Saturday, 11 August 2018

dhoka ..........
 मुजफ्फरपुर में 34 बच्चियों के रेप कांड का मुख्य अभियुक्त मधु जो फरार है  ये मुस्लिम औरत है और इसका नाम शाहिस्ता परवीन है. . मुजफ्फरपुर में एक इलाका है चतुर्भुज स्थान. मुजफ्फरपुर के लोग इसे बदनाम गली के तौर पर जानते हैं.
 1995 में मुजफ्फऱपुर की डीएम और अब झारखंड की मुख्य सचिव राजबाला वर्मा ने इस बस्ती में ‘ऑपरेशन उजाला’ चलाया और इस बदनाम बस्ती को उजाड़ दिया. इसके अलावा डीएम के आदेश पर कुछ को जेल भेज दिया गया. वहीं एक स्वयंसेवी संस्था अदिथि ने वहां से निकाली गई लड़कियों को चूड़ी और बिंदी बनाने का प्रशिक्षण देकर स्वरोजगार से जोड़ दिया. यहीं के लालटेन पट्टी इलाके की रहने वाली थी शाइस्ता परवीन.
शाइस्ता ने 1998 में चांद मुहम्मद नाम के एक शख्स से निकाह किया था. शाइस्ता परवीन और चांद मुहम्मद की एक बेटी भी हुई. निकाह के केवल तीन साल बाद ही शाइस्ता 2001 में पति का घर छोड़ दिया और वापस लालटेन पट्टी में भाग के आ गयी. इसी दौरान मुजफ्फरपुर में एक तेज तर्रार महिला एएसपी की पोस्टिंग हुई, जिनका नाम था दीपिका सुरी. दीपिका सुरी ने आते ही रेड लाइट एरिया लालटेन पट्टी में फंसी महिलाओं और बच्चियों को निकालने का काम शुरू किया. इसके लिए एएसपी ने एक ऑपरेशन चलाया, जिसे नाम दिया गया ऑपरेशन उजाला. इस दौरान पुलिस ने अनवर मियां नाम के एक शख्स को गिरफ्तार किया था, जिसे इलाके में चल रहे देह व्यापार का सरगना माना गया था.
अनवर के गिरफ्तार होते ही साइस्ता अपना पहचान छिपाने के लिए नाम बदल ली. अब उसको बृजेश मिला, जिसके साथ मिलकर उसने एक NGO खोल लिया. और इस चालबाज औरत ने इसका नाम दिया वामा शक्ति वाहिनी. इस संस्था की सर्वे सर्वा साइस्ता परवीन ही थी और अब वो सीधे सरकार से अपनी संस्था के नाम पर फंड लेने लगी थी. सबसे पहला फंड इसको 2003 में
एड्स कंट्रोल सोसाईटी की ओर से मिला. धीरे धीरे समाज कल्याण के नाम पर सारे प्रोजेक्ट साइस्ता अपने हाथ में लेने लग गयी.
2016 में एड्स कंट्रोल सोसाइटी में जब एक नए अधिकारी ने साइस्ता की बात नहीं मानी, तो उनका ट्रांसफर तक कर दिया गया. इतना ही नहीं, जब बिहार में शराबबंदी हो गई, तो उस अधिकारी की बार में बैठी हुई फोटो सोशल मीडिया पर वायरल कर दी गई. नाम नही लेना चाहता मैं उस अधिकारी का. साइस्ता अपना साम्राज्य चलाती रही. ये खेल तब 2001 में भी चल रहा था उस समय अनवर मियां गिरफ्तार हुआ था. इसने नाम बदल लिया. ये खेल अभी भी चलेगा कंही और फिर किसी और नाम से ?? ये खेल तबतक चलता रहेगा जबतक साइस्ता गिरफ्तार नही होती. खैर, सरकार बृजेश को गिरफ्तार कर अपना पीठ थपथपा रही है...

कुमार अवधेश सिंह

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