अंतराष्ट्रीय दबाव का सिलसिला ..कौन सी शक्ति काम कर रही है
वो कौन सी जिद है जिसके चलते पूरी अंतराष्ट्रीय बिरादरी पर इतना दबाव डाला जा रहा है .
आखिर इंडोनेशिया , फिर भारत , फिर वेटिकन फिर ब्रिटेन में उठ रही आवाजों के पीछे वो कौन सी शक्ति काम कर रही है जो एक देश को अपनी आंतरिक सुरक्षा करने से रोक रहीहै .
अंतराष्ट्रीय दबाव का ये सिलसिला अब पहुंच चुका है रूस की राजधानी मास्को में जहाँ अचानक ही म्यंमार के रोहिंग्या समर्थकों के उत्पात के चलते माहौल हिंसक हो गया और हालत इस कदर बिगड़ गए की वहां पुलिस को कठोर कदम उठाने पड़े .ज्ञात हो की बौद्धों के हत्यारेरोहिंग्या के लिए रूस की राजधानी मास्को में म्यांमार दूतावास के सामने एक बड़ी रैली को बुलाया गया जो धीरे धीरे हिंसक रूप लेना सुरु कर दी और हालत बिगड़ गए .
समाचार एजेंसी टीएएसएस ने पुलिस के दिए बयान के आधार पर बताया की अचानक ही म्यांमार के दूतावास पर लगभग 800 प्रदर्शनकारी जमा हो गए और उन्होंने हंगामा मचाना शुरू कर दिया .यहाँ पर नमाज़ अदा की गयी उसके बाद वहां अल्लाह हु अकबर के नारे बुलंद किये गए .
पुलिस को किसी अनहोनी की आशंका दिखी तो उसने फौरन बाद पुलिस ने वहां पर सुरक्षा को कडा कर दिया और तुरंत २० पुलिस वाहन लगा कर उन्हें रोकने की कोशिश की गयी . जब वो नहीं हटे तो उन्हें हटाने के लिए पुलिस को बख्तर बंद वाहन बुलाने पड़े . वहां प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शन कारियों में से एक बेहद उग्र और अशांत दिख रहे प्रदर्शनकारी ने टीएएसएस को बताया, की वो अपने भाइयों के लिए कहीं भी किसी भी जगह कोई भी आवाज उठाने को तैयार हैं .दूसरी तरफ इंटरफेक्स के संवाददाता ने बताया कि रूसी अधिकारीयों की बिना अनुमति के ये प्रदर्शन किया गया जो वहां के कानूनों का खुला उल्लंघन है...
इन संदेशो से साफ़ है ... प्रदर्शनकारी तब तक चुप बैठा रहेगा जब तक गैर मुस्लिम का कत्ल होता रहेगा ...पर जैसी ही कोई प्रतिकार करेगा वैसे ही उसको अंतराष्ट्रीय दबाव बना कर कहीं ना कहीं से वो सब कुछ सहने के लिए मजबूर कर दिया जायगा जो वो प्रतिकार से पहले सह रहा था ....
वो कौन सी जिद है जिसके चलते पूरी अंतराष्ट्रीय बिरादरी पर इतना दबाव डाला जा रहा है .
आखिर इंडोनेशिया , फिर भारत , फिर वेटिकन फिर ब्रिटेन में उठ रही आवाजों के पीछे वो कौन सी शक्ति काम कर रही है जो एक देश को अपनी आंतरिक सुरक्षा करने से रोक रहीहै .
अंतराष्ट्रीय दबाव का ये सिलसिला अब पहुंच चुका है रूस की राजधानी मास्को में जहाँ अचानक ही म्यंमार के रोहिंग्या समर्थकों के उत्पात के चलते माहौल हिंसक हो गया और हालत इस कदर बिगड़ गए की वहां पुलिस को कठोर कदम उठाने पड़े .ज्ञात हो की बौद्धों के हत्यारेरोहिंग्या के लिए रूस की राजधानी मास्को में म्यांमार दूतावास के सामने एक बड़ी रैली को बुलाया गया जो धीरे धीरे हिंसक रूप लेना सुरु कर दी और हालत बिगड़ गए .
समाचार एजेंसी टीएएसएस ने पुलिस के दिए बयान के आधार पर बताया की अचानक ही म्यांमार के दूतावास पर लगभग 800 प्रदर्शनकारी जमा हो गए और उन्होंने हंगामा मचाना शुरू कर दिया .यहाँ पर नमाज़ अदा की गयी उसके बाद वहां अल्लाह हु अकबर के नारे बुलंद किये गए .
पुलिस को किसी अनहोनी की आशंका दिखी तो उसने फौरन बाद पुलिस ने वहां पर सुरक्षा को कडा कर दिया और तुरंत २० पुलिस वाहन लगा कर उन्हें रोकने की कोशिश की गयी . जब वो नहीं हटे तो उन्हें हटाने के लिए पुलिस को बख्तर बंद वाहन बुलाने पड़े . वहां प्रदर्शन कर रहे सैकड़ों प्रदर्शन कारियों में से एक बेहद उग्र और अशांत दिख रहे प्रदर्शनकारी ने टीएएसएस को बताया, की वो अपने भाइयों के लिए कहीं भी किसी भी जगह कोई भी आवाज उठाने को तैयार हैं .दूसरी तरफ इंटरफेक्स के संवाददाता ने बताया कि रूसी अधिकारीयों की बिना अनुमति के ये प्रदर्शन किया गया जो वहां के कानूनों का खुला उल्लंघन है...
इन संदेशो से साफ़ है ... प्रदर्शनकारी तब तक चुप बैठा रहेगा जब तक गैर मुस्लिम का कत्ल होता रहेगा ...पर जैसी ही कोई प्रतिकार करेगा वैसे ही उसको अंतराष्ट्रीय दबाव बना कर कहीं ना कहीं से वो सब कुछ सहने के लिए मजबूर कर दिया जायगा जो वो प्रतिकार से पहले सह रहा था ....
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