Friday, 27 July 2018

mediya

ईसाइयत और इस्लाम राजनीतिक मतवाद हैँ ।उन्हें धर्म केवल 2 प्रकारके हिन्दूही कहते रहेहैं:1.मूर्ख हिन्दू, 2 दुष्ट हिन्दू।
कोईभी ईसाई ईसाइयत को धर्म नहीँ कहता, Religion कहता है।
कोई मुसलमान इस्लाम को धर्म नहीँ कहता,मज़हब ही कहताहै। अतः भारत में इस्लाम औऱ ईसाइयत के पापपूर्ण ढंगसे फैलाव को रोकना राजधर्म है।
70 वर्षोँ में हिन्दूधर्मको अरक्षित छोड़नेका पाप राजपुरुषों ने कियाहै और कररहेहैं।
कुशिक्षा के कारण हिन्दू युवा चाहतेहैं कि हिन्दू धर्माचार्य राजपुरुषों के अकर्त्तव्य से हो रही राष्ट्रीय हानि की भरपाई करें।
वे उन्हें पादरी और मुल्ला की तरह राजनैतिक व्यक्ति बनते देखना चाहते हैं। यह निपट अज्ञान है।

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अभिमन्यु कैसे मारा गया
चक्रव्यूह में फंसकर मारा गया...
लेकिन सही जवाब है.. कौरवों की वो रणनीति जिसके तहत अर्जुन को युद्धक्षेत्र से जानबूझकर इतनी दूर ले जाया गया कि वो चाहते हुए भी अपने बेटे को बचाने हेतु समय पर नहीं पहुंच सका... 

अगर अर्जुन..अभिमन्यु से दूर नहीं होता तो शायद कोई भी अभिमन्यु को मार नहीं पाता।
फिलहाल युद्धक्षेत्र सज चुका है। अभिमन्यु (नरेन्द्र मोदी) को घेरने की पूरी तैयारी हो चुकी है...कौरवों के योद्धा (कॉग्रैस, सपा ,बसपा, ममता, लालु, वांमपंथी, पाकिस्तान) इकट्ठे हो रहे हैं। अब बस आखिरी रणनीति के तहत अर्जुन को (तमाम हिन्दुओं को जातियों में तोड़ कर) रणक्षेत्र से दूर करने की कोशिश जारी है।
अब ये आप पर निर्भर है कि आप अभिमन्यु को अकेला छोड़कर उसके मरने के बाद पछताना चाहते है 

या उसके साथ खड़े रहकर ..उसे विजयी होते देखना चाहते है



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"भारत-विनाश" (विभाजन) की योजना बनाते हुए 3 विनाशक अर्थात "नेहरू", "माउंटबेटन" और "जिन्ना".


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