चापलूसों_भांडों_विदूषकों....मोदी गया....तो देश तुम्हे माफ नहीं करेगा.....
मोदीजी को शपथ लिए महज़ एक पखवाड़ा हुआ था, जिओ टीवी,पाकिस्तान की एक डिबेट में एक रिटायर्ड पाकी जनरल कह रहा था,"संभल जाओ,पाकिस्तानियों, दहशतगर्दी को लगाम दो, अब भारत की गद्दी पर मनमोहन सिंह नहीं,मोदी बैठा है,छोड़ेगा नहीं" मोदी की उस वक्त भारतीय उपमहाद्वीप में छवि ऐसी थी कि पाकिस्तानियों, भारत मे सेकुलर गद्दारों को भी सांप सूंघा हुआ था ....
आह भारत ! तेरी किस्मत ! आज एक योद्धा को सत्ता-पिपासु-धर्मनिरपेक्ष बनते और सर्वत्र समझौते करते देखना एक दुःस्वप्न के साकार होने जैसा है ! #आपने बड़ी मेहनत और ईमानदारी से बनाई अपनी 12 साल की तपस्या को क्यों तिरोहित होने दिया ?....
दरअसल नरेंद्र भाई नहीं हारे,भारत और हिंदुत्व हार गया ! वह हिंदुत्व,जिसने तुम्हे खड़ा किया था,सर्वोच्च शक्तियां दी थी......तुम्हे न्यायालयों,मीडिया और कश्मीरी भेड़ियों से समझौते करते और उनके हिसाब से चलते देखना, तुम्हारा #अटल_बिहारी-'देवेगौड़ा' बन जाना है ! मनमोहन सिंह जैसे निकम्मों तक ने कभी जजों,मीडिया और अपने विरोधियों के आगे समर्पण नहीं किया,बेशक यूपीए सरकार धूर्त्तम-भ्रष्टतम सरकार थी......
उस शासन व्यवस्था को क्या कहा जाये जो हर रोज़ शाम को होने वाली राजनीतिक टीवी बहसों से निर्देशित होती हो...मुल्ले-मौलवी,कश्मीरी,पाकिस्तानी और तमाम देश के दुश्मन, मीडिया घरानों के माध्यम से 'राष्ट्रवादी सरकार' को परिचालित करते हों .....किसी भी संस्थान पर आपका नियंत्रण क्यों नही है,मोदी साहेब ? आपका सूचना प्रसारण मंत्री देश के दुश्मनों को इतना बड़ा मंच क्यों प्रदान करता है ?.....
नरेंद्र भाई ,आपको ज्ञात होना चाहिए था कि सत्ता के सिंघासन के नीचे हमेशा चापलूस,भाट और झूठी तारीफ करने वाले भांड छुपे होते हैं,जो कभी राजा को उसकी त्रुटियों , विद्रोही हो रही प्रजा की भावनाओं से अवगत नहीं होने देते ! दुर्भाग्य से आपके मंत्रिमंडल से लेकर फेसबुक तक मे ऐसे भांड छुपे बैठे हैं जो आपकी छुटपुट सफलताओं को नमक-मिर्च लगाकर आपके गौरव गीत गाकर आपको खुश करते रहते हैं ! जब तक धधकती सीमाएं हैं,देशद्रोही कश्मीरी,रोहिंग्या और भारत मे बैठे पाकिस्तान समर्थक ,प्रतिवर्ष 3-4 करोड़ की दर से बढ़ती जनसंख्या और घुसपैठ पर अंकुश करने के प्रयास नहीं दिखते......आपका गद्दी पर बैठना उतना ही निररुद्देश्य है जितना मनमोहन का गद्दी पर दस साल तक डटे रहना था......
कल श्रीनगर के डिप्टी ग्रांड मुफ़्ती ने मुस्लिमों के 17 करोड़ हो जाने के आधार पर पुनः भारत के विभाजन की मांग रखी ! कोई बात नहीं,कश्मीरी भेड़ियों से आप इससे ज़्यादा उम्मीद कर भी नहीं सकते....मगर जिस तरह इस मांग पर टीवी चैनलों पर खुल के डिबेट होने लगी,डिबेटों में पाकिस्तानी,कश्मीरी अलगाववादी और विभाजन के समर्थकों को खुल कर स्थान दिया गया ....यह आपके और सूचना प्रसारण मंत्री का एक बार पुनः फेल्योर और निकम्मापन है ! इसे खुलेपन का नाम मत दीजिए.....
याद रखिए,1946 के पूर्वार्ध तक कांग्रेसी, प्रथक पाकिस्तान की मांग का उपहास करते थे..... बाद में 30 लाख हिंदुओं की लाशों पर पाकिस्तान बना ......आज कश्मीर से त्रिपुरा,मणिपुर,उत्तराखंड और पुडुचेरी तक मुस्लिम बेहद सक्षम रूप से देश के चारों कोनों में मौजूद हैं .....
मोदी साहेब ! हमे विकास नहीं....भारत का अस्तित्व चाहिए,भारत माता की इज़्ज़त और प्रतिष्ठा अक्षुष्ण चाहिए ,जो फिर खतरें में दिख रही है....
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