सफ़ेद चोले पहनकर दुनिया की नज़र में शरीफ बनकर अंदर ही अंदर काले धंधे करने वाले ईसाई मिशिनरी ऑफ़ चैरिटी के गोरखधंधे का बड़ा पर्दाफाश हुआ था. वर्षों से छोटे छोटे बच्चों को बेचने का काम सिस्टर धड़ल्ले से कर रही थी और किसी को कानों कान खबर तक नहीं थी. ऐसे में अब मोदी सरकार ने सभी मिशिनरी संस्थाओं के खिलाफ तगड़ा एक्शन लिया है जिसकी बहुत ज़रुरत थी.
अभी मिल रही बड़ी खबर के मुताबिक केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बच्चों के बेचने के स्कैंडल मामले में मिशनरीज के अंतर्गत आने वाले चाइल्ड केयर चैरिटी होम्स की जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही मंत्रालय को कहा है कि देशभर के ऐसे चैरिटी केयर होम्स की जांच की जाए कि वहां पर क्या हालात है? ऐसे चाइल्ड केयर होम्स को लेकर के कई तरह के आरोप लगने शुरू हो गए थे कि बाकी जगहों पर भी जांच की जानी चाहिए. झारखंड के रांची में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात शिशु को बेचने का आरोप लगने के बाद मेनका गांधी ने यह कदम उठाया है. इस मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है और कई लोगों से पूछताछ कर रही है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक मेनका ने राज्यों को बच्चों के देखभाल की संस्थाओं यानी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन के पंजीकरण और महीने भर के भीतर केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से जोड़ना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम 2015 के तहत चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में पंजीकरण व CARA से जोड़े जाने की अनिवार्यता है.
यह अधिनियम 2 साल पहले लागू किया गया था, लेकिन कुछ अनाथालय इसकी वैधता को अदालत में चुनौती भी दे चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वैधता को चुनौती देने के मामले में याचिकाओं को खारिज कर चुका है. साथ ही साल 2015 के अधिनियम की वैधता को अपने दिसंबर 2017 के आदेश में बरकरार रखा है.
इसके बाद से करीब 2,300 चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन को CARA से जोड़ा गया है और करीब चार हजार चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन को इससे जोड़ा जाना बाकी है. तो वहीँ हर बार की तरह बंगाल की ममता बनर्जी भी कूद पड़ी हैं उन्होंने मोदी सरकार पर ही उल्टा आरोप लगाया है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदर टेरेसा द्वारा स्थापित इस संस्था का समर्थन करते हुए कहा था कि उसे ‘दुर्भावनावश और बदनाम करने के लिए’ लक्षित किया जा रहा है
अभी मिल रही बड़ी खबर के मुताबिक केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बच्चों के बेचने के स्कैंडल मामले में मिशनरीज के अंतर्गत आने वाले चाइल्ड केयर चैरिटी होम्स की जांच के आदेश दिए हैं. साथ ही मंत्रालय को कहा है कि देशभर के ऐसे चैरिटी केयर होम्स की जांच की जाए कि वहां पर क्या हालात है? ऐसे चाइल्ड केयर होम्स को लेकर के कई तरह के आरोप लगने शुरू हो गए थे कि बाकी जगहों पर भी जांच की जानी चाहिए. झारखंड के रांची में मदर टेरेसा की संस्था मिशनरीज ऑफ चैरिटी की संस्था पर नवजात शिशु को बेचने का आरोप लगने के बाद मेनका गांधी ने यह कदम उठाया है. इस मामले में मिशनरीज ऑफ चैरिटी होम के खिलाफ कार्रवाई भी की जा रही है. मामले में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है और कई लोगों से पूछताछ कर रही है.
महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के मुताबिक मेनका ने राज्यों को बच्चों के देखभाल की संस्थाओं यानी चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन के पंजीकरण और महीने भर के भीतर केंद्रीय दत्तक ग्रहण संसाधन प्राधिकरण (कारा) से जोड़ना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है. किशोर न्याय (बाल देखभाल एवं सुरक्षा) अधिनियम 2015 के तहत चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में पंजीकरण व CARA से जोड़े जाने की अनिवार्यता है.
यह अधिनियम 2 साल पहले लागू किया गया था, लेकिन कुछ अनाथालय इसकी वैधता को अदालत में चुनौती भी दे चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने वैधता को चुनौती देने के मामले में याचिकाओं को खारिज कर चुका है. साथ ही साल 2015 के अधिनियम की वैधता को अपने दिसंबर 2017 के आदेश में बरकरार रखा है.
इसके बाद से करीब 2,300 चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन को CARA से जोड़ा गया है और करीब चार हजार चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन को इससे जोड़ा जाना बाकी है. तो वहीँ हर बार की तरह बंगाल की ममता बनर्जी भी कूद पड़ी हैं उन्होंने मोदी सरकार पर ही उल्टा आरोप लगाया है. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मदर टेरेसा द्वारा स्थापित इस संस्था का समर्थन करते हुए कहा था कि उसे ‘दुर्भावनावश और बदनाम करने के लिए’ लक्षित किया जा रहा है
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