होस्टल में कब्जा इन वामपंथी का असली काम
आप किसी भी विश्वविद्यालय या संस्थान में सर्वे करिये ..एक बात आपको हर जगह नजर आएगी की छात्रावासों में कुछ छात्र और छात्राए दशको से अड्डा जमाये पड़ी रहती है ... वो किसी न किसी कोर्स में दाखिला लेते रहते है .. कभी कभी चार पांच विषयों में एम्ए करते रहेंगे तो कभी एमफिल ..आदि ..
इनके साथ के पढने वाली छात्राए पढ़ लिखकर अच्छी नौकरी पाकर शादी करके चार पांच बच्चों की मम्मी बनकर सुखी जीवन जीती है .. लेकिन ये वामपंथी छात्राए होस्टल में ही किसी न किसी कोर्स में एडमिशन लेकर वही अड्डा जमाये रहती है ...या फिर आसपास के किसी प्राइवेट कोलेज में टीचर की नौकरी करती है ..
असल में ये सब एक बड़ी सोची समझी साजिश के तहत विदेशो में बैठे इन वामपंथी संगठनो के ईशारे पर होता है ... ये नए दाखिला लेने वाले गाँवों छोटे कस्बो से आने वाले भोले भाले छात्रों को निशाना बनाते है .. उस समय छात्र और छात्राए अपने एड्रिनल ग्रन्थि से सीक्रिट होने वाले हारमोंस की वजह से विद्रोही स्वभाव के हो जाते है .. उन्हें ये दुनिया रंगीन नजर आती है ..उनका दिमाग पूरी तरह से डोपामीन रसायन के कब्जे में रहता है .. उस दौर में किसी भी छात्र या छात्रा का ब्रेनवाश करना बहुत आसान होता है ... उस समय यदि माँ बाप बच्चो को कुछ बोले तो बच्चो को माँ बाप दुश्मन नजर आते है ...
अब होस्टल में कब्जा इन वामपंथी का असली काम शुरू होता है .. वो लडकियों को बहकाने के काम में लग जाती है .. और उन्हें हिंदुत्व और देश में माहौल के बारे में खूब भडकाया जाता है .. फिर उन्हें अपनी संकृति और सभ्यता के बारे में भडकाया जाता है .. फिर उन्हें ब्ल्यू फिल्म दिखाकर उनके अंदर के यौन हार्मोन्स को और सक्रिय किया जाता है ...
मै जब मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में पढ़ता था तब इन वामपथी संगठनो के कार्य करने की पूरी पद्धति को खूब गौर से देखता था .. ऐसी काई वामपंथी रंडीयो से दोस्ती थी जो दशको से होस्टल में जमी रहती थी ... उनमे से एक का अवैध सम्बन्धो की वजह से मर्डर भी हो गया .. उसके कत्ल के बाद खुलासा हुआ की वो बड़े बड़े नेताओ के साथ सेक्स की सीडी बनाकर उन्हें ब्लैकमेल करके करोड़ो रूपये ऐठती रहती थी ..
असल में एक इंसानी मनोविज्ञान है की इन्सान जैसा होता है हो चाहता है उसके आसपास भी सब लोग ऐसे ही हो जाये .. अमेरिका और ब्राजील में कई ऐसे एड्स रोगी पकड़े गये है जो जानबूझकर लोगो को एड्स का रोगी बनाते थे ..इससे उनको मानसिक संतुष्टि मिलती थी .. ठीक यही ये चालीस पचास साल की हो चूँकि वामपंथी रंडियां भी चाहती है .. इनका खुद का घर नही बसा होता है .. ये गंदी सोहबत में पडकर सिगरेट, शराब और यौनाचारी बन जाती है ..फिर ये चाहती है की दूसरी लडकियाँ भी इनकी जैसी बन जाये ... ये कभी नही चाहेगी की कोई लड़की पढ़ लिखकर नौकरी करे या फिर शादी करके अपना घर बसाकर सुख शांति से रहे ...
सभी अभिभावकों को ध्यान देना चहिये की यदि उनका बेटा या बेटी कही बाहर पढने जा रही है तो वो इन वामपथी रंडियों या दलालों के चक्कर में न पड़ जाए..और हाँ ..यदि आपका रिश्ता तय हो रहा हो तो कृपया जानकारी कर ले की वो लड़की छात्र जीवन में वामपंथी छात्र संगठनो, या फिर कांग्रेसी छात्र सन्गठन एनएसयुआई या फिर आम आदमी पार्टी के छात्र सन्गठन सीवाईएसएस से न जुडी हो ... क्योकि इन छात्र संगठनो में लडकियों का किस तरह से एक सोची समझी साजिस के तरह ब्रेनवाश करके उसे एक लड़की से क्या बना दिया जाता है वो हम और आप अच्छी तरह से समझते है
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