Monday, 4 September 2017

#सैकंड_वर्ल्ड_वार_के_वक्त_मयांमार_को रोहिंगया मुस्लिम पाकिस्तान में शामिल करना चाहते थे , इन्ही रोहिंगया मुसलमानों ने लगभग 6 हजार बौद्धिस्ट को मार डाला , जब यहाँ दाल नही गली तब रोहिंगया मुस्लिमो ने अपने लिए अलग शरीअत कानून की डिमांड करने लगे तब यहाँ भी दाल ना गली तो बढ़ते बढ़ते तनाव बढ़ता गया और रोहिंगया मुस्लिमो को विस्थापन झेलना पड़ा
यहां हिस्टॉरिकल फैक्ट्स है यही टीस बढ़ती बढ़ती यहां तक पहुची।
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विवेक एक्सप्रेस, भारत
डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी. 82 घंटे की यह यात्रा 4237 किलोमीटर लंबी है और भारत के पूर्व को दक्षिण से जोड़ती है.यह ट्रेन भारत मे सबसे लंबी ट्रेन है जो दूरी के हिसाब से विश्व मे 6 ठे नम्बर पर है।
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चीन भले पाकिस्तान का मित्रबनता हो पर असल बात यही है की चीन पाकिस्तान का मित्र नहीं है, बल्कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान का इस्तेमाल करता हैचीन खुद इस्लामिक आतंकवाद को बुरी तरह कुचलने वाला देश है, चीन ने अपने मुस्लिमनागरिको को बस सांस लेने कीइज़ाज़त दी हुई है चीन एक वामपंथी देश है, लोकतंत्र नहीं है, वहां की मीडिया सरकार द्वारा संचालित होती है चीनी मीडिया अब हिंदुत्व कीदीवानी हो चुकी है loading...चीनी मीडिया ने हिंदुत्व कीतारीफ की है, और कहा है की भारत कट्टरपंथी इस्लाम से बचा हुआ है इसके लिए हिंदुत्व का शुक्रिया चीन ने कहा की अगर भारत में हिंदुत्व न होता तो भारत कबका इस्लामिक देश बना दियागया होता भारत कट्टरपंथी इस्लाम से बचा हुआ है क्यूंकि भारत में हिंदुत्व है
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मधेपुरा जिला के मुरलीगंज प्रखंड क्षेत्र के एक नहर में सोमवार को 250 से ज्यादा जानवरों के शव बहकर पहुंचने से क्षेत्र में तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया। (फोटो-आईएएनएस)
बिहार के मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड क्षेत्र के एक नहर में सोमवार (4सितंबर) को 250 से ज्यादा जानवरों के शव बहकर पहुंचने से क्षेत्र में तनाव का माहौल उत्पन्न हो गया। इस घटना से आक्रोशित लोगों ने प्रशासन के कर्मियों के साथ दुर्व्यवहार भी किया। पुलिस के अनुसार, हरिपुरकला तिनकोनमा जेसीबी नहर में कम से कम 250 से ज्यादा जानवरों के क्षत-विक्षत शव पहुंच गए। ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस प्रशासन को दी। पुलिस प्रशासन ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया।
इस बीच बड़ी संख्या में नहर पर पहुंचे ग्रामीण आक्रोशित हो गए और उन्होंने जमकर हंगामा किया। आक्रोशित लोगों ने पुलिस के एक वाहन को नहर में धक्का देकर गिरा दिया। ग्रामीणों का कहना है कि सोमवार को दोपहर के बाद अचानक जानवरों के क्षत-विक्षत शव बहकर नहर में आने लगे। धीरे-धीरे इसकी संख्या पांच सौ से ज्यादा हो गई।
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1) बर्मा में लोकतंत्र और ह्यूमन राइट्स की सबसे बड़े बड़ी लड़ाई लड़ने वाली नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सान सु ची अपने ही देश में हो रहे रोहिंग्या मुसलमानों के दमन पर खामोश हैं ।
2) मूलतः बांग्लादेश के निवासी रोहिंग्या मुसलमानों
को उनका खुद का देश शरण नहीं दे रहा है ? जितने रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश में हैं उन्हें भी म्यांमार सीमा की ओर खदेड़ रहा है ।
3) बर्मा के तमाम ह्यूमन राइट्स एक्टिविस्ट रोहिंग्या मुसलमानों के प्रश्न पर मुंह सिले बैठे हैं ।
4) म्यांमार की जनता रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ जारी सैन्य कार्यवाहियों का खुलकर समर्थन कर रही है ।
5) पाकिस्तान और टर्की जैसे मुस्लिम देश रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में खड़े दिख तो रहे हैं लेकिन अपने यहां शरण दिये जाने पर मौन है ।
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कोई तो वजह होगी ?
कोई तो कारण होंगे ....... जिनकी वजह से रोहिंग्या मुसलमान मुल्क दर मुल्क मारे मारे फिर रहे हैं ?
फिर रोहिंग्या मुसलमानों को परमानेंटली भारत में शरण दिये के लिए हमारे देश के कुछ लोग इतने उतावले क्यों हुए जा रहे हैं ?
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किसी अन्य देश की समस्या को भारत क्यों सुलझाए ?
रोहिंग्या मुसलमानों को हम क्यों अपनाये ???





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