सब एक ही माटी से जनमे, सब एक माटी में मिलेंगे...
जाति जोड़िये... देश जोड़िये...
सभी जातियाँ सम्माननीय हैं,. सिवाय के जो सिर्फ हिन्दू धर्म को गाली देकर काँग्रेस की दलाली करते हैं
पुराने जमाने में
जब हॉस्पिटल नहीं होते तो बच्चे की नाभि कौन काटता मतलब पिता से भी पहले कौन सी जाति बच्चे को स्पर्श करती।
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था ?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता।
वाल्मीकियनो के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं।
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था।
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी।
किसने आपके कपडे धोये।
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो मीलो दूर से लाता था। और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी की आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ में आपकी आत्मा जुड़ा जाती है।
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था...कौन फसल लाता था...कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं।
जीवन से लेकर मरण तक सबने मुझे स्पर्श किया है कभी न कभी।
जाति जोड़िये... देश जोड़िये...
सभी जातियाँ सम्माननीय हैं,. सिवाय के जो सिर्फ हिन्दू धर्म को गाली देकर काँग्रेस की दलाली करते हैं
पुराने जमाने में
जब हॉस्पिटल नहीं होते तो बच्चे की नाभि कौन काटता मतलब पिता से भी पहले कौन सी जाति बच्चे को स्पर्श करती।
आपका मुंडन करते वक्त कौन स्पर्श करता था ?
शादी के मंडप में नाईं और धोबन भी होती थी। लड़की का पिता लड़के के पिता से इन दोनों के लिए साड़ी की मांग करता।
वाल्मीकियनो के बनाये हुए सूप से ही छठ व्रत होता हैं।
आपके घर में कुँए से पानी कौन लाता था।
भोज के लिए पत्तल कौन सी जाति बनाती थी।
किसने आपके कपडे धोये।
डोली अपने कंधे पर कौन मीलो मीलो दूर से लाता था। और उनके जिन्दा रहते किसी की मजाल न थी की आपकी बिटिया को छू भी दे।
किसके हाथो से बनाये मिटटी की सुराही से जेठ में आपकी आत्मा जुड़ा जाती है।
कौन आपकी झोपड़ियां बनाता था...कौन फसल लाता था...कौन आपकी चिता जलाने में सहायक सिद्ध होता हैं।
जीवन से लेकर मरण तक सबने मुझे स्पर्श किया है कभी न कभी।
कहते है की छुवाछुत था। होगा पर इसके मध्य एक प्रेम की धारा भी बहती थी, जिसका ये सेक्युलर और मंडल वाले कभी उल्लेख नहीं करेंगे।
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