कासगंज मामले में ऐसी चर्चा तेज है की घटना को करने के लिये गुंडा मजहब ने दो तरफा तैयारी कर रखी थी।
घटना का मास्टरमाइंड मोहम्मद मुनाजिर रफी नामक एक वकील है। जिसने कासगंज में तिरंगा यात्रा पर हमला करने के लिये 500 लङकों को तैयार कर रखा था। और अपना पक्ष मजबूत दिखाने के लिये तिरंगा यात्रा के रास्ते में ही गणतंत्र दिवस मनाने का नाटक किया।
उसे यह पता था की इस घटना के बाद हिन्दू ध्रुवीकरण हो सकता है। अतः मिडिया में पुरा दोष हिन्दू पक्ष पर डालने की भी तैयारी कर लिया। इसमें उसने गुंडा मजहब के प्रभावशाली पत्रकार जावेद मंसुरी को साथ लिया। जिसने घटना के बाद विभिन्न चैनलों को गलत जानकारी दिया।
जावेद मंसुरी नामक पत्रकार ने गलत जानकारी देकर कुछ मिडिया चैनलों यथा एबीपी न्यूज़ इत्यादि को गुंडा मजहब का स्पोकपर्सन बना दिया।
पत्रकार जावेद मंसुरी एवं वकीव मुनाजिर रफी की साठगांठ से गुंडा मजहब ने हिन्दुओं की हत्या भी कर दी, गणतंत्रदिवस मनाने का नाटक करके देशभक्त भी बन गये और तमाम चैनलों को मिसलीड करके पीङीत पक्ष भी बन गये।
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