Thursday, 1 February 2018

मोदी सरकार ने ऐसा काम कर दिखाया है जिसकी जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है। ये अबतक का सबसे बड़ा राष्ट्रवादी कार्य है। अगर आप कर्नल पठानिया समेत 5 सैनिको का किस्सा नहीं जानते तो आपको बता दें की 2010 में कर्नल दिनेश पठानिया जम्मू कश्मीर के माछिल में तैनात थे। 2010 में आये दिन कश्मीरी मुस्लिम पत्थरबाजी कर सैनिको को घायल कर देते थे, उस ज़माने में न पैलेट गन की छूट थी, और न ही सैनिको को किसी भी प्रकार की कार्यवाही करने की इज़ाज़त थी।
रोज रोज सैनिक घायल होकर अपना इलाज करवाते थे, इसी के बाद 2010 में कर्नल पठानिया ने पत्थरबाज आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही करने का आदेश दे दिया और उनकी टीम ने 3 पत्थरबाज आतंकियों को ढेर कर दिया।
2010 में सोनिया-मनमोहन की सरकार थी, फ़ौरन रक्षा मंत्रालय ने आर्मी कोर्ट से कर्नल पठानिया समेत 5 सैनिको का कोर्ट मार्शल करते हुए उम्रकैद की सजा सुना दी। अब 2017 में मोदी सरकार के दौरान आर्मी कोर्ट ने रक्षामंत्रालय के सिफारिश पर कर्नल पठानिया समेत सभी 5 सैनिको को जमानत दे दी, और उनकी उम्रकैद की सजा भी ख़त्म कर दी।
7 सालों से कर्नल पठानिया और उनके साथी जेल में सड़
रहे थे, वो भी आतंकियों के खिलाफ कार्यवाही के लिए
मोदी सरकार ने 2015 से ही क़ानूनी कार्यवाही शुरू कर दी थी और अब तमाम क़ानूनी कार्यवाई ख़त्म हुई और कर्नल पठानिया समेत सभी 5 सैनिको की उम्रकैद की सजा ख़त्म और सभी को जमानत दे दी गयी।

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