Tuesday 17 July 2018

2005 मे मनमोहन सिंह doctorate की डिग्री लेने ox ford यूनिवर्सिटी गए ! वह समारोह पूरी दुनिया मे live चल रहा था वहाँ उन्होने बहुत ही तकलीफ देने वाला भाषण दिया जो किसी भी स्वाभिमानी भारतीय को नीचा दिखा सके ! उन्होने भाषण की शुरुवात ही ऐसे करी ! हम अंग्रेज़ो के बहुत ही आभरी है की उन्होने भारत मे आकर अपनी सरकार बनाई ! हम अंग्रेज़ो के बहुत आभारी है जो उन्होने आकर भारत मे शिक्षा व्यवस्था दी ! हम अंग्रेज़ो के बहुत आभारी है जो उन्होने यहाँ आकर न्याय व्यवस्था स्थापित करी ! हम अंग्रेज़ो के बहुत आभारी है जो उन्होने भारतीय लोगो को विज्ञान सिखाया ! हम अंगेजों के बहुत आभारी है जो उन्होने हमे विज्ञान और तकनीकी का अंतर समझाया ! हम अंग्रेज़ो के बहुत आभारी है जो उन्होने अँग्रेजी भाषा हमको बताई ! और ऐसा ही वो 40 मिनट तक बोलते रहे !
इस विडियो में देखिए भारत की शिक्षा अंग्रेजो के पहले कैसी थी और अब कैसी हो गई है >>
अगले दिन क्या हुआ लंदन के सभी अखबरों मे मनमोहन सिंह का ये वक्तव्य छपा ! और इस वक्तव्य के साथ सभी समाचार पत्रो मे संपादकीय टिपणी भी छपी और ज़्यादातर संपादकीय टिपनियों मे ये छपा की हमारे देश इंग्लैंड के पूर्व प्रधानमंत्री विंस्टल चर्चिल ने 1945 मे ये कह दिया था की ये देश आजाद होने लायक देश नहीं है !
और भारत के प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह कल लंदन मे व्याख्यान देकर ये सिद्ध कर दिया कि भारत आजादी के इतने साल बाद भी अभी मानसिक रूप से गुलाम है ! जिस देश का प्रधानमंत्री अभी भी अंग्रेज़ो के गुणगाण करता हो उस देश की जनता की मानसिक गुलामी की स्थिति क्या होगी उसका अंदाजा हम लगा सकते हैं ऐसी खूब लंबी संपादकीय टिपणी उसमे की !!

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