Thursday, 7 September 2017

sosial mediya

क्या ये सुपारी पत्रकार दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र की अस्मत लूट लेंगे और हम चैन की बंशी बजाते रहेंगे?
पांच साल पहले तक ये जो बोलते और लिखते थे देश उसे ही गीता की तरह सच मान लेता था।
 चुकी सच का कोई दूसरा आइना नहीं होता था तो देश, दशकों से सुपारी पत्रकारिता को ही पत्रकारिता मानता रहा।
 अब  सुपारी-वीरों पक्षकारो के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति की जांच हो।
अब जब साफ हो गया है कि इनकी निष्ठा पेशे के प्रति नहीं आका के प्रति है तो इन्हें बेनकाब किया जाना जरूरी है। 
 इस पेशे में 80 प्रतिशत लोग पत्रकार हैं ही नहीं। बस हनुमान कूद लगा कर आ गए। जिन्हें न लिखने आता है न बोलने।
 बस उचककागिरी आता है। आका ने यही सिखाया।  अब 80 प्रतिशत निष्ठावान सुपारी-वीरों के दवाब में 20 प्रतिशत पत्रकार 
डर कर नौकरी कर रहा है बस।
 तो जारी रखिये कलम की लड़ाई और बोलने की लड़ाई ताकि सुपारी-वीरों को बेनकाब किया जा सके।
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जब मीडिया दहाड़ें मार कर
रोने लगे तो समझ लें कि
किसी देशद्रोही से देश को
मुक्ति मिली।

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hindustan mehi hinduon ka virodh jinhone her kisi ko abtak sharan di hai...
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रोहिंग्या मुस्लिमों के #समर्थन में #पाक में प्रदर्शन

#भूषण को किसने खड़ा किया समझे?
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#जयपुर उपद्रव
देश के "हिन्दू" इसलिए चुप हैं क्योंकि ये ......
🙄🙄
#जयपुर उपद्रव
देश के "हिन्दू" इसलिए चुप हैं क्योंकि ये ...
एक राज्य "राजस्थान" की घटना है।
"राजस्थान" वाले चुप हैं क्योंकि ये जयपुर की घटना है।
"जयपुर" वाले चुप हैं क्योंकि ये रामगंज की घटना है।
"रामगंज" वाले चुप हैं क्योंकि ये एक "थाने" को जलाने की घटना है ।
"थाने" वाले इसलिये चुप हैं क्योंकि थाना तो सरकार के पेसो से बना था।
"सरकार" इसलिए चुप है क्योंकि पैसे तो जनता की जेब से ही आता है।
ऐसे ही चुप रहिये,
तब तक, जब तक आप "खुद चुपचाप" ऐसी चुप्पी का शिकार ना हो जायें !! 
Vithal Vyas
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जयपुर, का "रामगंज" मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र है और उसमें 90% लोग "स्टोन की कटिं-पोलिश का काम करते हैं।
अब देखिए मजे की बात..
जयपुर, में स्टोन की कटिंग-पोलिश के 95% कारीगर मुस्लिम हैं और स्टोन का व्यापार करने वाले, माने उन 95% को काम देने वाले, 98% व्यापारी हिन्दू हैं।
#बाइक चलाने, फैशन करना, भीड़ बना के हमला करना, गाड़ियां जलाना, दंगा करना; सब बन्द हो सकता है अगर "जयपुर की स्टोन बिजनस कम्युनिटी" केवल 5 दिन इनको काम देना बंद कर दे। 😈
अगर "एक महीना" बन्द कर दे तो बाइक तो छोड़िए, भूख के मारे सड़कों पर नाक रगड़ेंगे। 
बाकी मर्जी, "जयपुर" सहित पूरे देश के व्यापारियों और जनता की ।
Vithal Vyas,
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क्या घोषणा की है पूर्व JNU विद्यार्थी कन्हैया ने यदि, उस की बहन भगवे कपड़े पहनेगी तो, वह उस के कपड़े फाड़ देगा !!
यह हैं वाम पंथ ।

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ऐसे राष्ट्रघातियों को कभी #केरल या #बंगाल दिखाई नहीं देता... जहाँ हिंदुओं को मारा-काटा जाता है ..
विदेशी शक्तियों से प्राप्त धन का उपयोग ये राष्ट्रविरोधी कार्य में करते हैं, इन्हें समाज या राष्ट्र से कोई सरोकार नहीं रहता ...
यह सदैव एक पक्षीय(वामपंथी) होते हैं ...। यदि इनकी अकाल(हत्या) मृत्यु हो जाती है तो इनका एक ही लक्ष्य रहता है, हिंदूवादी 
संगठनों को दोष देना...फिर चाहे सरकार हिन्दू विरोधियों की ही क्यों ना हो ...

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स्वाभाविक है कि ऐसी महिला, जो कि विभिन्न विवादों में फँसी हुई हो उसके कई दुश्मन हो सकते हैं. ऐसे में हत्या होने के आधे
घंटे के भीतर “केवल हिंदूवादी संगठनों को” निशाना बनाकर धड़ाधड़ ट्वीट और ख़बरें चलाना निश्चित रूप से एक गहरे षड्यंत्र
की तरफ इशारा करता है.

गौरी लंकेश के अखबार को एक भी विज्ञापन नहीं मिलता था, फिर भी कम से कम पचास कर्मचारियों को नियमित वेतन मिलता
था, यह भी आश्चर्यजनक ही है. आसन्न विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र कर्नाटक के इस "हाई-प्रोफाईल पोलिटिकल ड्रामे" की
 कुछ........हर चीज में सीबीआई जांच चाहने वाला विपक्ष, गौरी लंकेश हत्याकांड में नहीं चाहता सीबीआई जांच !

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