Sunday 21 January 2018

देश मे खिलाफत आंदोलन से 'हिन्दू-मुसलमान एकता'
 खिलाफत मंडल की सभा मे पंजाब से मौलाना अल्लाहबख्श आये हुए थे,कालीकट के मुसलमानों ने खिलाफत मंडल के नेता रामनारायण नंबूदरी को समझाया कि अलाहबख्श के भाषण से पहले हिन्दू-मुस्लिम एकता दिखाने के लिए जुलूस में अल्लाहबख्श की बग्घी को घोड़ों के बजाए हिन्दू नौजवानों द्वारा खिंचवाया जाए,इससे हिन्दू-मुस्लिम एकता का पूरे मुल्क में सुंदर संदेश जाएगा,नम्बूद्री राम नारायण खुश हुए,बग्घी में अल्लाहबख्श तन कर बादशाहों वाले अंदाज़ में तन कर बैठा था....... मुस्लिम, सुभान अल्लाह-सुभान अल्लाह और अल्लाह-उ-अकबर का नारा लगाते चलते थे ! हिन्दू,अल्लाहबख्श के ऊपर फूलों की वर्षा करते थे ! हिन्दू युवक ,अल्लाहबख्श की बग्घी में घोड़ों की जगह जुते हुए पूरे कालीकट में अल्लाहबख्श को राजा की तरह यात्रा कराते रहे.....मुस्लिम गर्व से छाती फुलाए थे....
हिन्दू, 'हिन्दू-मुस्लिम एकता' का गीत गाते नहीं थकते थे....बस एक छोटी सी हिंदुओं से गलती यह हो गई थी कि एक नायर के मुंह से अल्लाह उ अकबर के बीच 'वंदेमातरम' का नारा निकल गया..... मुस्लिम नौजवानों ने फौरन नायर को जुलूस के बीच से खींच कर निकाल दिया ! हिन्दू नेताओं ने आदेश दिया कि हिन्दू भी अल्ला उ अकबर का नारा लगाएंगे....बड़ी मुश्किल से मुस्लिमों की नाराजी दूर कर जुलूस आगे बढ़ा,और महानन्दी अय्यर के घर पहुचा...... जहां मीटिंग थी......
सदारत कर रहे थे ,मौलाना अल्लाहबख्श ... महानन्दी अय्यर ने सुझाव दिया कि चूंकि स्वराज आंदोलन भी जोरों पर है,अतः मीटिंग में खिलाफत के साथ-साथ 'स्वराज' पर चर्चा हो जाये.... मुल्ला एटखान बेहद नाराज हो गए....कहने लगे कि यह तो हिंदुओं को मुस्लिमों के ऊपर लादने की साज़िश हो रही है...महानन्दी अय्यर ने अपनी 'गलती' की तुरंत क्षमा मांगी.....गांधी जी ने कहा था कि किसी भी हालत में खिलाफत तहरीक को सफल बनाना है.....सयाने अल्लाहबख्श ने कहा कि हिन्दू अगर सच्चा हिन्दू है,गांधी और खिलाफत तहरीर के लिए दिल से साथ है तो खिलाफत तहरीर के लिए 'धन और अन्य संसाधन' हिंदुओं को देने होंगे,क्योकि केरल के मोपला मुसलमान बहुत गरीब हैं , सभा मे उपस्थित सभी हिंदुओं ने करतल ध्वनि से इस प्रस्ताब का स्वागत किया,महानन्दी अय्यर ने कहा की बेशक हिंदुओं को अपनी पत्नियों के ज़ेबर बेचने पड़ जाएं मगर खिलाफत तहरीर के लिए हिन्दू धन की कमीं नहीं होने देंगे .....मगर मगर चंदे की देखरेख के लिए कोई हिन्दू रखा जाता तो खिलाफत तहरीर में हिंदुओं की सहभागिता और दिखती .....सभा में मौजूद सभी मुस्लिम क्रोध में आ गये..... खिलाफत तहरीर पर पैसों की ताकत से हिन्दू कब्ज़ा करना चाहते हैं....एक मौलाना खड़े होकर बोलने लगा.....हिन्दू होने के नाते तुम्हारा हमे जज़िया देने का फर्ज बनता है ! हम इत्तेहाद दिखा रहे हैं तो तुम हिन्दू काफिर हमसे चालबाज़ी दिखा रहे हो.....तुम्हारे गांधी की वजह से हमने हिंदूओ को इस तहरीर में शामिल कर लिया है......महानन्दी अय्यर फिर खड़े हुए उन्होंने अपनी 'भारी गलती' के लिए क्षमायाचना की..... और तुरंत ही कालीकट के हिंदुओं की तरफ से दस हज़ार रु की रकम मुस्लिमों के हवाले की ....मौलवी अल्लाहबख्श ने कहा कि महानन्दी सच्चे हिन्दू हैं और आला दर्जे के महापुरुष हैं......
कुछ दिनों बाद ही महानदी अय्यर सहित हज़ारों हिंदुओं का वध कर दिया गया,हज़ारों हिन्दू महिलाओं की बलात्कार के बाद हत्या हुई,हज़ारों का धर्मपरिवर्तन हुआ........देश मे खिलाफत आंदोलन की वजह से 'हिन्दू-मुसलमान एकता' कायम हुई......अक्टूबर 1920,कालीकट (मोपला)

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