैठ कर",सोचते रहिये.."दिल्ली"....."भारत की राजधानी" है. या,"पाकिस्तान" की ?😜
ना महाराणा प्रताप ना वीर शिवाजी ना बाबू राजेंद्र प्रसाद ना वीर कुँअर सिंह और ना ही लक्ष्मी बाई...हमने लगभग सभी को भुला दिया है ...ये कांग्रेस की नहीं तो किसकी देन है?? क्या ये सही नहीं कि हम 65/70 साल से सो रहे हैं .. वैसे 2014 में मोदी सरकार आने के बाद से दिल्ली में औरंगजेब नाम की सड़क को हटा दिया गया, तो ये कांग्रेस कितना चिढ़ी थी इसे भी मत भूलिए
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