Wednesday, 10 January 2018

विज्ञान से संबंधित 24 रोचक तथ्य (2)1.अगर किसी एक आकाश गंगा के सारे तारे नमक के दाने जितने हो जाए तो वह पूरा का पूराOlympic swimming poolभर सकते हैं.2.आम तौर पे classes में पढ़ाया जाता है कि प्रकाश की गति 3 लाख किलोमीटर प्रति सैकेंड होती है. पर असल में यह गति 2,99,792 किलोमीटर प्रति सैकेंड होती है. यह 1,86,287 मील प्रति सैकेंड के बराबर होती है.3.हर एक सैकेंड में 100 बार आसमानी बिजली धरती पर गिरती है. हर साल आसमानी बिजली से 1000 लोग मारे जाते हैं.4.प्रकाश को धरती की यात्रा करने के लिए सिर्फ 0.13 सैकेंड लगेगें.5.अगर हम प्रकाश की गति से अपनी नजदीकी गैलैक्सी(Galaxy) पर जाना चाहे तो हमें 20 साल लगेगें.6.हवा तब तक आवाज नही करती जब यह किसी वस्तु से ना टकराए।7.क्विक सिल्वर या पारा ऐसी एकमात्र धातु है, जो तरल अवस्था में रहती है और इतनी भारी होती है कि इस पर लोहा भी तैरता है।8.जब पानी से बर्फ बन रही होती तो लगभग 10% पानी तो उड़ ही जाता है. इसलिए ही हमारे फ्रिज में Tray (ट्रे) पर पानी जमा हो जाता है.टैल्क पत्थर9.शरीर पर लगाए जाने वाले सुगंधित पाउडर को टैल्कम पाउडरइसलिए कहते हैं क्योंकि वह ‘टैल्क’ नामक पत्थर से बनाया जाता है।10.दुनिया के सबसे महंगे पदार्थ की कीमत सुनकर आप हैरान रह जाएंगे। इसका नाम जानने के बाद आप ये सोंच भी नहीं सकेंगे कि वाकई में इसकी कीमत इतनी ज्यादा होगी। आपमें से ज्यादातर लोग इसे सोना, चांदी या हीरा मान रहे होंगे। अगर ऐसा है तो आपको गलतफहमी में है। दुनिया की सबसे महंगा पदार्थएंटीमैटर(प्रतिपदार्थ)है। प्रतिपदार्थ पदार्थ का एक ऐसा प्रकार है जो प्रतिकणों जैसे पाजीट्रान, प्रति-प्रोटान, प्रति-न्युट्रान मे बना होता है. ये प्रति-प्रोटान और प्रति-न्युट्रान प्रति क्वार्कों मे बने होते हैं. इसकी कीमत सुनकर आपके होश उड़ जायेंगे। 1 ग्राम प्रतिपदार्थ को बेचकर दुनिया के 100 छोटे-छोटे देशों को खरीदा जा सकता है। जी हां,1 ग्राम प्रतिपदार्थ की कीमत 31 लाख 25 हजार करोड़ रुपये है।नासा के अनुसार,प्रतिपदार्थ धरती का सबसे महंगा मैटीरियल है। 1 मिलिग्राम प्रतिपदार्थ बनाने में 160 करोड़ रुपये तक लग जाते हैं। जहां यह बनता है, वहां पर दुनिया की सबसे अच्छी सुरक्षा व्यवस्था मौजूद है। इतना ही नहीं नासा जैसे संस्थानों में भी इसे रखने के लिए एक मजबुत सुरक्षा घेरा है। कुछ खास लोगों के अलावा प्रतिपदार्थ तक कोई भी नहीं पहुंच सकता है। दिलचस्प है कि प्रतिपदार्थ का इस्तेमाल अंतरिक्ष में दूसरे ग्रहों पर जाने वाले विमानों में ईधन की तरह किया जा सकता है।11.विश्व की सबसे भारी धातु ऑस्मियम है। इसकी 2 फुट लंबी, चौड़ी व ऊँची सिल्ली का वज़न एक हाथी के बराबर होता है।12.नाभिकीय भट्टियों में प्रयुक्त गुरु-जल विश्व का सबसे महँगा पानी है। इसके एक लीटर का मूल्य लगभग 13,500 रुपये होता है।13.वैज्ञानिकों ने बताया है कि मुर्गी अंड़े से पहले आई थी क्योंकि वह प्रोटीन जो अंड़ो के cells को बनाता है केवल मुर्गीयों में ही पाया जाता है.14.1894 में जो सबसे पहला कैमरा बना था उससे आपको अपनी फोटो खिचवाने के लिए उसके सामने 8 घंटे तक बैठना पड़ेगा.15.नील आर्मस्ट्राँग ने सबसे पहले अपना बाँया पैर चँद्रमा पर रखा था और उस समय उनके दिल की धड़कन 156 बार प्रति मिनट थी.केनिस मीजोरिम और सुर्य की तुलना16.जैसा के ऊपर बताया हया है कि सबसे बड़ा ज्ञात ताराकेनिस मीजोरिमहै. इसका अर्धव्यास हमारे सुर्य से 600 हुना ज्यादा है जबकि वजन(द्रव्यमान) सिर्फ 30 गुना ज्यादा. चित्र में इसकी हमारे सुर्य से तुलना दिखाई गई है।17.अब तक का सबसे बड़ा ज्ञात तारा Canis Majoris(केनिस मीजोरिस) है. यह इतना बड़ा है कि इसमें 7 000 000 000 000 000 पृथ्वीयाँ समा सकती हैं. दुसरे शब्दों में अगर पृथ्वी का आकार अक मटर के दाने जितना क दिया जाए तो Canis Majoris का व्यास(diameter) 3 किलोमीटर होगा.18.सूर्यमंडल के बाहर सबसे पहले खोजा जाने वाला ग्रह 1990 में खोजा गया था. हमारे ब्रहाम्ण्ड में लगभग 40*1021ग्रह हैं. पर अबी तक सिर्फ 800 ग्रह ही खोजे हए हैं.19.बृहस्पति का गेनीमेड चंन्द्रमा सुर्यमंडल में एकलौती वस्तु है जो कि किसी ग्रह से बड़ी है. गेनीमेड का आकार बुद्ध ग्रह से ज्यादा है.20.किसी तारे की मौत एक सुपरनोवा धमाके से होती है. इस धमाके के कारण पैदा होने वाली वाली उर्जा हमारे सुर्यके जीवन काल दौरान पैदा होने वाली उर्जा से कई लाख गुना ज्यादा होती है.21.हम नंगी आँख से रात को लगभग 6,000 तारों को देख सकते हैं. अगर हम दुरबीन का प्रयोग करें तो 50,000 देख सकते हैं.22.न्युट्रॉन तारे इतने घने होते हैं कि उनका आकार तो एक गोल्फ बाल जितना होता है मगर द्रव्यमान(वज़न) 90 अरब किलोग्राम होता है.ओलंपस मॉन्स23.हमारे सुर्यमंडल पर सबसे ऊँची चोटी ओलंपस मॉन्स है जोकि मंगल ग्रह पर स्थित है. इसके आधार का घेराव लगभग 600 किलोमीटर है ओर इसकी ऊँचाई 26 किलोमीटर है. माउंट ऐवरेस्ट की ऊँचाई 8.848 किलोमीटर है.24.अगर धरती का आकार एक मटर जितना कर दें तो बृहस्पति इससे 300 मीटर दूर होगा और पलुटो 2.5 किलोमीटर . मगर पलुटो आपको दिखेगा नही क्योंकि तब इसका आकार एक बैकटीरीया जितना होगा.

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