4 जज तहलका मचाने के चक्कर में हैं,
जानिये ये हैं कौन और इनकी पृष्टभूमि क्या है
जानिये ये हैं कौन और इनकी पृष्टभूमि क्या है
आज सुप्रीम कोर्ट के 4 जज मीडिया के सामने आये और वो भी अफ़ज़ल गैंग के कुख्यात वामपंथी पत्रकार शेखर गुप्ता के साथ, और ये जज कहने लगे की देश का लोकतंत्र खतरे में है, चीफ जज हमारी बात नहीं मानता, देश को बचाइए, देश खतरे में है...सुप्रीम कोर्ट में 31 माननीय जज होते है। 6पद रिक्त है। बाकी 25 न्यायाधीशों में 4 जज साहबान को मुंख्य न्यायाधीश से शिकायत है.. यह वे 4 जज है जो भष्टाचारियो और वामपंथियों के एहसान का कर्ज उतार रहे है. ताकि उच्च्तम न्यायालय के संवैधानिक पीठ के फैसलों पर देश सन्देह करे..जैसा कि अभी भविष्य में कई फैसले आएंगे.
जिस तरह से भ्रष्ट, दलाल व सोनिया गांधी के परिवार के चरनभाट पत्रकार शेखर गुप्ता, इन चारों न्यायधीशों को लेकर पत्रकारों के बीच लेकर पहुंचा था उससे यह स्पष्ट है कि यह प्रेस कांफ्रेस, भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं व संवैधानिक संस्थाओं को तोड़ने के उद्देश्य से किया गया है। न्यायधीशों ने कांफ्रेंस और अपने लिखे पत्र से यही दिखाने का प्रयत्न किया है कि सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा के आने के बाद से ही सर्वोच्च न्यायालय के तन्त्र में खराबी आयी है लेकिन जनता यह जानती है कि यह तन्त्र तो पिछले कई दशकों से दीमक रूपी न्यायाधीशों ने खोखला किया हुआ है।
जस्टिस दीपक मिश्रा के बारे में
-याकूब मेनन को फाँसी इन्ही ने सुनाई थी !
-सिनेमा में राष्ट्रगान इन्हीं ने बजवाया था !
-निर्भया गैंग रेप में तीनोँ आरोपियों को फाँसी इन्हीं ने सुनाई थी !
-ऑनलाइन एफआईआर दिल्ली पुलिस से इन्होंने ही करवाई थी !
-अयोध्या राम मंदिर मामले में भी यही सुनवाई कर रहे हैं !
-सिनेमा में राष्ट्रगान इन्हीं ने बजवाया था !
-निर्भया गैंग रेप में तीनोँ आरोपियों को फाँसी इन्हीं ने सुनाई थी !
-ऑनलाइन एफआईआर दिल्ली पुलिस से इन्होंने ही करवाई थी !
-अयोध्या राम मंदिर मामले में भी यही सुनवाई कर रहे हैं !
तो बताइए ऐसे राष्ट्रवादी चीफ जस्टिस के खिलाफ बामपंथियों की साजिश तो बनती है ना और ऊपर से काँग्रेस का दीपक मिश्रा जी से नैतिकता के आधार पर इस्तीफ़ा माँगना
यह कोई छोटी साजिश नही हो सकती.....
यह कोई छोटी साजिश नही हो सकती.....
जस्टिस दीपक मिश्रा ने 1984 सिख विरोधी दंगो पर SIT गठित की है और 1984 के सभी केस दोबारा खोलने व जांचने के आदेश दिये है वो भी दो महीने की समय सीमा में.....अब भला ये बात कांग्रेस को कैसे सहन होती....तो कांग्रेस ने 70 सालों से पाल पोस कर रखे हुए अपने बुद्धिजीवी जेहादियो को लगा दिया काम पर....कांग्रेस के एक तरफा पक्षधर पत्रकार शेखर गुप्ता ने पूरी फील्डिंग सेट की....उसने ही इन चार कांग्रेस के खासम खास जजो की प्रेस कॉन्फ्रेंस करायी....अभी और बहूत सारी बाते धीरे धीरे निकल कर आयेगी....फरवरी में होने वाले राममंदिर फैसले से भी कांग्रेसी खेमा बुरी तरह बौखलाया हुआ था....कांग्रेस ने अपने निजी स्वार्थ के लिए न्यायालयों का भी भरपूर राजनीतिकरण कर दिया है....
यहां यह महत्वपूर्ण है कि मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा पर आक्रमण दो कारणों से हुआ है। पहला यह कि जस्टिस मिश्रा ने 1984 के सिख दंगो के केस फिर से खोले जाने का निर्णय लिया है जो कांग्रेस को बिल्कुल पसंद नही आरहा है और दूसरा यह कि वे रामजन्म भूमि के मुकदमे को देख रहे है। यह सारी कवायत इसी लिये है ताकि जस्टिस मिश्र दबाव में आकर राम जन्म भूमि के मुकदमे को आगे बढ़ा दे और यदि वह निर्णय देते है, जो कि हिंदुओं के पक्ष में ही आने की संभावना है तो इस तरह के किसी भी निर्णय को संदिग्ध बताया जाये और इस निर्णय को वर्तमान की मोदी सरकार के दबाव में लिया गया निर्णय करार दिया जासके।
भारत का न्यायालय व उसके न्यायाधीश सड़ चुके है। वे आज उतने ही बईमान व राष्ट्रद्रोही नज़र आरहे है जितना भारत की मीडिया का एक वर्ग है। जिस तरह से भारत की मीडिया का एक वर्ग निर्लज्जता से हिंदुत्व व राष्ट्रवाद के विरुद्ध पक्षपात पूर्ण खबरों को बनाता व बिगाड़ता है वैसे ही न्यायाधीश भी निर्लज्जता से न्याय को बना और बिगाड़ रहे है। आज भारत के भूतपूर्व मुख्य न्यायाधीश केहर ने जिस तरह भारत के बढ़ने में हिंदुत्व को सबसे बड़ा रोड़ा बोला है वह इन चार न्यायाधीशों के विद्रोह का ही हिस्सा है।
ये लोग न्यायाधीश न होकर कांग्रेस वामी सेक्युलर गिरोह के ही हिस्से है।
चलिए इन जजों के बारे में जानिये, ये लोग कौन है, इनकी पृष्टभूमि क्या है, पहले इन्होने क्या किया है ताकि आपको अंदाजा लग जाये की असल स्तिथि है क्या, ये सभी जज कांग्रेस के राज में जज बने थे, पहले आपको बताते है इनमे से एक जज जोसफ कुरियन के बारे में
ये जज मानसिकता से एक ईसाई कट्टरपंथी है, प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को एक कार्यक्रम रखा था तो इसने ऐतराज़ जताया की इसे तो रविवार को चर्च जाना है, मोदी को ईसाई विरोधी साबित करने की कोशिश की, मसलन जज साहेब के लिए काम नहीं बल्कि ईसाइयत यानि मजहब पहले है
अब आते है जस्टिस चमलेश्वर पर, ये वो जज है जो कांग्रेस के काफी करीबी माने जाते है और हाल ही में इन्होने आधार का भी विरोध किया था, कांग्रेस आधार का विरोध करती है, आपको बता दिए की आधार से भ्रष्टाचारियों की नींद उडी हुई है चूँकि उस से सबकुछ कनेक्ट किया जा रहा है, कई तरह के फर्जीवाड़े आधार से बंद हो चुके है
अब एक जज है जस्टिस गोगोई - ये असम का है और असम के पूर्व मुख्यमंत्री केशब चंद्र गोगोई का पुत्र है, केशब चंद्र गोगोई कांग्रेस के मुख्यमंत्री हुआ करते थे, और ये जज साहेब कोंग्रेसी मुख्यमंत्री के पुत्र है
और इन लोगों के साथ घूम रहा है शेखर गुप्ता जैसा अफ़ज़ल प्रेमी, अवार्ड वापसी गैंग का कुख्यात पत्रकार, और ये लोग कह रहे है की देश का लोकतंत्र खतरे में है, भैया 2018 का साल है 2019 में चुनाव है, अब ऐसे सभी लोग सामने आते रहेंगे, क्यूंकि 2019 में कांग्रेस को चाहिए सत्ता इसलिए अब लोकतंत्र इत्यादि सब खतरे में आएगा, ऐसा आपको समय समय पर बताया जाता रहेगा ......
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