Sunday, 12 August 2018

mediya

तस्लीमा नसरीन ने 6 दिसंबर 1992 के बाद बांग्लादेश में हुई हिंसा को लेकर एक पुस्तक लिखी लज़्ज़ा तसलीमा लिखती है कि उस हिंसा में पुरुषों के #पजामे को खोल करके देखा गया, और, उसके बाद उनको मारा गया,
अभी हम और आप खूब #जातिवाद कर ले 2050 के बाद हमारी स्थिति भी वही होने वाली है, जिस प्रकार से #बंगलादेश में जातिवाद नहीं है, पाकिस्तान में भी जातिवाद समाप्त हो चुका है, क्योंकि, वहां हिंदू अब बचा नहीं है, पश्चिम बंगाल और केरल भी इस दिशा में पूरी तरह से बढ़ रहे हैं 2050 तक पूरा भारत सिर्फ और सिर्फ काफिरों के रूप में देखा जाएगा, और, उसमें बस आपके भी पजामे को खिसका करके देखा जाएगा कि आप कौन हैं, फिर ना दलित दिखाई देगा, ना सवर्ण दिखाई देगा, ना कोई जाति दिखाई देगी, बस एक चीज दिखाई देगी, उनकी नजर में काफ़िर है या शान्तिप्रिय
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याद रखना
हिंदुत्व है तो भारत है... वरना
अफगनिस्तान पाकिस्तान बंगलादेश भी
 कभी भारत हूआ करता था !

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