Sunday, 19 August 2018


कर लीजिये इन्हें नमन : 
केरल बाढ़ में लोगों को बचाते हुए RSS स्वयंसेवक
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पी रघुनाथ
बाढ़ पीड़ितों को बचाते खुद का दे दिया बलिदान ...
केरल में भयानक बाढ़ आई हुई है, सेना और NDRF के साथ आरएसएस ने अपने 20 हज़ार स्वयंसेवक केरल में बचाव के कार्य में उतारे है,आरएसएस के स्वयंसेवक भीषण परिस्त्थियों में काम कर रहे है और 1 स्वयंसेवक ने बचावकार्य करते हुए अपने प्राण दे दिए अपना बलिदान दे दिया

पी रघुनाथ ये केरल के पल्लाकड़ जिले के आरएसएस स्वयंसेवक थे, ये भी स्वयंसेवकों के साथ केरल के बाढ़ राहत और बचाव कार्य में लगे हुए थे, और इन्होने लोगों को बचाते हुए स्वयं का बलिदान दे दिया और बाढ़ में ये स्वयंसेवक बलिदानी हो गया वहीँ सीपीएम कांग्रेस और इसाई मिशनरियां बचाव कार्य से गायब है, और ये लोग सोशल मीडिया पर सिर्फ मोदी आरएसएस और बीजेपी को कोसने में लगे है और अलग अलग तरीकों से डोनेशन के नाम पर पैसा जमा करने का काम कर रहे है, लोगों के प्राणों को सेना और आरएसएस बचा रही है
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 कामरेड छात्रों द्वारा  घटिया राजनीति 
 वहां के लोगों को झूठ बोल के बहलाया फुसलाया जा रहा है कि केंद्र सरकार मदद नहीं कर रही ..यह लोग कितने घटिया और मक्कार है इसकी जानकारी हम सभी भारतीयों को होनी चाहिए....
"18 अगस्त 2018 को, केरल के बाढ़ प्रभावित लोगों के साथ एकजुट होकर कई सौ छात्रों, शिक्षकों और नागरिकों ने नई दिल्ली में मार्च किया, केरल हाउस से मार्च शुरू हुआ और पार्लियामेंट स्ट्रीट पर विरोध के साथ समाप्त हुआ, विरोधियों ने मांग की है कि भारत की केंद्र सरकार केरल बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और उचित राहत बलों व धनराशि भेजने के लिए तुरंत कार्य करें.....
केंद्र सरकार के विरोध में छात्रों ने कहा कि बीजेपी शासित केंद्र का केरल के खिलाफ पक्षपातपूर्ण व्यवहार है क्योंकि यहां ईसाई और मुसलमानों की अधिक आबादी है, विरोध कर रहे छात्रों ने कहा कि सरकार ने बाढ़ पीड़ितों की पर्याप्त सहायता करने से इंकार कर दिया है क्योंकि केरल के लोग भाजपा के लिए वोट नहीं देते हैं......."
जबकि मोदी सरकार ने 234 करोड़ के अलावा तत्काल राहत के रूप में 600 करोड़ रुपए केरल सरकार को दिए है, और विभिन्न राज्यों द्वारा 100 करोड़ से अधिक रुपए चंदे के रूप में केरल सरकार को दिए जा चुके है, साथ ही साथ मोदी सरकार ने अपनी सारी योजनाओं का लाभ प्राथमिकता के साथ आपदा प्रभावित लोगों को देने का ऐलान किया है चाहे वो जिन किसानों की फसल तबाह हो गई हो उनको प्रधानमंत्री फसल बीमा में मिलने वाला बीमा क्लेम हो या जिनके घर तबाह हो गए है उनको प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाले आवास हो... इसके साथ मृतकों के परिजनों को 2 लाख रूपए और गंभीर रूप से घायलों को 50 हजार रूपए की राशि देने की भी घोषणा की है....
प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय राजमार्ग अथॉरिटी को आदेश दिया है कि राजमार्ग को जल्द से जल्द दुरुस्त कर के खोला जाए, एनटीपीसी और पीजीसीआईएल को भी राज्य सरकार की सहायता करने को आदेशित कर दिया है, एनडीआरएफ की 57 टीमें भेजी गई है जिसमें 1300 बचाव कर्मी है, 435 बोट्स के साथ, 38 हेलीकॉप्टर, 20 हवाई जहाज के साथ आर्मी, नेवी, एयरफोर्स की कई टुकड़ियां भेजी गई है, साथ में आरएसएस जैसे राष्ट्रवादी संगठन के स्वयसेवकों द्वारा राहत बचाव अभियान चलाया जा रहा है...
प्रधानमंत्री द्वारा इतनी मदद देने के बाद केरल के मुख्यमंत्री ने पीएम मोदी का धन्यवाद भी किया है.... तो यह प्रोटेस्ट जैसा ड्रामा क्यों किया जा रहा है??
यहां दर्द इस बात का नहीं है कि मोदी सरकार ने पैसे नहीं दिए है, बल्कि दर्द इस बात का है कि आपदा की आड़ में जो खेल करना चाहते थे उसकी मोदी जी ने लंका लगा दी है सहायता राशि सीधे विभिन्न माध्यमों/योजनाओं के जरिए आपदा प्रभावित लोगों को दे कर......

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