श्रीमती एमिली शेंकल जर्मनी निवासी ने 1937 में भारत मां के सबसे लाडले बेटे #सुभाषचंद्रबोस से विवाह किया और एक ऐसे देश को अपनी ससुराल के रूप में चुना जो गुलाम था फिर भी वह बहुत खुश थी उसने अपने पति का आजादी की लड़ाई मे भरपूर सहयोग दिया श्रीमती एमिली शेंकल बोस ने अपने प्रयास से सुभाष चंद्र बोस की मुलाकात जर्मनी के तानाशाह सासक हिटलर से करवाई ओर भारत को आजादी दिलाने मे सहयोग की पेशकश की थी जिसे हिटलर ने स्वीकार किया ओर भरपूर मदद भी की अपने मित्र राष्ट् जापान से भी मदद दिलवाई सैनिक उपलब्ध करवाये फिर भी हमारे आजाद देश ने
इस बहू के आगमन के लिए कभी इस बहू का स्वागत नहीं किया....
गया न ही इस बहू के आगमन में किसी ने मंगल गीत गाये और न उसकी बेटी के जन्म पर कोई सोहर गायी गई.......
भारत की राजनीति मे किसी भी दल ने कभी कहीं जनमानस में चर्चा तक नहीं हुई के वो कैसे जीवन गुजार रही है.......
सात साल के कुल वैवाहिक जीवन में सिर्फ 3 साल ही उन्हें अपने पति के साथ रहने का अवसर मिला, फिर उन्होंने नन्हीं सी बेटी ओर पत्नी को छोड़ पति देश के लिए लड़ने चला आया भारत इस वादे के साथ के पहले देश को आज़ाद करा लूं फिर तो सारा जीवन तुम्हारे साथ बिताना ही है.....
आजादी की लड़ाई मे नागालैंड की राजधानी कोहिमा से पूर्व दिशा मे जसामी मसूरी-केफरी रोङ पर मात्र 20 KM दूर चकभामा जगह से सुभाष चंद्र बोस ने हेलिकॉप्टर से अंतिम उड़ान भरी थी जिसके बाद जापान सरकार ने उनकी जान की रक्षा के लिए एक अफवाह फैलाई की बोस की विमान हादसे मे मोत हो गई लेकिन वहा से सुरक्षित उन्हे दुसरे देश भेज दिया गया जबकि यह अफवाह जारी रखी गई कि जबकि ऐसा हुआ नहीं औऱ 1945 में एक कथित विमान दुर्घटना में वो लापता हो गए......!
मरे नही थे मे EX आर्मी कमांडो पूर्ण विश्वास के साथ यह लेख तथ्यो के साथ लिखा है।
उस समय #एमिलीशेंकल बेहद युवा थीं ओर बहुत ही खूबसूरत ओर समझदार थी, चाहतीं तो यूरोपीय संस्कृति के हिसाब से दूसरा विवाह कर सकतीं थीं पर उन्हों ने ऐसा नहीं किया और सारा जीवन बेहद कड़ा संघर्ष करते हुए बिताया....
वह जर्मनी मे एक तारघर की मामूली क्लर्क की नौकरी और बेहद कम वेतन के साथ वो अपनी बेटी को पालतीं रहीं न किसी से शिकायत की न कुछ मांगा.......
मागा -----भी तो केवल अपना हक केवल एक बार अपनी ससुराल की जमीन के दर्शन ओर इस भारत भूमि को नमन करना चाहती थी।
लेकिन गद्दार कांग्रेस के गाँधी खान परिवार ने उनको भारत आने की अनुमति नही दी भारत सरकार से वीजा नही दिया गया।
भारत भी तब तक आज़ाद हो चुका था और वे चाहतीं थीं कम से कम एक बार उस देश में आएं जिसकी आजादी के लिए उनके पति ने जीवन दिया .....
भारत का एक अन्य राजनीतिक गांधीखान परिवार इतना भयभीत था इस एक महिला से के जिसे सम्मान सहित यहां बुला देश की नागरिकता देनी चाहिए थी उसे कभी भारत का वीज़ा तक नहीं दिया गया.......
आखिरकार बेहद कठिनाइयों भरा, और किसी भी तरह की चकाचोंध से दूर रह बेहद साधारण जीवन गुजार श्रीमती एमिली शेंकल ने मार्च 1996 में गुमनामी में ही जीवन त्याग दिया......
मे EX आर्मी कमांडो उन्हे शत् शत् नमन करता हू
श्रीमती एमिली शेंकल का पूरा नाम था "#श्रीमतीएमिलीशेंकलबोस"
ओर बेटी का नाम
"#अरूणाबोस/अनिता बोस" पुत्री श्री सुभाष चंद्र बोस है, जो इस देश के सबसे लोकप्रिय आजादी के महानायक जननेता नेताजी सुभाष चन्द्र बोस की धर्मपत्नी थीं ! और जिन्हें गांधी कुनबे ने कभी इस देश में पैर नहीं रखने दिया.....
शायद नेहरू और उसका कुनबा जानता था ये देश इस विदेशी बहू को सर आंखों पर बिठा लेगा जैसा कि अब विदेशी सोनिया गाँधी खान के साथ हो गया है, उन्हें एमिली बोस का इस देश में पैर रखना अपनी सत्ता के लिए चुनोती लगा......और शायद था भी सत्य।
कांग्रेसी और उनके जन्मजात अंध चाटुकार, कुछ पत्रकार , और इतिहासकार (?) अक्सर विदेशी मूल की राजीव की बीवी मतलब पप्पूआ की अम्मा को देश की बहू का ख़िताब दे डालते है.....उसकी कुर्बानियों (जोकि हैं नहीं) का बखान बेहिसाब कर डालते है.....
क्या एंटोनिया (सोनिया) माइनो कभी भी श्रीमती एमिली बोस के पैरों की धूल भी नही हो सकती, या उनकी मौन कुर्बानियों के सामने कहीं भी ठहर सकती है क्या ....!!!!!!!!
अपील आप सभी देशभक्त हिन्दू भाई-बहनो से
इस पोस्ट को शेयर करके हर भारतीय देशभक्त सुभाष चंद्र बोस के परिवार को उनकी बेटी जो हम सभी भारतीयो का फर्ज बनता है कि न्याय दिलाने मे सहयोग करे ओर हम कर भी सकते है
क्योंकि आज भारत मे BJP की सरकार है हो सकता है मोदी यह देशहित मे देश की बेटी को भारत बुलाकर उन्हे वो सम्मान दे जिसकी वो हकदार है
क्योंकि आज भारत मे BJP की सरकार है हो सकता है मोदी यह देशहित मे देश की बेटी को भारत बुलाकर उन्हे वो सम्मान दे जिसकी वो हकदार है
पोस्ट को सरकार तक पहुचाने मे शेयर करके सहयोग करे गोरी सरकार से किये हुए इन काले अंग्रेज़ों के काले एग्रीमेंट , जो आज भी यथावत लागू है , के अनुसार मुझे नहीं लगता कि कोई भी सरकार ऐसा श्रेष्ठ कदम उठायेगी । इसके लिए तो आम हिंदुस्तानी को ही आवाज़ उठानी होगी । जय हिंद
= देशभक्ती; धार्मिक; राजनीतिक; पर आधारित बिल्कुल सत्य जानकारी के लिए आप हमसे मित्रता कर सकते है या हमे फॉलो कर सकते है
= EX आर्मी कमांडो
श्री लिलाधर लमोरिया
जय श्री राम राम
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श्री लिलाधर लमोरिया
जय श्री राम राम
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