Saturday 27 January 2018

 
नरेन्द्र मोदीजी ने सत्ता में आने के बाद एक चीज जो सबसे बेहतर की है वह "पद्म" सम्मान को लॉबी से मुक्त कर समाज के सही गुमनाम नायकों को सम्मान देने का सिलसिला। वरना पहले "दिल्ली लॉबी" इसे मैनेज कर लेती थी।
और आज मिले इन सभी पद्म सम्मान में सबसे बेहतरीन और प्रेरक कहानी पश्चिम बंगाल की सुभाषिनी की है। सुभाषिनी दूसरे के घरों में काम करती थी।मजदूरी करती थी। 12 साल में ही शादी हो गयी थी। पति भी मजदूर था। 10 साल बाद पति बीमार हुआ। सुभाषिनी ने अपने पति को बिना इलाज मरते देखा।
फिर तब 23 साल की सुभाषिनी ने तय किया कि वह कुछ ऐसा करेगी कि उसका कोई अपना इस तरह न मरे। उसने दिन में मजदूरी और रात में घर का काम कर पैसा जुटाने लगी।बेटे को पढ़ने के लिये अनाथालय भेज दिया।
25 साल में तिनका तिनका जोड़ 25 बेड का अस्पताल बना दिया। इस बीच उनका बेटा भी डॉक्टर बन गया।अब दोनों उसी अस्पताल में मुफ्त इलाज करते हैं गरीबों का। पति को मरता देख जो झेला, अब चाहती है कोई न देखे। उसकी जिद और संघर्ष की यह सफर बेमिसाल है। यह सही में पद्म सम्मान है। आज की लिस्ट में ऐसी ही बेहतरीन, जिंदगी खूबसूरत को दिखाने वाली कई कहानी है।

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