Sunday, 7 January 2018

भारत को घेरने की पाकिस्तान और चीन की चाल का पर्दाफाश,
 बॉर्डर पर बना रहे कई एयरबेस और बंकर
चीन भारत को घेरने के लिए कश्मीर से गुजरात तक पाकिस्तान की जमीन पर एयरपोर्ट का जाल बिछा रहा है.
जैसलमेर के घोटारु सीमा के ठीक सामने 25 किमी. की दूरी पर कदनवाली के खेरपुर में एयरबेस तैयार हो चुका है.
इसके अलावा पाकिस्तान के अन्य एयरबेसों को चीनी सैनिक अत्याधुनिक भी बना रहे हैं.
जैसलमेर: चीन अब पाकिस्तान के रास्ते भारत की घेराबंदी की साजिश रच रहा है. पाकिस्तान की भारत से मिलती सीमा पर भारी संख्या में चीनी सैनिकों की मौजूदगी लगातार बढ़ती जा रही है. चीन भारत को घेरने के लिए कश्मीर से गुजरात तक की सीमा पर पाकिस्तान की जमीन पर एयरपोर्ट का जाल बिछा रहा है. चीनी सैनिकों के भारतीय सीमा के पास एयरपोर्ट बनाने की गति इतनी तेज है कि पिछले चार महीने में दो एयरपोर्ट बन चुके हैं और दो एयरपोर्ट बन रहे हैं.
भारतीय सीमा से 25 किमी. दूर बना एयरबेस
जानकारी के मुताबिक राजस्थान की जैसलमेर के घोटारु सीमा के ठीक सामने 25 किमी. की दूरी पर कदनवाली के खेरपुर में एयरबेस तैयार हो चुका है. यहां पर चीनी सैनिकों की मौजूदगी कुछ महीनों में बढ़ी है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने इस एयरबेस पर मिग-21 के समकक्ष चीन से मिले चेनगुड जे-7 फाइटर विमान, जे.एफ-17 फाइटर विमान, वाई-8 रडार और कई अत्याधुनिक संसाधन उतर रहे हैं.
चीनी सैनिक गुजरात से सटी पाक सीमा पर भी बनवा रहे हैं एयरबेस
इसी तरह बाड़मेर के मुनाबाव के सामने थारपारकर में भी चीनी सैनिक एयरपोर्ट बना रहे हैं. इसकी दूरी भी भारतीय सीमा से करीब 25 किमी. है. ये एयरबेस फिलहाल बन रहा है. चीनी सैनिक केवल राजस्थान सीमा पर हीं नही गुजरात से लगती सीमा पर भी एयरपोर्ट तैयार कर रहे हैं. गुजरात की सीमा के सामने 20 किमी. दूर मिठी (पाकिस्तान) में एक एयरबेस बन रहा है. इसी तरह चीन-पाकिस्तान कारिडोर के नाम पर रेल पटरियां बिछाने की भी योजना है. जिस पर काम चल रहा है.
सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने दोनों देशों के बीच फ्लैग मीटिंग के दौरान बताया कि चीन की मदद से बने इस एयरपोर्ट का इस्तेमाल चीन की तेल और गैस निकालने वाली कंपनियां करेंगी क्योंकि कराची एयरपोर्ट से इन्हें यहां तक पहुंचने में दिक्कतें आती थीं लेकिन ये पाकिस्तान और चीन जैसे भारत के धोखेबाज दुश्मनों की चाल भी हो सकती है जिस पर भारत को कड़ी नजर रखनी होगी.
खुफिया जानकारी के अनुसार जैसलमेर के सामने पाकिस्तान के पीरकमाल और चोलिस्तान में बड़ी संख्या में चीनी सैनिक देखे जा रहे हैं. जो कि भारत के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं. वर्षों से विरान पड़े रेगिस्तान में चीन की दिलचस्पी और सामरिक ठिकानों को बनाने का काम भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए हैरान करने वाला है.
अत्याधुनिक किए जा रहे हैं पाकिस्तान के एयरबेस
इसके अलावा ये भी जानकारी आई है कि पाकिस्तान के कराची, जकोकाबाद, क्वेटा, रावलपिंडी, सरगोडा, पेशावर, मेननवाली और रिशालपुर जैसे एयरबेस को चीनी सैनिक अत्याधुनिक बना रहे हैं और वहां पर भारी संख्या में चीनी सैनिक मौजूद हैं.
चीनी मदद से बन रहे हैं पक्के बंकर
चीन केवल सामरिक ठिकाने ही नहीं तैनात कर रहा है बल्कि बीकानेर से लेकर गुजरात की सीमा पर पाकिस्तान को पक्के बंकर बनाने में भी मदद कर रहा है. जिसकी इक्सक्लूसिव तस्वीरें 'जी न्यूज' के पास हैं. रेत के टीलों में पक्के बंकर का निर्माण भी भारतीय सुरक्षा एजेंसियों के लिए कान खड़े करने वाले हैं. अब तक 350 से ज्यादा बंकर चीनी मदद से पाकिस्तान तैयार कर चुका है. इन बंकरों को झाड़ियों के नीचे छुपाकर बनाया जा रहा है. साथ ही इनमें ऐसे पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है जिससे ये साफ-साफ न दिखें. इस तरह के तैयारियों को देखकर भारत के खिलाफ पाकिस्तान और चीन की किसी नई साजिश का अंदेशा होता है.
सिर्फ बंकर और एयरबेस ही नहीं और भी स्तर पर चल रही है तैयारी
पाकिस्तान चीन की मदद से केवल केवल बंकर ही नहीं बल्कि इन इलाकों में डिफेंस कैनाल, स्वांप्स और रोड नेटवर्क जैसे इंफ्रास्ट्रक्चर भी बना रहा है. पाकिस्तान के गब्बार और चावलिस्तान सेक्टर में नए बीओपी का निर्माण काफी तेजी से हो रहा है. भारतीय खुफिया एजेंसियों की मानें तो बंकर के लिए जिन पत्थरों का इस्तेमाल किया जा रहा है वो इन इलाकों में नहीं मिलते हैं. निर्माण में इस्तेमाल हो रहे पत्थर काले पत्थर हैं जबकि रेगिस्तान में सफेद और पीले पत्थर हैं जो बारिश में घुल जाते हैं और कमजोर होते हैं जबकि ये पत्थर हमेशा के लिए हैं. इनकी जमीन से ऊंचाई इतनी रख रहे हैं कि रेत में दब नहीं पाएं.
थार का रेगिस्तान चीन के लिए बन रहा है सोने की अंडे देने वाली मुर्गी
जैसलमेर के तनोट लोंगेवाला क्षेत्र से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा के सामने सीमा पर तो भारतीय सीमा से मात्र 7-8 किलोमीटर अंदर तक चीनी गतिविधियां देखी जा सकती हैं. कहा जा रहा कि चीनी कंपनियों को पाकिस्तान के घोट की जिले में जबरदस्त तेल के भंडार मिले हैं. पाकिस्तान ऑयल कंपनी द्वारा चाइनीज कंपनी की मदद से यहां पर भारी मात्रा में तेल का उत्पादन किया जा रहा है. इस क्षेत्र में पावर, तेल और गैसें की करीब 30 चीनी कंपनियों के 10000 चाइनीज अधिकारी और कर्मचारी तेल, गैस खोज कार्यों व तेल उत्पादन में लगे हुए हैं. इनकी आवाजाही इन इलाकों में देखी जा रही है. इस संबंध में खुफिया विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जैसलमेर के लोंगेवाला क्षेत्र से लगती अंतर्राष्ट्रीय सीमा के सामने सीमा पार पाकिस्तानी क्षेत्र में पाकिस्तानी ऑयल कंपनी ने चाइनीज तेल कंपनी की मदद से सीमा पर सड़क, नहर, पेट्रोलपंप का जाल बिछा रही है.

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