याद कीजिए 13 नवंबर 2016 नोट बंदी के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का गोवा में पहला भाषण जहां उन्होंने कहा था "भाईयो बहनों मै जानता हूं मैंने कैसी कैसी तकतो से लड़ाई मोल ली है, मै जानता हूं कैसे कैसे लोग मेरे खिलाफ हो जाएंगे, मै जानता हूं सत्तर साल का उनका मै लूट रहा हूं मुझे जिंदा नहीं छोड़ेंगे, मुझे बर्बाद कर के रहेंगे"
इसके बाद अभी हाल ही में कुछ माह पहले जून में पुणे पुलिस द्वारा भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में कि गई छापे मारी में नरेंद्र मोदी जी की हत्या के षड्यंत्र का खुलासा किया था, इस मामले में 5 लोगो को गिरफ्तार किया गया था, इनमे रोना विल्सन, सुधीर ढावले, सुरेंद्र गाडलिंग जैसे नाम शामिल थे...
रोना विल्सन के घर से सबूत मिले थे जिसमे नरेंद्र मोदी की हत्या करवाने की बात लिखी थी, बता दें कि आरोपियों को भीमा-कोरेगांव में 1 जनवरी को हुई हिंसा से ठीक एक दिन पहले आयोजित यलगार परिषद के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था, उन पर प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवाद) से जुड़े होने, विवादास्पद पर्चे बांटने, नफरत फैलाने वाले भाषण देने का आरोप था...
पत्र में कहा गया है, "मोदी 15 राज्यों में बीजेपी को स्थापित करने में सफल हुए हैं। यदि ऐसा ही रहा तो सभी मोर्चों पर पार्टी के लिए दिक्कत खड़ी हो जाएगी। कॉमरेड किसन और कुछ अन्य सीनियर कॉमरेड्स ने मोदी राज को खत्म करने के लिए कुछ मजबूत कदम सुझाए हैं। हम सभी राजीव गांधी जैसे हत्याकांड पर विचार कर रहे हैं। यह आत्मघाती जैसा मालूम होता है और इसकी भी अधिक संभावनाएं हैं कि हम असफल हो जाएं, लेकिन हमें लगता है कि पार्टी हमारे प्रस्ताव पर विचार करे। उन्हें रोड शो में टारगेट करना एक असरदार रणनीति हो सकती है। हमें लगता है कि पार्टी का अस्तित्व किसी भी त्याग से ऊपर है। बाकी अगले पत्र में।"
और 28 अगस्त को फिर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में पुणे पुलिस द्वारा देश भर में छापेमारी की गई जिसमें 5 लोगों की गिरफ्तारी हुई है, जिनमे गौतम नवलखा, सुधा भारद्वाज, बारबरा राव, वर्णन गोंजाल्विस और अरुण परेरा को गिरफ्तार किया गया है, यह पांचों कहने को तो तथाकथित मानवाधिकार कार्यकर्ता है परन्तु असलियत में माओवादी/अर्बन नक्सलवादी है, सभी आरोपियों पर सेक्शन 153 A, 505(1)B, 117, 120B, 13, 16, 18, 20, 38, 39, 40 और UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम ऐक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है...
इनकी गिरफ्तारी होते ही बहुतों को दस्त शुरू हो गए, सभी एक स्वर में मोदी सरकार को घेरना शुरू कर दिए कि मोदी सरकार अपने विरोधियों पर जानबूझ कर उनकी आवाज दबाने के लिए कार्यवाही कर रही है, जिनके दस्त लगे है उनमें बड़े बड़े नाम जैसे, राहुल गांधी, अरुंधती रॉय, प्रशांत भूषण, प्रकाश करात, रामचंद्र गुहा इत्यादि शामिल है....
आज इन पांचों अर्बन नक्सलवादियों के बचाव में सुप्रीम कोर्ट में इतिहासकार रोमिला थापर, देवकी जैन, प्रभात पटनायक, सतीश देशपांडे और माया दारूवाला की ओर से याचिका दायर की गई थी, और इन नक्सलवादियों के बचाव में कांग्रेस पार्टी के वकील नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट में दलील दी "भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में नौ महीने पहले एफआईआर दर्ज हुई थी और इसमें इनके नाम नहीं थे। ये प्रोफेसर, वकील आदि नामचीन लोग हैं। ऐसे में जांच में इन सभी के सहयोग न देने की कल्पना करना बेमानी है। इन लोगों के किसी तरह के सबूत नष्ट करने की आशंका भी नहीं है। लिहाजा इन्हें जमानत दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह से लोगों की गिरफ्तारी होगी तो लोकतंत्र खत्म हो जाएगा।"
मामले की सुनवाई के दौरान तीन सदस्यीय पीठ में शामिल जस्टिस चंद्रचूड़ ने टिप्पणी की "गिरफ्तार किए गए लोग प्रोफेसर, वकील आदि हैं। इनका कहना है कि सरकार असहमति वाले स्वर को दबाना चाहती है। असहमति लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व है, अगर असहमति की इजाजत नहीं दी जाएगी तो लोकतंत्र का सेफ्टी वॉल्व फट जाएगा।"
इसके बाद चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने एफआईआर के नौ महीने बाद गिरफ्तारी पर सवाल उठाते हुए अंतरिम आदेश के तौर पर कहा कि आरोपियों को गिरफ्तार करने के बजाय मामले की अगली सुनवाई तक उनके घरों में ही नजरबंद रखा जाए, मामले की अगली सुनवाई 6 सितंबर को होगी....
अब आपको समझ आ जाना चाहिए कि देशद्रोहियों की जड़ें कितनी गहरी है और कहां कहां तक फैली हुई है, मोदी को 2014 में कांटो भरी सत्ता की गद्दी मिली है, इन सब से लड़ना इतना आसान नहीं है, नरेंद्र मोदी जी की असली ताकत हम सब राष्ट्र भक्त लोग है जिन्होंने 2014 में पूर्ण बहुमत के साथ मोदी जी को सत्ता पर आसीन करवाया था और नरेंद्र मोदी जी बखूबी अपना काम कर रहे है परन्तु गद्दारों की जड़ें इतनी गहरी है कि 5 वर्ष के कार्यकाल में इसको उखड़फेकना असंभव है, फिर भी नरेंद्र मोदी जी ने इन सभी गद्दारों को देश के सामने ला कर खड़ा कर दिया है जो अभी तक छुपे हुए थे....
इन सभी गद्दारों के गिरोह को यदि जड़ से उखाड़ना है, तो हम सभी राष्ट्रभक्तों को 2019 में दोगुनी ताकत के साथ, 2014 से भी भारी बहुमत से नरेंद्र मोदी जी को प्रधानमंत्री के रूप में चुनना ही होगा....
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