Wednesday 31 January 2018



चीन ने कहा, मोदी सरकार के आने के बाद से बढ़ रही भारत की जोखिम लेने की क्षमता !
डोकलाम में भारत के दबाव में पीछे हटने को मजबूर हुए चीन ने मोदी सरकार की विदेश नीति पर महत्वपूर्ण टिप्पणी की है। चीन ने कहा है कि मोदी सरकार में भारत की विदेश नीति काफी जीवंत और मुखर हुई है। चीन के एक प्रमुख सरकारी थिंक-टैंक के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत की जोखिम लेने की क्षमता बढ़ रही है। चाइना इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज (CIIS) के उपाध्यक्ष रोंग यिंग ने कहा कि पिछले तीन साल से ज्यादा समय में भारत की डिप्लोमैसी काफी दृढ़ हुई है।
चीन के विदेश मंत्रालय से संबद्ध थिंक-टैंक के अधिकारी ने कहा कि भारत ने काफी अलग और अद्वितीय 'मोदी डॉक्ट्रीन' बनाई है। नए हालात में एक महाशक्ति के तौर पर भारत के उभार की यह एक रणनीति है। CIIS जर्नल में लिखे एक लेख में ये बातें कही गई हैं। मोदी सरकार पर किसी भी चीनी थिंक-टैंक द्वारा इस तरह की यह पहली टिप्पणी है। रोंग बतौर चीनी राजनयिक भारत में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
उन्होंने काफी गहराई से भारत के चीन, दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के साथ संबंधों और अमेरिका व जापान के साथ घनिष्ठ रिश्तों की समीक्षा की है। उनका कहना है कि मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति काफी मुखर होती जा रही है, हालांकि इससे पारस्परिक लाभ हो रहा है। भारत-चीन संबंध पर रोंग ने कहा कि जबसे मोदी प्रधानमंत्री बने हैं, दोनों देशों के बीच संबंध स्थिर बने हुए हैं।

रोंग ने मोदी द्वारा शपथ ग्रहण समारोह में दक्षिण एशिया के सभी पड़ोसी देशों के नेताओं को बुलाने की उनकी नीति की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि पुराने प्रशासन की तुलना में मोदी डॉक्ट्रीन ने अपनी अथॉरिटी के साथ ही पड़ोसियों को लाभ पहुंचाने पर फोकस किया। इसके साथ ही दक्षिण एशिया में भारत के प्रभाव बढ़ाने की भी कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान को लेकर भारत सख्त है। मोदी सरकार को पीओके से भारत के खिलाफ काम कर रहे आतंकियों के बेस पर हमला करने में थोड़ी भी हिचकिचाहट नहीं हुई। उन्होंने म्यांमार सीमा पर भारतीय सैनिकों की कार्रवाई का भी जिक्र किया।

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