मोदी को न चाहने वाले तो भाजपा में 2014 से पहले से ही थे।
#सुषमा_ताई ने 2013 में ये खुद कहा था कि मोदी को इतनी जल्दी पीएम घोषित नहीं करना चाहिये।
#सुषमा_ताई ने 2013 में ये खुद कहा था कि मोदी को इतनी जल्दी पीएम घोषित नहीं करना चाहिये।
हमें ये भी याद है कि कैसे उस समय समीकरण बन रहे थे कि यदि 150-200 सीटें आयीं तो कौन पीएम बनेगा, 200-250 आयी तो कौन बनेगा।
उस पर कमाल ये था कि इतनी सीटें भी ये मोदी के नाम पर ही लाना चाहते थे और फिर मोदी को चाय में पड़ी मक्खी की तरह निकाल देना था कि तुम तो साम्प्रदायिक हो, तुम्हारे नाम पर कोई गठबंधन नहीं करेगा।
उस पर कमाल ये था कि इतनी सीटें भी ये मोदी के नाम पर ही लाना चाहते थे और फिर मोदी को चाय में पड़ी मक्खी की तरह निकाल देना था कि तुम तो साम्प्रदायिक हो, तुम्हारे नाम पर कोई गठबंधन नहीं करेगा।
लेकिन जब अपेक्षा से भी अधिक पूर्ण बहुमत आ गया तो सब के सब सहम गये।
मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाना सबकी मजबूरी हो गयी।
पासवान की तरह 【सरकार किसी की बने, केबिनेट मंत्री वो बनते ही बनते थे】 ही बांकी सबने सोचा कि गठबंधन कर लो, कुछ तो मिलेगा सत्ता में तो रहेंगे।
लेकिन झटका लगना तब शुरू हुआ जब मोदी ने कहा दिया कि #ना_खाऊंगा और #ना_खाने_दूंगा
जो लोग मलाई चाटने की वजह से सरकार बनने से खुश थे उनके दिल टूट गये।
मोदीजी को प्रधानमंत्री बनाना सबकी मजबूरी हो गयी।
पासवान की तरह 【सरकार किसी की बने, केबिनेट मंत्री वो बनते ही बनते थे】 ही बांकी सबने सोचा कि गठबंधन कर लो, कुछ तो मिलेगा सत्ता में तो रहेंगे।
लेकिन झटका लगना तब शुरू हुआ जब मोदी ने कहा दिया कि #ना_खाऊंगा और #ना_खाने_दूंगा
जो लोग मलाई चाटने की वजह से सरकार बनने से खुश थे उनके दिल टूट गये।
इसके बाद उन लोगों को दिल टूटे जिन्हें लगता था कि मोदी हमारी तो सुनेगा ही, और जैसा हम 【सही-गलत】 कहेंगे, वो तो करेगा ही।
वहां भी मोदी ने वही किया जो मोदी को लगता था कि यह सही है।
सबसे पहले बुजुर्गों को #मार्गदर्शन_मंडल में बैठा दिया कि आपके समय से बहुत घटिया किस्म की राजनीति चलती आ रही है, जिससे उसी तरह निपटना पड़ता है।
आप लोगों की दखल काम बिगाड़ेगी उसका नतीजा 20 राज्यों में भाजपा की सरकार आ गयी।
वहां भी मोदी ने वही किया जो मोदी को लगता था कि यह सही है।
सबसे पहले बुजुर्गों को #मार्गदर्शन_मंडल में बैठा दिया कि आपके समय से बहुत घटिया किस्म की राजनीति चलती आ रही है, जिससे उसी तरह निपटना पड़ता है।
आप लोगों की दखल काम बिगाड़ेगी उसका नतीजा 20 राज्यों में भाजपा की सरकार आ गयी।
इसके बाद उन गुटों 【तोगड़िया जैसे】 को धक्का लगा जो सोच रहे थे कि आज तक विरोधियों की दबंगई चलती थी अब हम भगवा गमछा डाल इन्हें बतायेंगे कि सरकार हमारी है।
परन्तु वहां भी इन पर लगाम लगा दी गयी।
नतीजा एक और धड़ा गुस्सा।
परन्तु वहां भी इन पर लगाम लगा दी गयी।
नतीजा एक और धड़ा गुस्सा।
इसके बाद वो कार्यकर्ता जो सोंचते थे कि अब तो ठेंके अपने को मिलेंगे और अपन पैसे बनायेंगे, लेकिन मोदी ने कहा कि #ट्रांसपेरेंसी होगी।
साथ ही #बिचौलिये आदि भी कोई नहीं बनेगा तो एक धड़ा यहां और नाराज हो गया।
साथ ही #बिचौलिये आदि भी कोई नहीं बनेगा तो एक धड़ा यहां और नाराज हो गया।
इसके बाद सबसे बड़ी चोट जो विरोधियों पर मारी वो थी #नोटबंदी
इसके होते ही सब पागल हो गये उसमे क्या भाजपा और क्या अन्य दल ये सबकी जमा पूंजी पर भयानक चोट थी ऊपर से ये तुर्रा कि मोदी ने बिना किसी को बताये अचानक नोटबंदी कैसे कर दी।
इस नोटबंदी ने अच्छों अच्छों की चूलें हिलाकर रख दीं लोगों के चुनाव हिल गये।
इसके बाद उस पैसे का पीछा करते हुये तरह तरह के बैरियर बनते गये जो आज तक बने हैं और नये नये बनते जा रहे हैं।
इसके होते ही सब पागल हो गये उसमे क्या भाजपा और क्या अन्य दल ये सबकी जमा पूंजी पर भयानक चोट थी ऊपर से ये तुर्रा कि मोदी ने बिना किसी को बताये अचानक नोटबंदी कैसे कर दी।
इस नोटबंदी ने अच्छों अच्छों की चूलें हिलाकर रख दीं लोगों के चुनाव हिल गये।
इसके बाद उस पैसे का पीछा करते हुये तरह तरह के बैरियर बनते गये जो आज तक बने हैं और नये नये बनते जा रहे हैं।
आज का सत्य यह है कि तुम आज के मनुष्य से उसकी आस्था छीन लो तो चलेगा लेकिन उससे उसका पैसा मत छीनों।
और रही बची कसर तब पूरी हो गयी जब जीएसटी लागू हो गयी, जिसे अब तक टालने का भरपूर प्रयास किया जा रहा था।
लोगों का अर्थ तंत्र टूटते ही वो पागल हो गये।
कांग्रेस ने तो ये तक स्वीकार लिया था कि यदि कर्नाटक हारे तो हमारे पास 2019 लड़ने के पैसे तक नहीं होंगे।
यूं ही सरकार बनने को लड़ाई नहीं हुई कर्नाटक में।
और रही बची कसर तब पूरी हो गयी जब जीएसटी लागू हो गयी, जिसे अब तक टालने का भरपूर प्रयास किया जा रहा था।
लोगों का अर्थ तंत्र टूटते ही वो पागल हो गये।
कांग्रेस ने तो ये तक स्वीकार लिया था कि यदि कर्नाटक हारे तो हमारे पास 2019 लड़ने के पैसे तक नहीं होंगे।
यूं ही सरकार बनने को लड़ाई नहीं हुई कर्नाटक में।
अब हर कोई चाहता है कि आडवाणी जी, आपका हिंदुत्व वाला भाजपा फिर भी ठीक था #अटल_जी वाली भाजपा सरकार बहुत अच्छी थी।
आप हिंदुत्व करते थे, हम सेकुलरिज्म।
लेकिन आपके चेले ने तो हमारी कमाई पर हमला कर दिया है, ये बर्दाश्त नहीं।
इसलिये अब ये तो नहीं कह सकते कि आर्थिक रूप से हम लुट चुके हैं कंगाल हो चुके हैं।
NPA वसूलने के नाम पर हमें यहां वहां रगड़ा जा रहा है, हमारी कंपनियां बंद करवाई जा रही है, उन्हें बेंचा जा रहा है, हमारे हवाले के सारे रास्ते बंद हैं और ऊपर से हम पर केस भी चल रहे हैं जिसमे हम कभी भी अंदर जा सकते हैं।
आप हिंदुत्व करते थे, हम सेकुलरिज्म।
लेकिन आपके चेले ने तो हमारी कमाई पर हमला कर दिया है, ये बर्दाश्त नहीं।
इसलिये अब ये तो नहीं कह सकते कि आर्थिक रूप से हम लुट चुके हैं कंगाल हो चुके हैं।
NPA वसूलने के नाम पर हमें यहां वहां रगड़ा जा रहा है, हमारी कंपनियां बंद करवाई जा रही है, उन्हें बेंचा जा रहा है, हमारे हवाले के सारे रास्ते बंद हैं और ऊपर से हम पर केस भी चल रहे हैं जिसमे हम कभी भी अंदर जा सकते हैं।
हमे तो लगा था कि आपका चेला भी हमारे चेले #केजरी की तरह सिर्फ सबूतों का ड्रामा करेगा और फिर चुप हो जायेगा लेकिन वो तो जिस एजेंडे पे आया था उस पर बरकरार है।
अब हमारे जो अधिकारी आज भी मंत्रालय में हैं वो कितना और कहां तक रोकेंगे, आप लोग कुछ करिये।
भले ही 2019 में आप लोग सरकार में आ जाना लेकिन इस #मोदी_शाह की जोड़ी को हटाओ हमें आप मंजूर हैं लेकिन ये किसी भी हाल में नहीं।
अब हमारे जो अधिकारी आज भी मंत्रालय में हैं वो कितना और कहां तक रोकेंगे, आप लोग कुछ करिये।
भले ही 2019 में आप लोग सरकार में आ जाना लेकिन इस #मोदी_शाह की जोड़ी को हटाओ हमें आप मंजूर हैं लेकिन ये किसी भी हाल में नहीं।
तो जैसे शुरू में कहा कि मोदी को तो कोई नहीं चाहता था तो वो नफरत मोदी के प्रति आज भी है।
मोदी ने तो सबको सम्मान दिया, उचित पद दिया लेकिन किसी को वित्त में पकड़ चाहिये थी तो किसी को किसी अन्य में ताकि मोदी चाहकर भी कुछ न कर सके और पब्लिक अंत में सारा गुस्सा मोदी पर निकाले।
#सुब्रमण्यम_स्वामी भी तो यही कहते हैं कि मोदी के दुश्मन उनकी सरकार में ही बैठे हैं।
अब सबका मकसद है मोदी को कैसे भी हटाओ।
कोई और "भाजपा सरकार" बना ले लेकिन मोदी नहीं।
तो फिर क्या बहाना बनाकर हटायें..??
क्योंकि उपरोक्त बातें बाहर आयेंगी तो मोदी का कद और बढ़ेगा, तो कहो कि मोदी ने अपने कोर मुद्दे छोड़ दिये हैं।
मोदी तो #सेक्युलर हो गया है। उसके एक लाख काम मे से कोई एक सेक्युलर वाला काम दिन भर मीडिया में चलाओ और बताओ कि मोदी तो हिंदुओ को चिढ़ा रहा है।
उसने नैतिकता तक त्याग दी है।
अपने गिरोह के मंत्रियों से वो काम करवाओ जिससे मोदी की छवि को नुकसान हो।
फिर फेसबुक में अपने गिरोह के बड़े चेहरों से लिखवाओ कि बिना मोदी की परमीशन के तो सरकार में कुछ नहीं होता, इसलिये जो कुछ भी कर रहा है, वो मोदी ही कर रहा है।
मोदी ने तो सबको सम्मान दिया, उचित पद दिया लेकिन किसी को वित्त में पकड़ चाहिये थी तो किसी को किसी अन्य में ताकि मोदी चाहकर भी कुछ न कर सके और पब्लिक अंत में सारा गुस्सा मोदी पर निकाले।
#सुब्रमण्यम_स्वामी भी तो यही कहते हैं कि मोदी के दुश्मन उनकी सरकार में ही बैठे हैं।
अब सबका मकसद है मोदी को कैसे भी हटाओ।
कोई और "भाजपा सरकार" बना ले लेकिन मोदी नहीं।
तो फिर क्या बहाना बनाकर हटायें..??
क्योंकि उपरोक्त बातें बाहर आयेंगी तो मोदी का कद और बढ़ेगा, तो कहो कि मोदी ने अपने कोर मुद्दे छोड़ दिये हैं।
मोदी तो #सेक्युलर हो गया है। उसके एक लाख काम मे से कोई एक सेक्युलर वाला काम दिन भर मीडिया में चलाओ और बताओ कि मोदी तो हिंदुओ को चिढ़ा रहा है।
उसने नैतिकता तक त्याग दी है।
अपने गिरोह के मंत्रियों से वो काम करवाओ जिससे मोदी की छवि को नुकसान हो।
फिर फेसबुक में अपने गिरोह के बड़े चेहरों से लिखवाओ कि बिना मोदी की परमीशन के तो सरकार में कुछ नहीं होता, इसलिये जो कुछ भी कर रहा है, वो मोदी ही कर रहा है।
धीरे धीरे इसे यहां लाओ कि हम भाजपा को आज भी प्यार करते हैं, लेकिन ये मोदी पाखंडी है, हमें ये नहीं चाहिये।
क्योंकि मोदी के हटते ही सबकी राजनीति वापस अपनी पटरी पर लौट आयेगी, फिर भले ही सरकार भाजपा की क्यों ना हो।
मोदी का #कांग्रेस_मुक्त हर हाल में रोंकना है।
क्योंकि मोदी के हटते ही सबकी राजनीति वापस अपनी पटरी पर लौट आयेगी, फिर भले ही सरकार भाजपा की क्यों ना हो।
मोदी का #कांग्रेस_मुक्त हर हाल में रोंकना है।
ये मोदी #दीर्घकालिक राजनीति पर काम कर रहा है।
जबकि राजनिति तो ऐसी होती है कि 5-10 साल तुम खाओगे और फिर 5-10 साल हमें खाने दो।
याद कीजिये अटल जी का 2001 का वो इंटरवयू जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री होते हुये भले ही मेरे आस पास भीड़ है लेकिन फिर भी मैं #अकेला हूं।
जबकि राजनिति तो ऐसी होती है कि 5-10 साल तुम खाओगे और फिर 5-10 साल हमें खाने दो।
याद कीजिये अटल जी का 2001 का वो इंटरवयू जिसमें उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री होते हुये भले ही मेरे आस पास भीड़ है लेकिन फिर भी मैं #अकेला हूं।
बस कैसे भी यही हाल मोदी का भी करना है।
क्योंकि 2019 हम सबके लिये भी अंतिम अवसर है और समस्त मोदी विरोधियों के लिये भी ये अंतिम अवसर है।
क्योंकि 2019 हम सबके लिये भी अंतिम अवसर है और समस्त मोदी विरोधियों के लिये भी ये अंतिम अवसर है।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
हमारे देश मे गद्दारों की कमी नही है, सीमा पर तो सैनिक निपट लेंगे लेकिन आप हिंदुओं के हक के लिए लड़ाई लड़ो, लड़़ नही सकते तो लिखो, लिख नही सकते तो बोलो, बोल नहीं सकते तो साथ दो।
अगर कुछ न कर सको तो दूसरों का मनोबल भी मत गिराओ क्योकि कहीं न कहीं कोई आपके हक की लड़ाई लड़ रहा है।
अगर कुछ न कर सको तो दूसरों का मनोबल भी मत गिराओ क्योकि कहीं न कहीं कोई आपके हक की लड़ाई लड़ रहा है।
,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,
आप ने क्या सोचा था नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार आएगी तो क्या होगा .
देश के २३ करोड़ मुसलमानो को समुद्र में फेंक दिया जायेगा .
स्कूलों में भागवत गीता और रामायण पढाई जाएगी .
पकिस्तान को परमाणु बम्ब फेंककर ध्वस्त कर दिया जायेगा .
देश में किसी मुस्लिम का पासपोर्ट नहीं बनने दिया जायेगा .
पूरे देश के स्कूल कॉलेजों में ड्रेस भगुआ हो जाएगी .
और सुप्रीमकोर्ट को धता बताकर रातों रात मंदिर निर्माण शुरू कर दिया जायेगा .
अगर आप की ऐसी अपेक्षाएं थीं तो आप गलत हैं . भारत एक अपने संविधान से बंधा हुआ , धर्मनिरपेक्ष , लोकतांत्रिक देश है . यकीनन आज नरेंद्र मोदी की सरकार बनवाने में आप का और हमारा सहयोग रहा होगा किन्तु .......
आजादी के बाद पहली बार भारत का प्रधानमंत्री छाती ठोककर कहता है कि मैं हिन्दू हूँ . अपने धर्म की परंपरा , भक्ति , माइथोलोजी और आस्थाओं का पालन करता हूँ और सब धर्मो का सम्मान करता हूँ . प्रधानमंत्री दुनिया के किसी भी देश में जाते हैं तो हिन्दू मंदिरो में जाकर हिंदुइज्म को गौरवान्वित करते हैं .
हमारे प्रधानमंत्री जिन्हे हमने बनाया , निहायत ही ईमानदार हैं . जहाँ कुछ साल राजनीती में रहे लोगों की कई पीढ़ियां और रिश्तेदार धन माल से लबरेज हो जाती हैं वहीं मोदी का परिवार पूर्ववत सामान्य जिंदगी जीता है . नजरें उठाकर देखिये मुलायम सिंह , मायावती , शरद पंवार , लालू यादव , प्रियंका वाड्रा , छगन भुजबल , ठाकरे परिवार और करूणानिधि को देखिये .
उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्रियों के लिए जहाँ ये प्रसिद्द था कि कम समय में असीमित धन कमाने की क्षमता रखते हैं चाहे वो खनन हो , उद्योगों के लाइसेंस परमिट हों , वैध - अवैध कत्लखाने हों , जमीन आबंटन हो या बिल्डरों से वसूली . वहीं भाजपा के ईमानदार मुख्यमंत्री की बहन बहनोई पहाड़ में एक छोटी सी दूकान चलाते हैं और शेष परिवार अत्यंत सामान्य जीवन जीता है .
क्या ये सब २०१४ में दिए अपने वोट को जस्टिफाई करने के लिए और २०१९ में भाजपा को वोट देने के लिए कम है कि प्रधानमंत्री १७ घंटे बिना रुके , बिना छुट्टी लिए काम किये जा रहे हैं . आज दुनिया में उन्होंने भारत का सम्मान बढ़ाया है . विकास को गति दी है . आतंकवाद पर नकेल कसी है और गरीब के सम्बन्ध में अनेक योजनाओं पर काम किया है .
सावधान , कहीं आप का ये अपनी ही सरकार को बार बार पिन चुभाना लुटेरों की वापसी का कारण न बन जाये .
आप ने क्या सोचा था नरेंद्र मोदी और भाजपा की सरकार आएगी तो क्या होगा .
देश के २३ करोड़ मुसलमानो को समुद्र में फेंक दिया जायेगा .
स्कूलों में भागवत गीता और रामायण पढाई जाएगी .
पकिस्तान को परमाणु बम्ब फेंककर ध्वस्त कर दिया जायेगा .
देश में किसी मुस्लिम का पासपोर्ट नहीं बनने दिया जायेगा .
पूरे देश के स्कूल कॉलेजों में ड्रेस भगुआ हो जाएगी .
और सुप्रीमकोर्ट को धता बताकर रातों रात मंदिर निर्माण शुरू कर दिया जायेगा .
अगर आप की ऐसी अपेक्षाएं थीं तो आप गलत हैं . भारत एक अपने संविधान से बंधा हुआ , धर्मनिरपेक्ष , लोकतांत्रिक देश है . यकीनन आज नरेंद्र मोदी की सरकार बनवाने में आप का और हमारा सहयोग रहा होगा किन्तु .......
आजादी के बाद पहली बार भारत का प्रधानमंत्री छाती ठोककर कहता है कि मैं हिन्दू हूँ . अपने धर्म की परंपरा , भक्ति , माइथोलोजी और आस्थाओं का पालन करता हूँ और सब धर्मो का सम्मान करता हूँ . प्रधानमंत्री दुनिया के किसी भी देश में जाते हैं तो हिन्दू मंदिरो में जाकर हिंदुइज्म को गौरवान्वित करते हैं .
हमारे प्रधानमंत्री जिन्हे हमने बनाया , निहायत ही ईमानदार हैं . जहाँ कुछ साल राजनीती में रहे लोगों की कई पीढ़ियां और रिश्तेदार धन माल से लबरेज हो जाती हैं वहीं मोदी का परिवार पूर्ववत सामान्य जिंदगी जीता है . नजरें उठाकर देखिये मुलायम सिंह , मायावती , शरद पंवार , लालू यादव , प्रियंका वाड्रा , छगन भुजबल , ठाकरे परिवार और करूणानिधि को देखिये .
उत्तरप्रदेश की मुख्यमंत्रियों के लिए जहाँ ये प्रसिद्द था कि कम समय में असीमित धन कमाने की क्षमता रखते हैं चाहे वो खनन हो , उद्योगों के लाइसेंस परमिट हों , वैध - अवैध कत्लखाने हों , जमीन आबंटन हो या बिल्डरों से वसूली . वहीं भाजपा के ईमानदार मुख्यमंत्री की बहन बहनोई पहाड़ में एक छोटी सी दूकान चलाते हैं और शेष परिवार अत्यंत सामान्य जीवन जीता है .
क्या ये सब २०१४ में दिए अपने वोट को जस्टिफाई करने के लिए और २०१९ में भाजपा को वोट देने के लिए कम है कि प्रधानमंत्री १७ घंटे बिना रुके , बिना छुट्टी लिए काम किये जा रहे हैं . आज दुनिया में उन्होंने भारत का सम्मान बढ़ाया है . विकास को गति दी है . आतंकवाद पर नकेल कसी है और गरीब के सम्बन्ध में अनेक योजनाओं पर काम किया है .
सावधान , कहीं आप का ये अपनी ही सरकार को बार बार पिन चुभाना लुटेरों की वापसी का कारण न बन जाये .
No comments:
Post a Comment