Sunday 12 August 2018

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प्राइमरी स्कूल को बना दिया इतना स्मार्ट,
'सरकारी है' फिर भी एडमिशन के लिए लगती है होड़
मेरठ के प्राइमरी विद्यालय, रजपुरा का हाल दूसरी जगहों की तरह ही था, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है. इसकी वजह बनी हैं यहां की हेड टीचर 2013 में जब विद्यालय में हेड टीचर बनकर आईं तब हाल बुरा था. स्कूल के अंदर जानवर बंधे रहते थे. स्कूल में चार दीवारी तक नहीं थी. दूर से देखने पर झाड़ी से ढका जर्जर भवन दिखाई देता था. उन्होंने . विभाग से अनुरोध कर सबसे पहले चारदीवारी बनवाई.बाद की कोशिशें खुद ही कीं.
भाभी के साथ मिलकर खुद की पेंटिंग

उन्होंने जेब से रुपए खर्च कर बड़ा गेट लगवाया. स्कूल की दीवारों पर पेंटिंग अपनी भाभी के साथ मिलकर खुद की. साफ़-सफाई कराई. स्थानीय जनप्रतिनिधियों व सामाजिक संगठनों से संपर्क किया. किसी ने फर्नीचर उपलब्ध कराया तो किसी ने स्मार्ट क्लास के लिए एलईडी सहित दूसरा सामान.
लाइब्रेरी में बच्चों को पढ़ने के लिए अलग टाइम दिया जाता है. लाइब्रेरी की किताबें उन्होंने खुद जुटाई हैं. खेल के लिए सामान, बच्चों को रोजगार परक शिक्षा/प्रशिक्षण, लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई, आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण दिया जाता है.स्कूल में पेरेंट्स मीटिंग भी होती है.इस स्कूल ने इलाके के प्राइवेट स्कूलों को मात दे दी है. बच्चे जमीन पर नहीं बैठते. फर्नीचर है. टाइल्स लगे हैं. दीवारों पर पेंटिंग है. दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था है. समर कैंप होता है.

दिव्यांग बच्चों के लिए कराई व्हील चेयर की व्यवस्था

गांव में कई दिव्यांग बच्चे थे जो स्कूल नहीं जा पाते थे. उन्होंने व्हील चेयर की व्यवस्था कराई. दिव्यांग बच्चों को फिजियोथेरेपी के जरिए ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. स्कूल में 155 एडमिशन हैं. उपस्थिति शत-प्रतिशत रहती है

उन्हें 2017 में यूपी की बीजेपी सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. जिला प्रशासन द्वारा सम्मान बेस्ट टीचर अवार्ड, समाज कल्याण ट्रस्ट द्वारा बेसिक शिक्षा रत्न अवार्ड सहित कई अवार्ड दिए जा चुके हैं.
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ब्रिटेन में भारत प्रेम ने अपना रंग दिखाया.

लन्दन में ISI समर्थित खलिस्तानी 12 अगस्त को पंजाब को भारत से अलग करने, रेफरेंडम 2020" के नाम पर भारत के विरुद्ध जहर उगल रहे थे,मोदी समर्थकों ने उनके आयोजन में ही व्यवधान डाल दिया, ढोल-नगाड़ों के साथ 5000 से ज्यादा की रैली निकाली और प्रखर होकर भारत के विरुद्ध विषवमन कर रहे खालिस्तानियों का विरोध किया,
 यह कोई छोटी सी नजरअंदाज करने वाली घटना नहीं है बल्कि इसका भी एक महत्व है और इस घटना के कुछ अलग ही मायने हैं,अबसे पूर्व खालिस्तानी लंदन में इस प्रकार के प्रदर्शन खुलेआम किया करते थे कहीं से विरोध के कोई स्वर नहीं उठते थे,
किंतु अब मोदी के नेतृत्व में विश्व भर में रह रहे भारतीयों के अंदर एक नए आत्मसम्मान का सृजन हुआ है और वह उसका महत्व समझते हुए भारत के विरुद्ध उठने वाले प्रत्येक स्वरों का अपनी क्षमता अनुसार प्रखर विरोध दर्ज करा रहे हैं, यह भारत के प्रति बढ़े हुए राष्ट्रवाद का सूचक है और स्वर्णिम भारत के लिए एक शुभ संकेत।

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पाकिस्तान की सीमा के अंदर घुसकर जम्मू-कश्मीर के 6 स्थानो पर सर्जिकल स्ट्राइक कराने वाले पूर्व सेनाध्यक्ष 
Gen Dalbir Singh को अमेरिका का प्रतिष्टित सैनिक एवार्ड ‘Legion of Merit’ दिया गया.

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