Wednesday 8 August 2018

हिन्दुत्व पर छाई इस गहरी साज़िश को समझिये
अंग्रेज़ी में एक कहावत है can't see the forest for the trees मतलब कि किसी बात को संपूर्ण परिदृश्य में न देखकर, छोटी बातों की डिटेल में इतना खो जाना कि सामने की महत्वपूर्ण बात नोटिस ही न कर पाये या नज़रअंदाज़ कर जाते हैं । जैसे किसी परीक्षा में किसी एक सवाल में उलझकर, बुरा परफ़ार्म करना या फ़ेल ही हो जाना।  इसका अंजाम बहुत बुरा होता है ।
intro - हज़ारों साल पहले भी हमने यही गलती की थी जब मुस्लिम आक्रान्ताओं ने सोमनाथ मंदिर पर आक्रमण किया था।  दुश्मन को पता था कि हिन्दुओं के लिये गाय उनकी कमज़ोरी हैं और वो उनपर हथियार नही उठायेंगे इसका फ़ायदा उठाकर उन्होंने गाय आगे कर दी और हिन्दुओ ने तुरंत गाय को ध्यान में रखकर हथियार नही चलाये कि कहीं गाय न मर जायें लेकिन क्या हुआ?? गायें तो मरी ही और साथ में मंदिर भी टूटा, हजारो हिन्दू मरे, महिलाओं बेटियो का बलात्कार हुआ, धन संपदा गई, खेत खलिहान गये और हिन्दू हज़ारों साल तक ग़ुलाम रहा...intro -
आज भी कुछ नही बदला है, अभी हिन्दू जागृति हो रहा था,और हजारो सालों की हीनता से बाहर आ रहा था कि हिन्दुत्व के दुश्मनों ने तुरंत एससी एसटी एक्ट आगे कर दिया और हिन्दू इसी में उलझकर रह गये और मोदी को गाली देना चालू हो गये। हजारो साल पहलें गाय से आगे नही देख पाये और आज एससी एसटी एक्ट के आगे नही देख पा रहे हैं।
 क्या होगा अगर आप इस एक्ट पर अगले साल मोदी को हटायेंगे और वो SC/ST एक्ट तो लायेंगे ही और साम्प्रदायिक हिंसा बिल भी लायेंगे, हिन्दू आतंकवादी भी बतायेंगे और हिन्दू धर्म को जातियों तोड़गें भी और हिन्दू अपनी बर्बादी देखने के लिये अभिशप्त हो जायेंगे।
साज़िश को समझिये, दरअसल मुद्दा ST/SC एक्ट है ही नही, मुद्दा मोदी विरोध मे लोगो के भड़का कर, किसी भी हद तक जाकर, 2019 का चुनाव जीतना है, चाहे इसके लिये पूरे देश में आग क्यों न लगाना पड जाये। चूंकि हिन्दू नरेंद्र मोदी दूर नही जा रहा था तो कांग्रेस ने न्यायपालिका में बैठे कांग्रेसी प्यादे का इस्तेमाल करते हुये दाँव फेक दिया ताकि दलितों को हिन्दुओं से अलग किया जा सके।
 दलित वोट बैंक साधने के लिये अंग्रेजो के जमाने का ये 1989 का कानून है, तब कौन प्रधानमंत्री था?? कांग्रेस के राजीव गांधी.... 1989 से 2018 तक मीलोर्ड को यह एहसास नहीं हुआ कि इस कानून का दुरपयोग हो रहा है?? फिर अचानक सुप्रीम कोर्ट को दिव्यज्ञान मिलता है कि एससी एसटी एक्ट का दुरूपयोग हो रहा है, फैसला देते है कि तुरंत गिरफ्तारी ना की जाए। मोदी ने दबाव में आकर फ़ैसले के विरोध में पिटीशन डाल दी लेकिन बडी ही चालाकी से मुस्लिमो और ईसाई को और जोड़ दिया है।
दलितों पर अत्याचार करने वाले ज़्यादातर मुस्लिम और दबंग ही होते हैं। इस हिसाब से तो मुसलमानों को बुरा लगना चाहिये क्योकि उनका नाम एक्सट्रा जोड़ा गया है पर नाराज़ सवर्ण मुख्यत: ब्राहमण हो रहे हैं ।
 यकीन जानिये मीम-भीम याराना में सेंध इसी कानून से लगेगी और दलित चिंतकों का चेहरा बेनकाब होगा। दलित हिंदुत्व की शक्ति और रक्षा कवच है... जिसके रहते हिन्दुत्व को तोड़ना संभव नही है क्योंकि दंगों के समय यही लोग दंगाईयों का जमकर प्रतिकार करते है, इसीलिये इनकी आँखों में खटकते है और इनको हिन्दुओं से अलग करना चाहते हैं 
कांग्रेस ने यूँ ही राज नही किया है, उन्हे पूरा पता हमारी कमज़ोर नस को कब दबाना है । भीमा कोरेगाँव मे दलितों को मराठा के खिलाफ भड़काया...., महाराष्ट्र जला दिया..., फिर मराठों को दलितों के खिलाफ भड़काकर हिंसा आगज़नी करी। पटेल आंदोलन के नाम पर गुजरात जला दिया....., जाट आंदोलन के नाम पर राजस्थान, गुज़र.... आंदोलन के नाम पर हरियाणा, ....किसान आंदोलन के नाम पर मध्य प्रदेश और हमारी बेवक़ूफ़ी देखिये फिर हम आपस में ही उलझ गये।
हिन्दुत्व पर छाई इस गहरी साज़िश को समझिये, जातिय दंभ छोड़िये और हिन्दू एकता को मज़बूत करिये और राष्ट्रवादी सरकार के साथ मज़बूती से खड़ा रहिये... वरना देश एक बार फिर इस्लामी ग़ुलामी के गर्त में चला जायेगा लेकिन इस बार वापस नही लौट पायेगा क्योकि हिन्दू खत्म हो जायेंगे ....और इतिहास हमें कभी माफ नही करेगा।
साभार Swati Gupta

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