- पुणे के ज्वाइंट चैरिटी कमिश्नर ने अन्ना की एनजीओ को नोटिस जारी कर 'भ्रष्टाचार' शब्द हटाने के लिए कहा था।
- अन्ना हजारे ने ऐसे किसी आदेश को मानने से इन्कार कर दिया है जिसमें
उन्हें अपने संगठन का नाम बदलना पड़े।
- अन्ना के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने के लिए यह कदम उठाया है।
- अन्ना की एनजीओ के अलावा 20 अन्य संगठनों को भी इस बाबत नोटिस जारी किया गया था।
- उन एनजीओ को अपने नाम से भ्रष्टाचार विरोधी, भ्रष्टाचार निर्मूलन, एंटी करप्शन..जैसे शब्द हटाने थे।
- इन एनजीओ पर आरोप थे कि, ऐसे शब्दों वाले संगठन सरकारी अधिकारियों और अन्य संस्थाओं को भ्रष्टाचार का खुलासा करने के नाम पर धमकाते हैं।
- कई बार इन पर अवैध वसूली के भी आरोप लगे।
क्या कहना है सरकार का ?
ज्वाइंट चैरिटी कमिश्नर शिवकुमार दिघे के अनुसार नाम न बदलने वाले सभी संगठनों के सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई की जाएगी और उनके संचालन के लिए प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी।
- अन्ना के अनुसार महाराष्ट्र सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को कमजोर करने के लिए यह कदम उठाया है।
- अन्ना की एनजीओ के अलावा 20 अन्य संगठनों को भी इस बाबत नोटिस जारी किया गया था।
- उन एनजीओ को अपने नाम से भ्रष्टाचार विरोधी, भ्रष्टाचार निर्मूलन, एंटी करप्शन..जैसे शब्द हटाने थे।
- इन एनजीओ पर आरोप थे कि, ऐसे शब्दों वाले संगठन सरकारी अधिकारियों और अन्य संस्थाओं को भ्रष्टाचार का खुलासा करने के नाम पर धमकाते हैं।
- कई बार इन पर अवैध वसूली के भी आरोप लगे।
क्या कहना है सरकार का ?
ज्वाइंट चैरिटी कमिश्नर शिवकुमार दिघे के अनुसार नाम न बदलने वाले सभी संगठनों के सदस्यों के निलंबन की कार्रवाई की जाएगी और उनके संचालन के लिए प्रशासक की नियुक्ति की जाएगी।
No comments:
Post a Comment