Wednesday 11 July 2018

sochna padega

हम संगीनों के साये में मंदिर जाते हैं,
वे चौराहों पर बेफिक्र नमाज़ पढ़ते हैं...
हम बहुसंख्यक हैं-?
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सिर्फ हवस का पुजारी क्यों ?
हवस का मौलाना... एवम हवस का पादरी ...क्यों नहीं ??
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जब गजनवी सोमनाथ विध्वंस कर रहा था तो पुजारी लोगों को समझा रहे थे कि भैरव प्रकट होंगे और अभी सब म्लेच्छों का वध कर देंगे. मगर भैरव नहीं आए. कायरों के लिए कोई नहीं आता, न भैरव, न पुतिन न ट्रंप न मोसाद.
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पाकिस्तानियों से गुप्त मीटिंग,
चीनियों से गुप्त मीटिंग और अब
मुस्लिम स्कालर्स से गुप्त मीटिंग। आप समझ रहे है न इस देशहित को..?
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मुसलमान कुरान की बात मानेगा., ईसाई बाईबल की बात मानेगा ..! सब ठेका सिर्फ हिंदुओं ने लिया है ?
हम भी श्रीमद्भागवत गीता की सुनेंगे ...
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नहेरु , एक मुस्लिम खानदान है उसके कई एक्ज़ाम्पल है
==नहेरु खानदान अगर हिन्दू होता तो काश्मीर से काश्मीरी पंडितो को भगाया न होता= अगर हिन्दू होता तो गाय वध का कानून पारित करा दिया होता= तो इंदिरा गाँधी [यानी मैमुना बेगम ] अफगानिस्तानमे जा के बाबर की मज़ार पे माथा टेकने न जाती== हिन्दू होता तो देश को सेक्युलरिज़्म का ज़हर न देता==मुस्लिम परसनल लो बोर्ड की स्थापना इंदिरा गाँधी ने की थी उनके सभी कारनामे ऐसे ही थे ये मुस्लिम देश बनानेकी ये गर्भित साजिस है ?

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