देश में, उल्टी सोच वाले वामपंथियों की संख्या में निरंतर इज़ाफ़ा हो रहा है। कारण है गलत बातों का प्रचार प्रसार, विशेषकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया औऱ फिल्मों के माध्यम से, सरकार की कुछ गलत नीतियों से, गुंडों को खुली छूट देने से, हिंसा और अनैतिकता फैलाने वाले धारावाहिकों से और मोटी धनराशि से अधिकारियों, संस्थान प्रमुख, वकीलों और पत्रकारों की खरीद फरोख्त से। जिस देश मे ईमान का सौदा होता हो, वहाँ अच्छाई, सच्चाई और विकास का बाधित हो जाना लाज़मी है।
आज इसी दूषित वातावण का परिणाम है कि कन्हैय्या, शहला, उमर खालिद, स्वरा भास्कर, सरदेसाई, शोभा डे, भंसाली, अंजना कश्यप, और नेक नामचीन नेता और मंत्री प्रतिदिन पैदा हो रहे हैं।
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हिंदुस्तान में दंगा शुक्रवार (जुम्मा) को ही क्यों होता है..?
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