Wednesday, 17 January 2018

रोए_पोप_फ्रांसिस


रोने से क्या अपराध खत्म हो जाएगा ? अपराधी पादरियों पर कार्यवाही क्यों नहीं कर रहा चर्च ? हिंदी मीडिया में केवल जागरण ने इस खबर को छापा, बाकी ने चुप्पी साधी, सोचिये क्यों ? क्या चर्च ने सब को खरीद लिया ?
 पोप फ्रांसिस ने चिली में गिरजाघरों के पादरियों द्वारा दुष्कर्म और यौन शोषण के शिकार बच्चों से मुलाकात की और उनकी आपबीती सुनी। दर्दभरी दास्तां सुनते समय पीडि़त बच्चों के साथ पोप भी रो पड़े। बाद में उन्होंने कहा, यह पीड़ा और शर्म का विषय है। पोप ने बच्चों के कल्याण के लिए प्रार्थना की। चर्च पदाधिकारियों के उत्पीड़न की घटनाओं से चिली में भारी गुस्सा है। सोमवार को पोप का दौरा शुरू होने से पहले लोगों ने विरोध स्वरूप दो चर्चों में आगजनी भी की।
पीडि़तों से पोप की मुलाकात सैंटियागो स्थित वेटिकन के दूतावास में हुई। वेटिकन के प्रवक्ता ग्रेग बर्के ने बताया है कि मुलाकात के समय पोप और पीडि़त बच्चों के अलावा अन्य कोई मौजूद नहीं था। ऐसा इसलिए था, क्योंकि पोप पीडि़तों की आपबीती उनके मुख से सुनना चाहते थे। प्रवक्ता ने मुलाकात की इससे ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
दौरे में यौन शोषण के शिकार लोगों से पोप की यह दूसरी मुलाकात है। इससे पहले सन 2015 में फिलेडेल्फिया की यात्रा में पोप फ्रांसिस यौन शोषण के शिकार लोगों से मिले थे। पोप की इस ताजा मुलाकात पर अर्जेटीना के बिशप की ओर से अटपटी टिप्पणी आई है। उन्होंने कहा, पोप हमेशा चर्च पदाधिकारियों के यौन शोषण की चर्चा करते हैं। वह राजनीतिज्ञों के ऐसे ही आचरण पर कभी नहीं बोलते।
चिली के मामले में पोप फ्रांसिस द्वारा 2015 में नियुक्त बिशप जुआन बैरोस आए हैं। बैरोस पर अपने पूर्व संरक्षक फादर फर्नांडो कार्दिमा को यौन शोषण के मामलों में बचाने का भी आरोप है। वैसे सन 2011 में कार्दिमा वेटिकन द्वारा कराई गई जांच में दोषी साबित हो चुके हैं। वह बच्चों के वर्षों तक शोषण के दोषी पाए गए हैंDainik Jagran, Wed Jan 17 2018 

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