Friday 4 November 2016

कुछ "चिरकुट टाईप के प्रगतिशील बुद्धिजीवी" पिछले दो दिनों से खिल्ली उड़ा रहे थे कि SIMI के आतंकी लकड़ी और प्लास्टिक की चाबी कैसे बना सकते हैं, और उससे ताला कैसे खुल सकता है... (असल में ये कथित बुद्धिजीवी, इन करामाती मुल्लों की फितरत नहीं जानते.)
भोपाल जेल की तलाशी में आज खुलासा हो गया कि शातिर आतंकियों ने एक-दो नहीं बल्कि 17 तालों की चाभियाँ बना ली थीं... तालों के अंदर प्लास्टिक और लकड़ी के अंश पाए जाने से यह साबित भी हो गया है...| आपसी टाईमिंग की गड़बड़ के कारण केवल आठआतंकी ही जेल से भाग पाए... वर्ना पूरे 17 भागते.
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जो आठ आतंकी भागे थे, उन पर सरकार अभी तक 33 करोड़ रूपए खर्चा कर चुकी थी. कम से कम आगे लाईफटाइम के लिए हमारे टैक्स के पैसे से वो खर्चा अब बच गया... मप्र पुलिस को बधाई.

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