रोहित सरदाना ने tv पर उन जिहादी किताबों के नाम भी बता दिए.. जिनको पढ़ाकर मदरसों में आतंकवादी बनाया जाता है... और जिन किताबों के नाम बोलने की हिम्मत tv पर किसी प्रवक्ता में नहीं थी...
25 अगस्त 1985 में इजराइल के प्रधानमंत्री बिगिन इजिप्ट की यात्रा पर गए और वहां के प्रधानमंत्रि अनवर सादात से कहा...
"मैं आपके उपर कैसे भरोसा कर लूं... जिसके देश मे कुरान पढ़ाई जाती है.. "
"मैं आपके उपर कैसे भरोसा कर लूं... जिसके देश मे कुरान पढ़ाई जाती है.. "
और फिर मानना पड़ेगा अनवर सादात को जिन्होंने के उसके बाद शिक्षा मंत्री को बुलाया और ऐसी सारी आयतों को निकालने का हुक्म दिया जिसमें काफ़िर शब्द आता हो या जिसमे गैर मुस्लिमों से नफरत घृणा और हत्या का पाठ था...
यही नहीं मिस्र ने एक ऐसे विश्वविद्यालय को ही सरकार के अधीन कर लिया जिसमे से इस्लामिक विद्वान तैयार होते थे और कई इस्लामिक किताबें निकलती थी... पाठ्यक्रम से काफ़िर आदि शब्द निकालते हुए वो "आख़िरत" का अध्याय भी निकाल दिया गया जिसमें दोजख का डर दिखा कर मुसलमानों को आतंकी बनाया जाता है...
खैर हम तो यही कहेंगे अगर भारत देश को बचाना है तो वसीम रिजवी .. जिन्होंने मदरसों में आतंकवाद की बात उठाई है.. और रोहित सरदाना ने न्यूज़ चलाई है उसकी आड़ में बड़े कदम उठाए... सबसे बड़ी बात ऐसा करने से ही भाजपा भी हमेशा के लिए जिंदा रहेगी... और हिन्दू भी... नेतन्याहू से मिलने से कुछ नहीं होगा.. उनकी तरह बहादुर बनकर इस्लाम के खिलाफ कदम उठाना होगा।।
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