Saturday 11 August 2018

डा. आंबेडकर के साथ भेदभाव और अन्याय आखिर किसने और कब किया था ?
इसका असली नाम तो भीम राव सकपाल था, महादेव अम्बेडकर ब्राह्मण गुरु ने इस पर तरस खा कर इसको शिक्षा दी, और अपना सरनेम भी दिया।
विदेश में उच्च शिक्षा का सारा खर्च बडौदा से सवर्ण गायकबाड़ शासक “सहयाजी राव तृतीय” ने उठाया. उसके बाद लन्दन में शोध करने का सारा खर्च, कोल्हापुर राज्य के स्थानीय शासक “शाहू चतुर्थ” ने उठाया. एक ब्राह्मण महिला सविता आंबेडकर ने बिना जाती की परवाह किये उनके साथ विवाह किया।
आजादी की लड़ाई में अंग्रेजों के खिलाफ कुछ करने की बात तो छोडिये, किसी क्रांतिकारी की कभी कोई कानूनी सहयाता की हो इसका अगर किसी भीम समर्थक को पता हो तो बताने की कृपा करे.

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