Saturday, 14 July 2018

चर्च द्वारा भारत की पहचान बदलने का षड्यंत्र -संघ परिवार रास्ते की बाधा
जिस प्रकार पाकिस्तान अपने आतंकवादियों को कश्मीर में घुसाने के लिए सीमा पर गोलीबारी करता है और उसकी आड़ में आतंकवादी भारत में घुस आते हैं उसी प्रकार सोनिया बिग्रेड भारत की राष्ट्रवादी शक्तियों पर सम्प्रदायिक और अल्पसंख्यक विरोधी होने का प्रहार करती हैं और पश्चिमी शक्तियां उसी की आड़ में भारत स्थित विदेशी चर्च मिशनरियों को धन मुहैया करवाती है। भारत में सोनिया गांधी के नेतृत्व में प्रशासन चर्च को अपने क्रियाकलापों के लिए उर्वरा भूमि प्रदान करता है और देश में मतांतरण का काम निर्बाध चलता रहता है। मतंातरण से राष्ट्रांतरण होता है धीरे धीरे भारत की पहचान धंुधली पड़ती है और एक नए राष्ट्र की पहचान उभरने लगती है। भारत में सोनिया गांधी द्वारा सत्ता सूत्र सम्भाल लेने के बाद चर्च और सोनिया काग्रेस की एक नई सांझेदारी विकसित हुई है। इसमें निश्चित ही वेटिकन की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस पूरे षड्यंत्र के रास्ते में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और राष्ट्रवादी शक्तियां बाधा हैं। अतः संघ परिवार की राष्ट्रवादी पहचान पर सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस भीतर से प्रहार करती है और पश्चिमी शक्तियां बाहर से। कांग्रेस और चर्च का भारत की पहचान धुंधली करने का यह संयुक्त षड्यंत्र है। चर्च की रणनीति को समझने के लिए उसकी पृष्टभूमि को जानना अनिवार्य है।

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